उर्दू की प्रगतिशील धारा के कवियों में जनाब वामिक़ जौनपुरी एक रौशन मीनार की तरह दीप्तिमान हैं. वामिक जौनपुरी के ख़्वाब के तजुर्बे बहुत दिलचस्प भी हुआ करते. उन्होंने कई ऐसे ख़्वाबों के बारे में लिखा है जो हर रोज़ रात को वहाँ से शुरू होते, जहाँ सुबह आँख खुलने पर छूट गए थे. उनकी मशहूर […]
Read Moreविलिए दि ल’आइल-एदम. ( 7 नवंबर 1838 – 19 अगस्त 1889) फ्रेंच. लेखक । कहानी, उपन्यास एवं नाटक की रचना । सूरज डूब चुका था। सारागोसा का वयोवृद्ध धर्माधिकारी पेड्रो अर्बुएज डि’एस्पिला अँधेरी सीढ़ियों से उतर रहा था। उसके पीछे-पीछे एक जल्लाद और आगे-आगे लालटेनें लिए हुए दो सेवक चल रहे थे। वह एक गुप्त […]
Read Moreविश्वप्रसिद्ध रचना ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के लेखक डैनियल डेफो, (1660 -1731) बहुआयामी किस्म के व्यक्ति थे, व्यापारी थे, पत्रकार थे, लेखक थे, पर्चे भी लिखते थे। लंदन के निवासी रहे डैफो ने उनके जमाने में आए प्लेग की महामारी – जिसमें हजारों लोग मर गए थे – पर बाकायदा एक लम्बा पर्चा लिखा है- ‘ए जर्नल आफ द […]
Read Moreअवधेश कुमार सिंघु बॉर्डर परआंदोलन कर रहे किसानों के शुरुआती दिनों से ही मीडिया का एक तबका उनके खिलाफ दुष्प्रचार और फर्जी सूचनाएं फैलाता रहा. अब किसानों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. किसानों ने “ट्राली टाइम्स” के नाम से किसानों का एक अखबार शुरू किया है. इस अखबार में पंजाबी और हिंदी भाषा […]
Read Moreआर॰ के॰ नारायण (10 अक्टूबर, 1906- 13 मई, 2001) आर के नारायण का पूरा नाम रासीपुरम कृष्णस्वामी अय्यर नारायणस्वामी था। देवानंद की प्रसिद्ध फिल्म गाइड और लोकप्रिय टी वी सीरियल मालगुड़ी डेज़ के लिए हिन्दी जगत में लोकप्रिय हैं। आर॰ के॰ नारायण के साथ मुल्कराज आनंद तथा राजा राव साहित्य में भारतीय अंग्रेजी लेखन के […]
Read Moreप्रेम कुमार थॉट अपने साथ कंटेंट और फॉर्म भी लाता है. बाज़औक़ात एक शेर में अपने तजुर्बे का इज़हार हो जाता है और वो इतना मुक़म्मिल होता है कि उसको मजीद बढ़ाने की ज़रूरत नहीं होती. अमूमन ये शेर ग़ज़ल की फॉर्म अख़्तियार कर लेते हैं. बाज़ मौज़ूआत ऐसे होते हैं कि जो दो मिसरों […]
Read Moreअमरकांत (1 जुलाई 1925-17 फ़रवरी, 2014)। हिंदी कथा साहित्य में प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख रचनाकार । यशपाल उन्हें हिन्दी का गोर्की कहा करते थे। कई कहानी संग्रह और उपन्यास । ‘सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार’, महात्मा गाँधी सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान का साहित्य पुरस्कार, यशपाल पुरस्कार, जन संस्कृति सम्मान, मध्य प्रदेश […]
Read Moreप्रीति सिंह स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल की तिकड़ी क़रीब 30 साल तक बनी रही। महात्मा गाँधी स्वतंत्र भारत की सत्ता के भागीदार नहीं बने, लेकिन नेहरू और पटेल ने सरकार में पहले और दूसरे स्थान पर बैठकर दो वर्ष तक साथ-साथ सत्ता चलाई थी। दोनों के बीच वैचारिक टकराव की […]
Read Moreख़लील जिब्रान (6 जनवरी, 1883–10 जनवरी, 1931) अरबी और अंग्रेजी के लेबनानी-अमेरिकी कलाकार, कवि तथा न्यूयॉर्क पेन लीग के लेखक थे। उन्हें अपने चिंतन के कारण समकालीन पादरियों और अधिकारी वर्ग का कोपभाजन होना पड़ा और जाति से बहिष्कृत करके देश निकाला तक दे दिया गया था। जीवन की कठिनाइयों की छाप उनकी कृतियों में […]
Read Moreहिंदी के प्रख्यात कवि मंगलेश डबराल का निधन हो गया। वह 72 साल के थे। कुछ हफ़्ते पहले कोरोना पॉजिटिव होने के पश्चात से उनकी तबीयत लगातार ख़राब होती गई । मंगलेश डबराल को 2000 में उनकी कविता संग्रह ‘हम जो देखते हैं’ के लिए साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया था। वह दुनिया भर में हिंदी […]
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