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Month: October 2020

बिहार: बीजेपी के लिए नीतीश कुमार की उपयोगिता ख़त्म? – आशुतोष

ज़मीन पर बीजेपी के कार्यकर्ता जमकर नीतीश को कोस रहे हैं और उनका साथ दे रहे हैं अपने सीने में मोदी की मूर्ति लेकर घूमने का दावा करने वाले चिराग पासवान। चिराग को अगर एक फ़ोन मोदी या अमित शाह का चला जाता तो वह नीतीश के ख़िलाफ़ बोलना बंद कर देते। लेकिन न केवल…

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RTI: आरोग्य सेतु को किसने बनाया, मंत्रालय को भी पता नहीं!

जिस ऐप को गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए नियम के अनुसार रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मेट्रो स्टेशनों में प्रवेश करने से पहले मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करना ज़रूरी है। जिस आरोग्य सेतु ऐप पर डाटा की सुरक्षा और निजता के अधिकार के उल्लंघन को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं, अब उसके बारे में एक चौंकाने वाली जानकारी…

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गँजहों के गाँव का लोकतंत्र – श्रीलाल शुक्ल

श्रीलाल शुक्ल (31 दिसम्बर 1925 – 28 अक्टूबर 2011) – राग दरबारी जैसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय व्यंग्य उपन्यास के लेखक एवं समकालीन कथा-साहित्य में  व्यंग्य लेखन एवं उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठित । 130 से अधिक पुस्तकों का प्रकासन। 1983 में भारतीय प्रशासनिक सेवा – आईएएस से सेवानिवृत्त । लोकप्रिय कृतियों पर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार,…

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क्या आने वाले समय में मोबाइल फोन के साथ चार्जर और ईयरफोन मिलना बंद हो जाएंगे?

अंजलि मिश्रा और, क्या सच में यह कदम पर्यावरण की बेहतरी के लिए उतना कारगर साबित हो सकता है जितना इसकी शुरूआत करने वाली कंपनी एपल इसे बता रही है? बीते कई सालों से जब भी एपल अपना कोई नया आईफोन लॉन्च कर रहा होता है तो भारतीय सोशल मीडिया पर एक चुटकुला चर्चा में…

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अगर श्रीलाल शुक्ल ने राग दरबारी न लिखा होता तो…

अनुराग शुक्ला अगर राग दरबारी न लिखा गया होता शिवपालगंज के आत्मविश्वास से भरे गंजहे न होते, तो किसानों को उन्नत कृषि सिखाने आए वैज्ञानिकों को मूर्ख मानने का साहस कौन जुटा पाता. अगर गंजहों का दिया सहज ज्ञान न होता तो यह ज्ञान कौन देता कि पुनर्जन्म का ईजाद भारत की दीवानी अदालतों से…

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बोलीविया में वामपंथ की वापसी क्या सही मायनों में प्रगतिशील राजनीति की जीत है?

मधुरेश कुमार बोलीविया में 18 अक्टूबर के राष्ट्रीय चुनावों में पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस की पार्टी मूवमेंट टुवर्ड्स सोशलिज्म (MAS) के उम्मीदवार लुइस आर्स की भारी जीत हुई है। इस जीत के साथ ही दक्षिण अमेरिकी देशों में वामपंथी ताकतों को बल मिलेगा और इक्वाडोर और चिली के आगामी चुनावों में भी इसके असर दिखेंगे। नयी MAS…

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कितना ही गंभीर धार्मिक अपमान ‘क्यों न हो, हिंसा जायज़ नहीं’ – अपूर्वानंद

फ्रांस में की गई शिक्षक की हत्या का धार्मिक दूषण वाले क़ानून से क्या रिश्ता? वक्ताओं की चिंता यह थी कि चूँकि इस्लामी देश धार्मिक दूषण के लिए मृत्यु दंड की सज़ा रखते हैं, एक आम मुसलमान इसे उचित दंड मान सकता है। जहाँ सरकार यह न कर रही हो, वह ख़ुद को ही धर्म का मुहाफिज…

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नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और बोरिस जॉनसन में जितनी समानताएं हैं उससे ज्यादा असमानताएं हैं – रामचंद्र गुहा

दुनिया के सबसे विशाल, समृद्ध और प्राचीन लोकतंत्रों की कमान थामे नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप और बोरिस जॉनसन कुछ मायनों में एक जैसे हैं तो कुछ में जुदा अपने वैचारिक सपने को साकार करने के लिए नरेंद्र मोदी के पास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है जिसकी संगठनात्मक ताकत और संसाधन जुटाने की क्षमता अमेरिका या ब्रिटेन…

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गणेशशंकर विद्यार्थी का हिंदू राष्ट्र को खारिज करना किसी दूसरे धर्म का तुष्टिकरण नहीं था

हेमंत कुमार पाण्डेय गणेशशंकर विद्यार्थी का मानना था कि अच्छे आचरण वाले नास्तिकों का दर्जा धर्म के नाम पर दूसरे की आजादी रौंदने और उत्पात मचाने वालों से ऊंचा है ‘मैं हिन्दू-मुसलमान झगड़े की मूल वजह चुनाव को समझता हूं. चुने जाने के बाद आदमी देश और जनता के काम का नहीं रहता.’ विख्यात पत्रकार…

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जब त्यौहार एक-दूसरे को चिढ़ाने का माध्यम बन रहे हों तब गांधी को याद करना और भी जरूरी है

अव्यक्त आज से 110 साल पहले महात्मा गांधी ने राम को हर धर्म के भारतीय के लिए माननीय बताया था. इसके 37 साल बाद उन्होंने दशहरा को मनाने का सही तरीका भी बताया था रामजी की जीत मनाने के लिए ही दशहरा है. पीछे कहते हैं कि एकादशी है, उस दिन तो राम का भरत…

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