पश्चिम बंगाल बीजेपी को तब शर्मिंदगी जैसी स्थिति से गुजरना पड़ा जब बीजेपी उम्मीदवार के रूप में घोषित किए गए दो लोगों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि उनसे सहमति नहीं ली गई। वे दोनों नेता बीजेपी के विरोधी दलों से जुड़े हुए हैं। एक कांग्रस से हैं तो दूसरे तृणमूल कांग्रेस के। बीजेपी में पहले से ही टिकट को लेकर इस बात पर अंदरूनी घमासान मचा है कि तृणमूल कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट दिए जा रहे हैं।
बीजेपी ने गुरुवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा की। इसमें 157 उम्मीदवारों के नाम थे। नामों की घोषणा के कुछ देर बाद ही पूर्व कांग्रेस नेता स्वर्गीय सोमन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा ने कह दिया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘नहीं, मैं कहीं से चुनाव नहीं लड़ रही हूँ। बिना मेरी सहमति के ही मेरा नाम घोषित कर दिया गया है। मैं बीजेपी में भी शामिल नहीं हो रही हूँ।’
बता दें कि उनसे हाल ही में तृणमूल से बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी मिले थे और अफवाह उड़ी थी कि वह बीजेपी में शामिल होंगी। शिखा मित्रा ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने उनसे बीजेपी में शामिल होने का आग्रह किया था जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था।
शिखा मित्रा ने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार के रूप में उनका नाम अचानक घोषित किए जाने से वह शर्मिंदा हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे मीडिया से पता चला कि मेरे नाम की घोषणा बीजेपी उम्मीदवार के रूप में की गई है। वे हमसे पूरी तरह से अलग हैं, मैं बीजेपी में कैसे शामिल हो सकती हूँ।’
रिपोर्ट के अनुसार, शिखा मित्रा के अलावा, बीजेपी ने टीएमसी विधायक माला साहा के पति तरुण साहा के नाम की भी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में घोषणा की थी। तरुण साहा ने भी नामांकन स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अपनी पार्टी के साथ मज़बूती से खड़े हैं।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर कटाक्ष किए हैं। ‘एनडीटीवी’ की रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘आख़िरकार बीजेपी ने दो सप्ताह के बाद पश्चिम बंगाल के उम्मीदवारों की घोषणा की और सूची में शामिल लोगों का कहना है कि वे बीजेपी में नहीं हैं और वे बीजेपी के टिकट पर नहीं लड़ रहे हैं। मिस्टर शाह, कुछ होमवर्क का समय है।’ उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है कि दो नेताओं ने पश्चिम बंगाल चुनाव लड़ने के बीजेपी की पेशकश को ठुकरा दिया।
सौज- सत्यब्यूरो