लाल किला हिंसा मामले के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को पंजाब के ज़िरकपुर से गिरफ़्तार कर लिया है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराए जाने की घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार था। हालांकि वह फ़ेसबुक पर लगातार वीडियो […]
Read Moreअंबानी और अडानी के अलावा जिनकी लार भारतीय खेती पर टपक रही है, वे हैं अमेज़न, वॉलमार्ट, फ़ेसबुक, कारगिल, आर्चर डेनियल्स मिडलैंड्स, लुई ड्रायफस, गूगल, बुंगे जैसी कंपनियाँ। इनके भारतीय सहयोगी अडानी और अंबानी हैं। भारत के सबसे अमीर और छठे सबसे धनी कॉरपोरेट नाम। ये सब भारत में भारी निवेश कर रहे हैं। “मेरी […]
Read Moreरामचंद्र गुहा रिहाना के ट्वीट पर सरकार की प्रतिक्रिया में पाखंड और बेईमानी तो थी ही, उसमें इस समझ की भी कमी थी कि किसी बात को कितना भाव दिया जाना चाहिए दो फरवरी की रात को जब मैं सोया तो मुझे यकीन था कि ‘मेरा भारत महान’ मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर है. अगली सुबह […]
Read Moreमुकेश कुमार कथाकार चंदन पांडेय का उपन्यास वैधानिक गल्प साल भर से काफ़ी चर्चा में है। समकालीन परिस्थितियों को यह उपन्यास गहरी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करता है। पूरी कथा पाठक में इतनी बेचैनी पैदा कर देती है कि वह आतंकित कर देने वाली उन परिस्थितियों और किरदारों के बारे में सोचे जो हमारे आस […]
Read Moreअनिल शुक्ल बंसी कौल ने अंततः ड्रामा स्कूल से निकलने के 11 साल बाद भोपाल में जमने का फ़ैसला करते हैं। यहाँ 1984 में उन्होंने ‘रंग विदूषक‘ नाट्य संस्था की स्थापना की। …ऐसे दौर में जबकि हिंदी रंगकर्म का आकार निरंतर संकुचित होता जा रहा है और ज़रूरत उसके भीतर लोक नाट्य के नए-नए तत्वों […]
Read Moreऑस्कर वाइल्ड (15 अक्टूबर 1854-30 नवम्बर 1900-पेरिस) – अद्भुत कल्पनाशीलता और प्रखर विचारों के धनी ऑस्कर वाइल्ड ने कई उल्लेखनीय कविता, कहानी,उपन्यास और नाटक लिखे। अँग्रेजी साहित्य में उनका नाम प्राथमिकता से लिया जाता है। विश्व की कई भाषाओं में उनकी कृतियाँ अनुवादित हो चुकी हैं। ‘द बैलेड ऑफ रीडिंग गोल’ और ‘डी प्रोफनडिस’, ‘द […]
Read Moreकृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के आह्वान पर शनिवार को किया गया चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा। चक्का जाम 12 से 3 बजे तक रहा। इस दौरान दिल्ली में कई मेट्रो स्टेशन को बंद रखा गया। इस दौरान आपातकालीन और ज़रूरी सेवाओं वाले वाहनों जैसे- एंबुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका गया। […]
Read Moreरविकान्त लाल किले की हिंसा की आड़ में सरकार बर्बरतापूर्वक किसान आन्दोलन को कुचलकर खत्म करना चाहती थी। लेकिन राकेश टिकैट सहित अन्य किसानों के गांधीवादी सत्याग्रह के कारण ही आज दोगुनी ताक़त के साथ किसान आन्दोलन खड़ा है। आश्चर्यजनक रूप से अंग्रेजी हुक़ूमत के नज़रिए से देश चलाने वाली बीजेपी सरकार चौरी चौरा के […]
Read Moreसुभाष गाताडे अगर हम बारीकी से पड़ताल करें तो पाएंगे व्यापक सामाजिक मसलों पर चुप्पी बनाए रखना हमारे अधिकतर सेलेब्रिटीज का – फिर वह चाहे बॉलीवुड के हों, खेल जगत के हो या क्रिकेट की दुनिया के हों – की पहचान बन गया है। अधिकतर लोग वैसी ही बात बोलना पसंद करते हैं जो हुकूमत […]
Read Moreअजय गुदावर्ती एकात्म राष्ट्रवाद ने अपना सारा ध्यान मतदाताओं, निर्वाचन क्षेत्रों और स्थानीय मुद्दों पर लगा रखा है, जो राष्ट्रीय मुद्दों को उठाने वाले जवाबी नैरेटिव को भोथरा बना दे रहा है। कई लोगों के दिलोदिमाग में निश्चित तौर पर यह सवाल गहरा रहा होगा कि क्या दो महीनों से चले आ रहे किसानों के […]
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