उनलोगों के ये फर्क नहीं पड़ता कि आप बॉलीवुड एक्टर हैं या धनपति? उन्हें जातियों से मतलब है. अभिनेता ने कहा, “आज भी हम चाहें कि जो हमारे ममेरे रिश्तेदार हैं, उनकी शादी पैतृक रिश्तेदारों में कराऊं तो ये संभव नहीं है.” बॉलीवुड अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने समाज में फैली जाति की जकड़बंदी को तोड़ने की […]
Read Moreसोनाली खत्री अपनी पत्नी के साथ मार-पीट करना हमारे देश में कोई नई बात नहीं है। अपनी पत्नी को मारना और घरेलू हिंसा कोहमारे देश के अधिकतर घरों में एक सामान्य बात समझी जाती है। पुरुषोत्तम शर्मा का यह मामला तो बस हमें यह याद दिला रहा है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा हमारे घरों […]
Read Moreअरुण कुमार त्रिपाठी दलित स्त्रियों का आत्मसंघर्ष बहुत गहरा है। वह निरंतर दो स्तरों पर चलता है। राजस्थान की भंवरी बाई और बसमतिया, पश्चिम बंगाल की चुन्नी कोटाल और आज हाथरस की युवती, न जाने कितने उदाहरण इस तरह के हैं जो शोषण के दोहरे शिकंजे का प्रमाण देते हैं। हाथरस में दलित लड़की के […]
Read Moreअनिल शुक्ल / मीडिया ने गाँव के लोगों से ‘ध्वनि मत’ कराना शुरू कर दिया। हर संवाददाता अपने-अपने लाइव टेलीकास्ट पर है। सबकी अपनी-अपनी ‘ध्वनि मत सभाएँ’ सजी हैं। ‘जो आरोपियों को सजा दिए जाने के पक्ष में हैं, वे गर्दन झुका लें! गिनी-चुनी गर्दनें दिखीं। झटके से सब की सब झुक गईं। ‘जो आरोपियों […]
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