Author: admin

आरके लक्ष्मण : जिनकी रेखाएं हमारे चेहरे की धूल बुहारती थीं- प्रियदर्शन

January 27, 2021

लक्ष्मण को जो भारत मिला, वह कई मायनों में बहुत सहनशील था. तब राजनीति और विचारधाराएं व्यंग्य का बुरा नहीं मानती थीं और कार्टूनों पर हंसने का सलीका जानती थीं ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के एक कोने में बैठा उनका कॉमन मैन बरसों नहीं, दशकों तक सबको कभी गुदगुदाता, कभी नाराज़ करता रहा, समाज, राजनीति और […]

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नेताजी हमसे पूछते हैं, तुमने मर्यादा का कौन सा मान कायम किया?- अपूर्वानंद

January 25, 2021

एक राज्य की मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री को मर्यादा का ध्यान दिलाया। अवसर बड़ा था। सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती का। एक ऐसे व्यक्ति के स्मरण का जिसने खुद को देश के लिए क़ुर्बान कर दिया। ऐसे व्यक्ति की स्मृति ही एक मर्यादा बाँध देती है। आपके बेलगाम आवेग, आपकी आत्मग्रस्तता को कुछ […]

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कृष्णा सोबती: लोकतंत्र की हिफाजत में प्रतिरोध की एक बुलंद आवाज

January 25, 2021

अमरीक सिंह कृष्णा सोबती उन लोगों में शामिल नहीं थीं जो यह मानते हैं कि एक लेखक का काम सिर्फ लिखना होता है साहित्य-संस्कृति के इतिहास ने कृष्णा सोबती के नाम बहुत कुछ दर्ज किया है. उनके लिखे अल्फाज जिंदगी के हर अंधेरे कोने में दिया बनके कंदीलें जलाने को तत्पर मिलते हैं. फूलों को […]

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बंगाल का सामूहिक विवेक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भाजपा के मंसूबे

January 23, 2021

अनिल जैन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन बंगाल और बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी राजनीति का विश्लेषण कर रहे हैं।   भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा रहा है कि वह ‘पार्टी विद डिफरेंस’ यानी दूसरे दलों से अलग है। उसका यह दावा सही भी […]

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आरएसएस से उलट नेताजी मुग़ल काल को भारत का स्वर्ण काल मानते थे

January 23, 2021

उग्र हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी भले ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अपना साबित करने और उनकी विरासत को हड़पने की कोशिश कर रही हो, सच यह है कि मुसलमानों पर सुभाष बाबू की राय बीजेपी की राय से बिल्कुल अलग थी।  ‘द इंडियन स्ट्रगल’ इसे नेताजी की अधूरी किताब ‘द […]

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भगत सिंह की नजर में सुभाष चंद्र बोस संकीर्ण और नेहरू दूरदृष्टि वाले क्रांतिकारी थे – अपूर्वानंद

January 23, 2021

आम धारणा है कि भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस की राजनीतिक सोच एक ही थी जबकि बोस और नेहरू, आजादी से पहले वाले भारत की राजनीति के दो विपरीत ध्रुव थे. एक बड़ा वर्ग है जो मानता है कि नेहरू ने आराम की जिंदगी जी थी जबकि बोस ने पहले इंडियन सिविल सर्विस की […]

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‘तांडव’ हिंदू विरोधी नहीं बल्कि कुछ जगहों पर प्रो-हिंदू है

January 22, 2021

शुभम उपाध्याय भगवान शिव वाले सीन से जुड़े अनावश्यक विवाद में कोई तांडव के उस पक्ष की ओर क्यों नहीं देखता जो प्रो-हिंदू है? एक लोकतांत्रिक किरदार जिसका नाम शिवा है वह अपनी पार्टी खड़ी करते वक्त कहता है कि ‘हम सबके अंदर एक गुस्सा है. बहुत सारा गुस्सा… और मेरा तो नाम ही शिवा […]

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स्वयं प्रकाश की स्मृति में आयोजित वेबिनार: “सौ रंगों की भाषाओं वाले कहानीकार हैं स्वयं प्रकाश – असग़र वजाहत “

January 21, 2021

दिल्ली। ‘स्वयं प्रकाश की कहानियां, कहानी के कहानीपन को तोड़ती हैं। उनकी भाषा कभी संस्मरण की भाषा का रूप ले लेती है तो कभी रेखाचित्र, डायरी और अख़बार की भाषा के रूप में हमारे सामने आती है। उनकी भाषा के अनेक रंग-बिरंगे रूप हैं। स्वयं प्रकाश के कहानियों की उपलब्धि उनकी भाषा के यही सौ […]

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ट्रंप के अमेरिका से क्या मोदी सबक लेंगे?

January 20, 2021

डॉ. अजय कुमार भारत में फ़र्जी ख़बरों और उकसावे वाले भाषणों की प्रवृति और प्रकृति बहुत कुछ वैसी ही है, जैसी अमेरिका में ट्रंप समर्थक लोगों को दिन-रात झूठी और फ़र्जी ख़बरों के माध्यम से संसद भवन पर हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसाया जाता था और उन्हें आश्वस्त किया जाता था कि इस हिंसक क़ानूनी […]

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क्या व्हाट्सएप से हो रहा पलायन पूरी तरह से संभव है?

January 20, 2021

अंजलि मिश्रा व्हाट्सएप की नई यूजर पॉलिसी के चलते भारत में भी दसियों लाख लोग दूसरे मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने लगे हैं पहला हफ्ता खत्म होने के साथ व्हाट्सएप पर नए साल की शुभकामनाओं का सिलसिला थमा ही था कि व्हाट्सएप यूजर्स की स्क्रीन पर एक संदेश पॉप-अप हुआ और व्हाट्सएप पर व्हाट्सएप से […]

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