यूं तो मुंबई में कई अंडरवर्ल्ड सरगनाओं ने काम किया है लेकिन उनमें से एक नाम ऐसा है जो मुंबई डॉक में कुली के रूप में अपना करियर शुरू करने के बाद न सिर्फ़ बंबई का चोटी का तस्कर बना बल्कि उसने राजनीति में भी अपना हाथ आज़माया. हम बात कर रहे हैं एक ज़माने […]
Read Moreएम.ए. समीर नरेंद्र शर्मा पहले मदन मोहन मालवीय की पत्रिका ‘अभ्युदय’ से जुड़े, उसके बाद उन्होंने सिनेमा, आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी जुड़े. भारतीय सिनेमा के अभिनय सम्राट को ‘दिलीप कुमार’ नाम देने वाले और भारतीय रेडियो प्रसारण में आकाशवाणी के सबसे लोकप्रिय चैनल ‘विविध भारती ’ को ‘विविध भारती’ नाम देने वाले भी नरेंद्र […]
Read Moreप्रेम कुमार 72 बार देश को ‘मन की बात’ बता चुके हैं पीएम मोदी। मन की बात देखने वाले दर्शकों की संख्या में आश्चर्यजनक तरीक़े से कमी आती गयी है। अब इस कार्यक्रम को नापसंद करने वालों की तादाद हर उस प्लेटफ़ॉर्म पर बढ़ती चली गयी है जहाँ इसका स्ट्रीम लाइन प्रसारण होता है। गुजरात में […]
Read Moreदिल्ली । ‘साहित्य भारतीय भाषाओं में लिखा गया हो या भारतीय भूमि में या भारतीय संवेदनाओं के साथ लिखा गया हो, उसे भारतीय साहित्य के अंतर्गत परिगणित किया जाना चाहिए । भारतीय साहित्य को समझने के लिए भारत को समझना आवश्यक है । भारत एक नक्शा नहीं संस्कृति है अर्थात् भारत को एक भौगोलिक क्षेत्र […]
Read More2002 की हिंसा ने गुजरात में विभाजन मुकम्मल कर दिया। इस हिंसा ने हम जैसे बहुत से ग़ैर गुजरातियों का परिचय गुजरात से करवाया। गुजरात में जो हो रहा था, वह हमारे राज्यों में नहीं हो सकता, इस खुशफहमी में भी हम काफ़ी वक़्त तक रहे। लेकिन वहाँ जो मुसलमानों के साथ किया गया वह […]
Read Moreकोलकाता के ब्रिगेड मैदान में पश्चिम बंगाल विधानसभा के सियासी घमासान का लेफ्ट, कांग्रेस और पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंड (आईएसएफ) ने जोरदार शंखनाद किया। बीजेपी और टीएमसी से खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने की घोषणा की है। लेफ्ट, कांग्रेस और पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंड (आईएसएफ) चुनाव […]
Read Moreजर्मन तानाशाह अडोल्फ हिटलर एक तिरस्कारी और आत्म-मुग्ध व्यक्ति था. यह बात तो सब जानते हैं लेकिन लोगों को शायद ही यह पता होगा कि ये दुर्गुण उसे अपने पिता से विरासत में मिले थे. एक जैसी ही थी बाप-बेटे की आदतें. ऑस्ट्रिया के मशहूर इतिहासकार रोमान सैंडब्रुगेर ने अपनी नई किताब में हिटलर के […]
Read Moreक़मर वहीद नक़वी सरकार की नीयत पर सबसे पहला सवाल इसी तथ्य से उठ खड़ा होता है कि देश की आधी से ज़्यादा आबादी को प्रभावित करने वाले सोशल और डिजिटल मीडिया के नियमन को लाने के पहले इस पर देश भर में व्यापक चर्चा क्यों नहीं हुई? सरकार इसे चुपचाप क्यों ले आई? आख़िर […]
Read Moreज्योतिका सूद “गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लाल किले की घटना के बाद जो 257 टि्वटर हैंडल सस्पेंड किए गए थे, उनमें ‘द कारवां’ पत्रिका का टि्वटर हैंडल भी शामिल था। ज्योतिका सूद के साथ बातचीत में पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद के. जोस ने बताया कि सोशल मीडिया, पत्रकार और सरकार कैसे काम कर […]
Read Moreमुकेश बिजौले भारतीय दर्शन में रज़ा साहब का गहरा विश्वास रहा है यही कारण है कि वे आंतरिक स्तर पर आध्यात्मिक यात्रा करते हुए विंदु पर एकाग्र हो जाते हैं जो उनकी कला यात्रा का महत्वपूर्ण केंद्रीय रूपाकार है, बल्कि रंग और रूपों के माध्यम से भारतीयता को महसूस कराते हैं। रज़ा साहब भारतीय कला परम्परा […]
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