Author: admin

किसान आंदोलनः 5 बड़े चेहरे जो सरकार के सामने डटकर खड़े हैं

December 10, 2020

किसान आंदोलन के बीच कुछ किसान नेता सरकार के सामने अपनी मांगों को पूरी हिम्मत और जज्बे के साथ रखते नजर आए जिन्होंने सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. दरअसल, धरना और प्रदर्शन में हजारों की भीड़ होती है लेकिन कुछ चेहरे होते हैं जो बागडोर संभालते हैं या कहें सबको एक […]

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भविष्यवादी दृष्टि के कथाकार थे स्वयं प्रकाश – प्रो नवलकिशोरः संभावना संस्थान, चित्तौड़गढ़ द्वारा वेबिनार आयोजित

December 10, 2020

चित्तौड़गढ़।  ‘स्वयं प्रकाश की आस्था अंध आस्था नहीं है अपितु उनकी आस्था भविष्यवादी दृष्टि से निर्मित हुई है जो पाठकों को कभी निराश नहीं होने देती।’ उक्त विचार सुप्रसिद्ध आलोचक एवं उदयपुर विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो नवलकिशोर ने संभावना संस्थान द्वारा आयोजित वेबिनार ‘यादों में स्वयं प्रकाश’ में व्यक्त किए। हिंदी के प्रसिद्ध […]

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स्मृति शेष: वह हारनेवाले कवि नहीं थे- विष्णु नागर

December 10, 2020

मंगलेश डबराल को याद करते हुए वरिष्ठ कवि-लेखक विष्णु नागर लिखते हैं- वह हमारे समय के सबसे चर्चित और सबसे सक्रिय कवियों-लेखकों में थे। उनकी निगाहें साहित्य ही नहीं, हमारे समय के राजनीतिक विद्रूप पर भी लगातार रहती थी। वह इस समय जितने बेचैन, व्यथित और बदलने की इच्छा से भरे हुए थे,ऐसे हिंदी कवि […]

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मंगलेश डबराल: राजनीतिक चेतना और मानवीय आभा से दीप्त कवि का जाना- प्रियदर्शन

December 10, 2020

हिंदी के प्रख्यात कवि मंगलेश डबराल का निधन हो गया। वह 72 साल के थे। कुछ हफ़्ते पहले कोरोना पॉजिटिव होने के पश्चात से उनकी तबीयत लगातार ख़राब होती गई । मंगलेश  डबराल को 2000 में उनकी कविता संग्रह ‘हम जो देखते हैं’ के लिए साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया था। वह दुनिया भर में हिंदी […]

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कहानीः सीमा के पार का आदमी – रघुवीर सहाय

December 9, 2020

रघुवीर सहाय (9 दिसम्बर 1929 – 30 दिसम्बर 1990)- हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार व पत्रकार । साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित। उनके साहित्य में पत्रकारिता का और उनकी पत्रकारिता पर साहित्य का गहरा असर रहा है। उनकी रचनाएं आज़ादी के बाद विशेष रूप से सन् ’60 के बाद के भारत की तस्वीर को समग्रता में पेश करती हैं। उनकी […]

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अमिताभ कांत जी, आपको ऐसा लगता है कि भारत में ज़्यादा लोकतंत्र बचा है?

December 9, 2020

पवन उप्रेती भारत की आम जनता के लिए नीतियां बनाने वाले आयोग यानी नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के एक बयान को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। अमिताभ कांत ने कहा है कि भारत में बहुत ज़्यादा लोकतंत्र है और ऐसे में कठोर सुधारों को लागू कर पाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने […]

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विवादित कृषि क़ानून वापस नहीं लिए गए तो छोटे किसान खत्म हो जाएंगे!

December 9, 2020

अजय कुमार भले ही ये कहा जा रहा है कि मौजूदा आंदोलन में बड़े किसानों की सहभागिता अधिक है लेकिन हक़ीक़त यह है कि अगर एमएसपी की गारंटी नहीं मिली और तीनों क़ानून वापस नहीं लिए गए तो छोटे किसानों का भारतीय कृषि में बचा हिस्सा भी खत्म हो जाएगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की […]

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गौतम नवलखा का चश्माः बंबई हाईकोर्ट ने कहा- इंसानियत से बड़ी चीज़ कुछ भी नहीं है!

December 9, 2020

भीमा कोरेगांव केस के सिलसिले में मुंबई की तलोजा जेल में बंद वरिष्‍ठ पत्रकार गौतम नवलखा को उनके परिवार की ओर से भेजा गया चश्‍मा जेल अधिकारियों द्वारा न दिए जाने पर बंबई उच्‍च न्‍यायालय ने कड़ा रुख़ अपनाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि अब जेल अधिकारियों को मानवता सिखाने के लिए […]

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भारत बंद से दबाव में सरकारः देर रात शाह के साथ बैठक बेनतीजा, आज की बातचीत टली

December 9, 2020

भारत बंद को मिले व्यापक जनसमर्थन और जबरदस्त सफलता से दबाव में आई केन्द्र सरकार की ओर से गृहमंत्री अमित शाह ने कल देर रात किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया मगर बैठक बेनतीजा रही और आज की वार्ता भी टाल दी गई। । आज कैबिनेट की आपात बैठक है और शाम को विपक्षी […]

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नफरत के दौर में शांति की बात करना अपराध बन गया है – -राम पुनियानी

December 8, 2020

जहाँ गाँधी के नेतृत्व में राष्ट्रीय आंदोलन ने लोगों को एक किया वहीं सांप्रदायिक ताकतों जैसे मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा और आरएसएस ने धर्म-आधारित पहचान पर जोर दिया. ये प्रवृत्तियां, उस सम्प्रदायवादी राजनीति का हिस्सा थीं जिसने लोगों को एक करने के राष्ट्रीय आन्दोलन के अभियान को कमज़ोर किया. आज स्वतंत्रता के सात दशक बाद […]

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