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Year: 2020

स्मिता पाटिल : एक ऐसी अभिनेत्री जिसे लेकर सभी ने जिंदगी सोची, व्यर्थ के दिवास्वप्न नहीं जिए

स्मिता पाटिल पर यह लेख दिग्गज साहित्यकार शरद जोशी ने 1986 में नवभारत टाइम्स के लिए लिखा था  स्मिता अभिनय में अपनी उम्र से बड़ी हो जाती थी. वह केवल गहरे अहसास की मदद से अपनी अनुभव-सीमा को लांघ जाती थी. इस मामले में वह अपनी समकालीन भारतीय अभिनेत्रियों से बड़ी थी  स्मिता समझदार अभिनेत्री…

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भारतीय संविधान और मुस्लिम अल्पसंख्यक–राम पुनियानी

क्या इस बात से इंकार किया जा सकता है कि भारतीय संविधान बहुवादी और लोकतंत्रात्मक भारत चाहता है भारतीय संविधान की नजर में कोई धर्म न तो विदेशी और न देशी. सभी धर्म सर्वव्यापी हैं और इसलिए संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को किसी भी धर्म को मानने और उसका  प्रचार करने का अधिकार देता…

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क्या देश को राज्यपालों की जरूरत है?

विकास बहुगुणा भगत सिंह कोश्यारी की एक चिट्ठी के बाद यह बहस फिर से छिड़ गई है कि क्या राज्यपाल नाम की संस्था उन उम्मीदों को पूरा कर रही है जिनकी उससे अपेक्षा की गई थी. राज्यपालों पर इस तरह के आरोप अब इतने आम हो चुके हैं कि इनसे कोई चौंकता नहीं है. कभी…

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एक ‘सिविल सोसायटी’ के राज में दूसरे का ‘वध’ और तीसरे का मौन

सत्यम श्रीवास्तव सिविल सोसायटी के भीतर ‘सिविल सोसायटी’ शब्द एक बार फिर से चर्चा में है। एक लोकतान्त्रिक देश जो नागरिकों का है, नागरिकों के द्वारा है और नागरिकों के लिए ही वजूद में है, वहां सिविल सोसायटी या नागरी समाज का भिन्न-भिन्न कारणों से चर्चा में आना इस बात का पुख्ता सबूत है कि…

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कोरोना काल में मंदिरों को खुलवा कर क्या हासिल करना चाहते हैं कोश्यारी?

अनिल जैन हिंदुत्व का झंडा लहरा रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पता नहीं यह बात क्यों समझ में नहीं आ रही है कि मंदिरों को खोलने की अनुमति न देकर उद्धव ठाकरे की सरकार हिन्दुओं का भला ही कर रही है।मुंबई सहित राज्य के कई शहरों भाजपा की ओर से सड़कों पर आकर…

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बाबा साहेब आंबेडकर ने बौद्ध धर्म ही क्यों अपनाया?

रविकान्त डॉक्टर बी. आर आंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को हिन्दू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया। 64 साल पहले हुई इस महत्वपूर्ण घटना की क्या वजह थी? डॉक्टर आंबेडकर ने बौद्ध धर्म की ही दीक्षा क्यों ली? ‘असमानता और उत्पीड़न के प्रतीक, अपने प्राचीन धर्म को त्यागकर आज मेरा पुनर्जन्म हुआ है। अवतरण…

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कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए ‘पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुप्कर डेक्लेरेशन’ का गठन

नैशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने इस गठबंधन का एलान करते हुए कहा कि 5 अगस्त, 2019 के पहले भारत में जम्मू-कश्मीर की जो स्थिति थी, उसे फिर से बहाल करने के लिए संघर्ष किया जाएगा।इन 6 दलों ने ‘पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुप्कर डेक्लेरेशन’ का गठन इसी मक़सद से किया है।  जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे…

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‘कोई हमदम न रहा, कोई सहारा न रहा’ जैसे कालजयी गीत के पहले गायक किशोर नहीं, अशोक कुमार थे!

कहा जाता है कि इस गीत के अस्तित्व में आने के वक्त किशोर कुमार सिर्फ पांच वर्ष के थे लेकिन यह गाना उनके जेहन में ऐसा बसा कि जब उन्होंने फिल्मों में अभिनय करना और गीत गाना शुरू किया तो यह गाना अशोक कुमार से जबरदस्ती मांग लिया. यह कहकर कि मैं तुमसे तो इसे…

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अकबर के नाम के साथ ‘महान’ लगाना चाहिए या नहीं?

अनुराग भारद्वाज  दीन-ए-इलाही के ज़रिये अकबर हिंदुस्तान की अवाम को हर धर्म को साथ लेकर चलने वाले मजहब में पिरोना चाहता था. इसे हमारा पहला यूनिफॉर्म सिविल कोड भी कह सकते हैं जो बात अकबर को बाकी मुसलमान सुल्तानों से अलग करती है वह है उसका इस्लाम और बाक़ी धर्मों के प्रति नज़रिया.  कुछ…

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राष्ट्रीय महिला किसान दिवस : महिलाओं के पास क्यों नहीं है ज़मीन का मालिकाना हक़?

गायत्री यादव महिला किसान जिस ज़मीन में हल जोतकर अनाज पैदा कर रही है, खून- पसीना बहा रही है, उसपर उसका अधिकार होगा या नहीं इसका फैसला भी पुरुषों के हाथों में होता है। इंडियन ह्यूमन डेवलपमेंट सर्वे के अनुसार भारत विश्व के उन 15 देशों के से एक है, जहां परंपरागत नियम महिलाओं को…

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