स्वाति सिंह सवाल है कि आख़िर क्यों न पीड़िता की जाति और उसके वर्ग का उल्लेख हो। हमें नहीं भूलना चाहिए कि बलात्कार के पीछे विचार ही अपने विशेषाधिकार की सत्ता का क्रूर प्रदर्शन करना है, वो विशेषाधिकार जो उन्हें अपनी विशेष जाति, धर्म या वर्ग से मिला है। ऐसे में महिला की जाति और उसका वर्ग […]
Read Moreभारत में ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ लोकतंत्र की समतावादी माँगों के ख़िलाफ़ उच्च जातियों के विद्रोह के रूप में देखा जा सकता है। हिंदुत्व परियोजना उच्च जातियों के लिए एक जीवनदान है जिसमें अब तक ब्राह्मणवादी सामाजिक व्यवस्था को स्थापित करने का वादा किया गया है। भारत में ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ की हालिया उठापटक, जाति को ख़त्म करने […]
Read Moreप्रदीपिका सारस्वत ऐसे मामलों में न्याय हो पाना वैसे भी मुश्किल होता है, ऊपर से अगर ये राजनीति और मीडिया की दुधारू भी बन जाएं तब चीज़ें और भी उलझ जाती हैं बलात्कार जैसी घटना पर पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया उस समाज से अलग नहीं होती जिसे वह प्रशासित करता है. और ऐसे मामलों […]
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