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Year: 2020

सिंदूर ना लगाने पर तलाक: क्या अब अदालतें भी कुरीतियां फैलाएंगी?

प्रज्ञा पारिजात सिंह अगर पत्नी का सिंदूर ना लगाना पति पर क्रूरता की निशानी है, तो अदालतों को हजारों पेटिशन झेलने के लिए तैयार रहना होगा. हिन्दू मैरिज एक्ट में कहीं सिंदूर या मंगलसूत्र का उल्लेख नहीं है. गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इस हफ्ते एक विचित्र ऑर्डर पास किया जिसे मैं कई बार पढ़ चुकी…

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लखनऊ हिंसा: वसूली नोटिस रद्द कराने हाईकोर्ट पहुंचे पूर्व आईजी और ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के दारापुरी

लखनऊ हिंसा मामले में तहसीलदार सदर द्वारा दी गई वसूली नोटिस को रद्द कराने के लिए आज ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी ने इलाहाबाद उच्चन्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की है। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर डायरी नंबर 6875/ 2020 आवंटित किया है। याचिका में योगी सरकार की…

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महात्मा गाँधी: उपनिवेशवाद और नस्लवाद विरोधी आंदोलनों की प्रेरणा -राम पुनियानी

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने दुनिया के सबसे बड़े जनांदोलन का नेतृत्व किया था. यह जनांदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध था. गांधीजी के जनांदोलन ने हमें अन्यायी सत्ता के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए दो महत्वपूर्ण औज़ार दिए – अहिंसा और सत्याग्रह. उन्होंने हमें यह सिखाया कि नीतियां बनाते समय हमें समाज की आखिरी पंक्ति के…

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6 जुलाई ,एम.एस. सथ्यू के 90 वें जन्मदिवस पर : उनकी ऑल टाइम ग्रेट फिल्म ‘गर्म हवा’ की बात

-जाहिद खान हिन्दी सिनेमा में बहुत कम ऐसे निर्देशक रहे हैं, जिन्होंने अपनी सिर्फ एक फिल्म से फिल्मी दुनिया में ऐसी गहरी छाप छोड़ी कि आज भी उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं मिलती। निर्देशक मैसूर श्रीनिवास सथ्यू यानी एमएस सथ्यू ऐसा ही एक नाम और साल 1973 में आई उनकी फिल्म ‘गर्म हवा’, ऐसी ही…

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चीन के सम्पूर्ण बहिष्कार का नारा देने वाले चीन न बन पाने के दुःख से क्यों भरे हुए हैं? – अपूर्वानंद

चीन के सम्पूर्णबहिष्कार का नारा देने वाले चीन न बन पाने के दुःख से क्यों भरे हुए हैं? क्या यह अवसरवादी राष्ट्रवाद की वजह से है? इस अवसरवादी और कायर राष्ट्रवाद की चर्चा की प्रासंगिकता इतनी ही है कि इसे मालूम है कि चीन के मामले में वह पराक्रम का जोखिम नहीं ले सकता। लेकिन…

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दो पिताओं की कहानी – एक जो जेल में बंद अपनी बेटी के साथ खड़ा है और दूसरा जो उसे धिक्कारता है

ज्योति यादव नताशा नारवाल को ‘दिल्ली हिंसा और अमूल्य लीना को’ हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहने की साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था. लेकिन उनके पिताओं ने बेटी पर कैसी प्रतिक्रिया दी, आज भारत के बारे में बहुत कुछ बताता है. इस साल दिल्ली दंगों और सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों की कहानियों के मद्देनजर…

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क्या प्रधानमंत्री का लेह दौरा एक सांकेतिक गुब्बारे के सिवाय और कुछ नहीं?

अजय कुमार  कूटनीति की दुनिया में यह कहा जाता है कि इशारों का भी बहुत महत्व होता है। अब सवाल यही है कि क्या प्रधानमंत्री ने लेह में जाकर इशारों ही इशारों में वह बात कही जो चीन को दबाव में डाल दे? या कुछ ऐसा कहा जिससे ऐसा लगे कि चीन सेना भारत की…

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जामिया, मुजीब भाई और मैं (5) – असग़र वजाहत

असग़र वजाहत (जन्म – 5 जुलाई 1946) – हिन्दी साहित्य  में  महत्त्वपूर्ण कहानीकार एवं   नाटककार के रूप में सम्मानित नाम हैं। इन्होंने कहानी, नाटक, उपन्यास, यात्रा-वृत्तांत, फिल्म तथा चित्रकला आदि विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण रचनात्मक योगदान किया है। इन्होने दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में लगभग 40 वर्षों तक अध्यापन किया एवं हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे । हम उनके जामिया…

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क्रीमी लेयर से आरक्षण पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने वाली है मोदी सरकार!

प्रीति सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि आरक्षण ख़त्म करने की बात बेवक़ूफ़ी है, लेकिन हमारी सरकार उसे ऐसा ज़रूर बना देगी कि आरक्षण रहने या न रहने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसके लिए केंद्र ने कई क़दम उठाने की कोशिश की, जिसमें विश्वविद्यालयों…

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कहानीः डॉक्टर के शब्द – आर. के. नारायण

आर॰ के॰ नारायण (10अक्टूबर 1906- 13म, 2001)   – साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित आर के नारायण अंग्रेजी साहित्य के भारतीय लेखकों में महत्वपूर्ण नाम है। मुख्यतः उपन्यास तथा कहानी विधा में  गंभीर यथार्थवाद के माध्यम से मानवीय मूल्यों  को सरल व सहज तरीके से अभिव्यक्त किया है। मालगुड़ी डेज़ घारावाहिक और फिल्म ‘गाइड’  से उन्हें हिन्दी क्षेत्रों में काफी लोकप्रि.ता मिली । आज पढिए उनकी…

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