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Month: June 2020

कोरोना काल : बाल श्रमिक और बच्चों की तस्करी की बढ़ती आशंकाएं

विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर विशेष : अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के 2016 के आंकड़ों के अनुसार भारत में पांच से 17 वर्ष के दो करोड़ 38 लाख बच्चे काम करते हैं। बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों का मानना है कि कोरोना वायरस संकट के चलते बाल श्रमिकों की संख्या और…

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डिजिटल क्लास में बच्चों के बीच बढ़ता क्लास (वर्ग) का बंटवारा

उपासना बेहार  स्कूलों ने बच्चों को शिक्षा देने का उपाय ऑनलाइन क्लास के जरिए निकाला, यहीं से ईडब्ल्यूएस बच्चों के लिए खाई बढ़ने की शुरुआत होती है. दुनिया में कोरोना महामारी बहुत तेजी से फैल रही है. इसी के चलते भारत में भी 24 मार्च से लॉकडाउन कर दिया गया जिसके चलते सभी स्कूलों…

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किसानों का हित या खेती का कॉर्रेपोरेटाइजे़शन

हरवीर सिंह केंद्र सरकार ने हाल में किसानों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए आर्थिक उदारीकरण की दिशा में तीन बड़े सुधार किए हैं। इनमें दो सुधारों के लिए पांच जून को राष्ट्रपति ने अध्यादेश जारी किए, क्योंकि इन फैसलों को कानूनी शक्ल देने के लिए सरकार संसद के सत्र का इंतजार नहीं करना चाहती…

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‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन- दो मूर्तियों की एक कहानी

By सौम्या गुप्ता अमेरिका से इंग्लैंड जा पहुंचे BlackLivesMatter आंदोलन में विस्टन चर्चिल की मूर्ति पर ‘नस्लभेदी’ लिख दिए जाने के बाद, उपजे विवाद पर – सौम्या गुप्ता का ये लेख, आपके लिए पढ़ना ज़रूरी होना चाहिए। ये लेख, वो बात करता है, जो इतिहास का ऐसा पहलू है – जो कई बार हमारे नायकों के…

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श्वेत-अश्वेत’ महज प्रचलन या नस्लवाद का वर्चस्व?

हरजिंदर सिंह ‘लाल्टू’ शब्दों के जरिए दिन ब दिन हम अनगिनत नाज़ुक और हौले किस्म का भेदभाव करते हैं. अब इस पर सोचने और बदलने का वक्त है.  अमेरिका में पुलिसिया दमन से मारे गए जॉर्ज फ्लॉएड की मौत के बाद दुनिया भर में नस्लवाद के खिलाफ आंदोलन हो रहे हैं. हर ज़ुबान में…

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हमारे सबसे बेहतरीन युवाओं को देश के सामने आतंकवादी क्यों बताया जा रहा है?

अपूर्वानंद । सतीश देशपांडे जामिया मिल्लिया इसलामिया और अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी के आंदोलनकारी छात्रों की ऐसी तसवीर खींची जा रही है मानो उनको राजनीति करने का हक़ ही न हो और उनका ऐसा करना ही दहशतगर्दी हो! इसीलिए छात्रों और सामाजिक आंदोलनों के बीच के संबंध को वे साज़िश की तरह पेश कर रहे हैं…

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पुण्यतिथि परः मक़बूल की हुसैनी क़लम- निर्मल वर्मा

जब हम एक लेखक की ‘आत्मकथा’ पढ़ते हैं तो वह उन्हीं के शब्दों के माध्यम से अपनी ‘कहानी’ कहता है जो उसने अपनी कविताओं, उपन्यासों में प्रयोग किए थे किंतु जब एक चित्रकार या संगीतज्ञ अपने जीवन के बारे में कुछ कहता है तो उसे अपनी सृजन भाषा से नीचे उतर कर एक ऐसी भाषा…

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खास रिपोर्ट: पंजाब में वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर

अमररीक जालंधर। कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पूरब का पंजाब से रिश्ता एकबारगी टूट गया था। यहां रोजी-रोटी कमा रहे दस लाख से ज्यादा मजदूर वापस उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड लौट गए थे। इतने बड़े पैमाने पर हुए प्रवासी श्रमिक पलायन ने सूबे के किसानों और उद्योगपतियों को गहरी चिंता में डाल…

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सोनिया गांधी का पत्र: यह वक्त दलगत बयानबाज़ी का नहीं बल्कि लोगों का जीवन बचाने का है

(कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम को लेकर एक खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि देश पर कोरोना का महासंकट छाया हुआ है और उसके चलते भूख और गरीबी दावानल के आग की तरह बढ़ती जा रही है। ऐसे मौके पर उससे लड़ने के लिए मनरेगा सबसे कारगर हथियार के तौर पर…

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रंगकर्मी हबीब तनवीर की पुण्यतिथिः एक लोकधर्मी आधुनिक नाटककार –

जाहिद खान आधुनिक रंगमंच में हबीब तनवीर की पहचान लोक को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाले महान रंगकर्मी की है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितम्बर, 1923 को जन्मे हबीब तनवीर, रंगमंच में अपने आगाज से लेकर अंत तक उन सांस्कृतिक मूल्यों-रंगों को बचाने में लगे रहे, जिनसे हमारे मुल्क की मुकम्मल तस्वीर बनती है। उर्दू…

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