बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। विदित हो कि बंगाल में अगले साल विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केंद्रीय समिति ने अक्टूबर में ही पश्चिम बंगाल इकाई के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सहित सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर चुनाव लडे जाने के फैसले को मंजूरी दी थी.
अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट करके कहा, ‘आज कांग्रेस आलाकमान ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है।’ बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव को लेकर बीत दिनों पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि बंगाल में ममता बनर्जी और भाजपा दोनों को रोकने के लिए लेफ्ट और कांग्रेस में गठबंधन होना ही चाहिए। ऐसे में गुरुवार को कांग्रेस आलाकमान ने लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक मंजूरी दे दी।
गौरतलब है कि 2016 में लेफ्ट और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था तब भी अधीर रंजन चौधरी ही पार्टी के अध्यक्ष थे। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में काफी कोशिशों के बावजूद दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं. 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट ने एक साथ चुनाव लड़ा था. तब कांग्रेस विधानसभा में दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और पार्टी ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि सीपीएम को 26 और बाकी लेफ्ट के घटक दलों को कुछ सीटें मिली थी. बीजेपी मात्र 3 सीट जीत सकी थी.
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