Day: September 10, 2020

कहानीः आईना – हारुकी मुराकामी

September 10, 2020

आज रात आप सब जो कहानियाँ सुना रहे हैं, उन्हें दो श्रेणियों में रखा जा सकता है। एक तो वे कहानियाँ हैं जिनमें एक ओर जीवित लोगों की दुनिया है, दूसरी ओर मृत्यु की दुनिया है, और कोई शक्ति है जो एक दुनिया से दूसरी दुनिया में आना-जाना संभव बना रही है। भूत-प्रेत आदि भी […]

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कोरोना नहीं, अचानक किया गया लॉकडाउन गरीबों के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ: राहुल गांधी

September 10, 2020

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इकोनॉमी सीरीज का आखिरी वीडियो जारी किया है। राहुल गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए आर्थिक हालात को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए हुए लिखा कि अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन योजना को बर्बाद करने वाली […]

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और मुस्लिम समुदाय

September 10, 2020

जावेद अनीस करीब 34 साल बाद देश को नयी शिक्षा नीति मिली है जो कि आगामी कम से कम दो दशकों तक शिक्षा के रोडमैप की तरह होगी. यह नीति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे देश की पहली पूर्ण बहुमत वाली हिन्दुत्ववादी सरकार द्वारा लाया गया है जिसने इसे बनाने में एक लंबा समय […]

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GDP के ऐतिहासिक पतन के बीच कृषि क्षेत्र में वृद्धि के क्या मायने हैं?

September 10, 2020

पलाश किशन भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय ने हाल ही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की अप्रैल-जून 2020 की तिमाही के आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि जहां एक तरफ उत्पादन के अन्य क्षेत्र महामारी के चलते धराशायी हो गए वहीं कृषि व्यवस्था पर महामारी का आंशिक प्रभाव भी नहीं […]

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पिछले दो सालों में कश्मीर के उस सेब उद्योग की कमर टूट गई है जो यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है

September 10, 2020

सुहैल ए शाह बीते दो सालों में कश्मीर घाटी दो लॉकडाउन और चार बड़ी ऐसी मौसमी गड़बड़ियां देख चुकी है जिन्होंने यहां के सेब उद्योग को बेहद गहरी परेशानी में डाल दिया है अगर कश्मीर घाटी के पिछले कुछ महीनों के मौसम का हाल एक लाइन में बताना हो तो शायद वह लाइन “मैदानों जैसी […]

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भूपेन हज़ारिका असम के चाय बागानों की खुशबू हिंदी संगीत में लेकर आए थे

September 10, 2020

अनुराग भारद्वाज भूपेन हज़ारिका का साहित्यिक रूप भी उनके संगीत में खूबसूरती के साथ आया.किसी इंसान की दुनिया से रुख़सती का दर्द उसके चाहने वालों से ज़्यादा कोई महसूस नहीं कर सकता. भूपेन हज़ारिका को अग़र किसी ने सबसे ज़्यादा चाहा तो वे थीं फ़िल्म निर्देशक कल्पना लाज़मी. उन्होंने लिखा है, ‘वो मेरी जिंदगी का […]

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