तनवीर जाफ़री देश का अन्नदाता इन दिनों अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए शीत ऋतु में भी अपना घर-बार छोड़ कर सड़कों पर उतर आया है। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को सही व किसान हितैषी ठहराते हुए बार-बार एक ही बात दोहराई जा रही है कि ये क़ानून किसानों के हित में…
राष्ट्र का अर्थ है नितांत भिन्न प्रकृति के लोगों की एक दूसरे के प्रति ज़िम्मेवारी की भावना का दृढ़ होना और भिन्न पहचानों के साथ और उनके बावजूद सहभागिता का निर्माण। लेकिन अगर एक बिहारी बंगाली की तकलीफ़ नहीं समझ सकता या एक हिंदू एक मुसलमान का दर्द नहीं साझा कर सकता और एक सिख…
भावना विज-अरोड़ा से ओवैसी की बातचीत- हाल में बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटें जीतने के बाद सुर्खियों में छाए 51 वर्षीय असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति के बारे में कुछ भी लुकाछिपा नहीं है। हमेशा सुर्खियों में रहने को आतुर, हैदराबाद से चार बार के सांसद भावना विज अरोड़ा से कहते हैं कि इफ्तार पार्टियां करने, मौलानाओं का सम्मान करने…
ऑगस्ट स्ट्रिंडबर्ग ( 22 जनवरी 1849 – 14 मई 1912 ) ऑगस्ट स्ट्रिंडबर्ग को स्वीडिश उपन्यास का जनक माना जाता है। अनेक चर्चित नाटक, उपन्यास, कहानियों के साथ ही निबंध एवं आलोचना के क्षेत्र में भी प्रतिष्ठित रहे । आज पढ़ें उनकी कहानी- पुर्जा – सामान की आखिरी खेप जा चुकी थी। किराएदार, क्रेपबैंड हैटवाला जवान…
फ्रेडरिक एंगेल्स (जन्मतिथिः 28 नवम्बर, 1820) मज़दूर वर्ग और समस्त मानवता की मुक्ति की विचारधारा, वैज्ञानिक कम्युनिज़्म के सिद्धान्त को विकसित करने कार्ल मार्क्स के अनन्य सहयोगी और मित्र थे। आधुनिक सर्वहारा के महान शिक्षकों में कार्ल मार्क्स के बाद उनका ही नाम आता है। मार्क्स की मृत्यु के बाद एंगेल्स अंतिम साँस तक यूरोप…
दरगाहों पर जाकर केवल ऐसे सूफी संतों का सम्मान किया जाता है, उनकी पूजा नहीं की जाती है। मैं नास्तिक हूँ और किसी भी चीज़ की पूजा नहीं करता, लेकिन मैं अक्सर दरगाहों (जैसे अजमेर दरगाह, निज़ामुद्दीन चिश्ती दरगाह, आदि) में जाता हूँ उन सूफियों का सम्मान करने लिए जिन्होंने समाज में प्रेम, सहिष्णुता, भाईचारा…
मुकेश कुमार क़रीब एक दर्ज़न ऐसे मामले हैं जिन पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए थी, मगर उन्हें लगातार टाला जा रहा है। इनमें धारा 370 से लेकर, इलेक्टोरल बांड, आरटीआई, सीएए, यूएपीए जैसे बहुत ही संगीन मामले शामिल हैं। इनमें से कई मामलों की तो सुनवाई ही शुरू नहीं की गई है। ऐसे में…
दिल्ली कूच पर अपने-अपने घरों से निकले और दो दिन से गरमाये पंजाब-हरियाणा के किसानों ने आज दिल्ली पहुंचने के बाद अपनी रणनीति बदल दी। सरकार के दिए निरंकारी मैदान में बैठने से किसानों ने इनकार कर दिया है। अब वे दिल्ली को घेर कर बैठेंगे। सिंघु बॉर्डर पर करीब पांच लाख किसान इकट्ठा हैं।…
प्रभात पटनायक लॉकडाउन से पैदा हुई खाई से उबर रही GDP में सुधार के साथ फ़िलहाल बड़ी मात्रा में श्रम का विस्थापन और वेतन-भत्तों में कमी देखी जा रही है। जब हालात सामान्य होंगे, तो अर्थव्यवस्था कुछ हद तक लॉकडाउन की खाई से निकलकर बाहर आएगी ,लेकिन यह सरकार की बदौलत नहीं है। यहां तक…
अव्यक्त अपनी आत्मकथा, ‘दशद्वार से सोपान तक’ में एडेल्फी के अपने घर को याद करते हुए बच्चन लिखते हैं- ‘एडेल्फी, जहां रहते हुए हमने प्रथम स्वाधीनता दिवस मनाया था जहां विभाजन के फलस्वरूप तेजी के कितने ही संबंधियों ने पंजाब से भागकर शरण ली थी; जहां महात्मा गांधी की हत्या का हृदय-विदारक समाचार हमने सुना…
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