देहरादून के 200 मंदिरों में पोस्टर:‘गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित’

ऐश्वर्या एस अय्यर

यूपी के गाजियाबाद में एक मंदिर में पानी पीने गए एक मुस्लिम लड़के की पिटाई के कुछ दिन बाद अब देहरादून में 150 से ज्यादा मंदिरों में ‘गैर-हिंदुओं की एंट्री बैन’ घोषित करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं. ये दक्षिणपंथी संगठन हिंदू युवा वाहिनी ने किया है. क्विंट ने इस बात की पुष्टि की है.  

ये पोस्टर गाजियाबाद के मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती के समर्थन में लगाए गए लगते हैं. नरसिंहानंद ने गाजियाबाद के डासना के मंदिर में ऐसा ही पोस्टर लगाया है. इसी मंदिर में मुस्लिम लड़के की पिटाई की गई थी.

बैनर में लिखा है, “ये तीर्थ हिंदुओं का पवित्र स्थल है, इसमें गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है.” 

क्विंट ने देहरादून के एसपी सिटी से संपर्क कर इस मामले पर किसी विवाद के बारे में जानकारी लेनी चाही. एसपी सिटी ने कहा कि वो इस घटना के बारे में नहीं जानतीं और पहले इसकी पुष्टि करेंगी और फिर सवालों का जवाब देंगी. एसएसपी देहरादून के ऑफिस ने हमें उनके ऑफिस के PRO से संपर्क करने को कहा. प्रदीप सिंह रावत ने कहा कि पोस्टर लगाए जाने की खबर सामने आई थी लेकिन इन्हें 21 मार्च की दोपहर तक हटा दिया गया था.

जब हमने हिंदू युवा वाहिनी के उत्तराखंड अध्यक्ष गोविंद वाधवा से बात की, तो उन्होंने हंसकर कहा कि सभी पोस्टर अभी भी लगे हुए हैं.

वाधवा ने कहा कि कैंपेन 20 मार्च को शुरू हुआ था. वॉलंटियर्स ने स्थानीय लोगों की मदद से कथित रूप से 150-200 मंदिरों में पोस्टर लगा दिए हैं और ये संख्या आने वाले हफ्ते में बढ़ने की संभावना है. वाधवा ने कहा, “कभी हमारी मूर्तियां तोड़ी जाती हैं या लोग शिव मूर्ति पर पेशाब करते हैं, आपने ये सब देखा होगा और ये सब होता रहता है. ये सब हिंदू समुदाय के लोग नहीं, गैर-हिंदू करते हैं. ऐसे गैर-हिंदुओं से खुद की रक्षा के लिए ये बैनर लगाए गए हैं, जिससे ये लोग न आएं और मंदिरों की पवित्रता बनी रहे.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसी घटनाएं हाल ही में हुई हैं, तो देहरादून में एक छोटी सी दुकान चलाने वाले वाधवा ने कहा, “ये भारत में सब जगह होता है, सिर्फ यहां ही नहीं.” जब उनसे दोबारा पूछा गया कि गैर-हिंदुओं ने क्या कभी आपत्तिजनक हरकत की है और क्या इसकी FIR लिखी गई, तो वाधवा ने कहा, “नहीं, देहरादून या उत्तराखंड में हाल ही में ऐसा कुछ नहीं हुआ. हमने ये सुरक्षा के इरादे से किया है और कुछ गलत नहीं किया.”

जिन मंदिरों पर पोस्टर लगाए हैं, वो सभी देहरादून के चकराता रोड, सुद्धोवाला और प्रेम नगर, घंटाघर, सिद्धूवाला इलाके में स्थित हैं.

वाधवा ने कहा कि ये देहरादून के मंदिरों तक सीमित नहीं रहेगा. यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “हमारी योजना ऐसी ही पोस्टर उत्तराखंड के चार महत्वपूर्ण मंदिरों में लगाने की है. हम इसके लिए योजना बना रहे हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे.” 

क्या मुझे पुलिस से इजाजत लेनी होगी?’

क्या पोस्टर को लगाने के लिए इजाजत लेने की जरूरत है? वाधवा ने कहा, “मैडम क्या मुझे अपने घर की रक्षा के लिए पुलिस से इजाजत लेने की जरूरत है?”

जब उनसे पूछा गया कि ये मंदिर किसके हैं और क्या ये सरकारी हैं या प्राइवेट ट्रस्ट के, तो उन्होंने कहा, “ये हिंदू समुदाय की संपत्ति है और किसी एक व्यक्ति की नहीं. यहां इजाजत को लेकर कोई मुद्दा नहीं है.”

वाधवा ने साफ किया कि ये वो हिंदू युवा वाहिनी नहीं है, जिसे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2002 में स्थापित किया था.  

गाजियाबाद में हुई घटना के बाद BSP के धौलाना असलम चौधरी ने कहा था कि डासना का मंदिर उनके पुरखों का था और वो बोर्ड हटवाएंगे. इस दावे के बाद वाधवा ने कहा कि वो ऐसे पोस्टर उत्तराखंड के और भी मंदिरों के बाहर लगवाएंगे.

सौज- दक्विंटः लिंक नीचे दी गई है-

https://hindi.thequint.com/news/india/uttarakhand-hindu-yuva-vahini-put-up-posters-declaring-entry-ban-for-non-hindus-in-dehradun-temples

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