Breaking News

Year: 2021

COVID वैक्सीन की कमी को देखते देश के कई राज्य ग्लोबल टेंडर जारी करने के पक्ष में

भारत में COVID-19 के भारी कहर और ‘घरेलू वैक्सीन की कमी’ के बीच कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश ने वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने की बात कही है. इस बीच, केंद्र ने कहा है कि वो अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 18 करोड़ से ज्यादा खुराकें निशुल्क उपलब्ध करा चुका…

Read more

मुफ्त सार्वजनिक टीकाकरण का मतलब होगा जीवन के अधिकार को सुनिश्चित करना- प्रभात पटनायक

कोविड-19 से लड़ाई अगर युद्ध स्तर पर लड़ी जा रही है तो लोगों को मुफ्त में टीका क्यों नहीं मुहैया करवाया जा रहा?मोदी सरकार के तमाम फैसलों में सबसे अविचारपूर्ण है- टीके के वितरण का तथाकथित ‘उदारीकरण’ करने का उसका फैसला। पहले केंद्र सरकार, दोनों टीका उत्पादकों की अकेली खरीददार थी, जो उनसे 150 रु0…

Read more

सही क़दमों के जरिये ही ऑक्सीजन संकट से पार पाया जा सकता है

बी. सिवरामन इस लेख में हम जारी संकट के विभिन्न आयाम देखेंगे और पड़ताल करेंगे कि इसका हल कैसे निकाला जा सकता है।यद्यपि सरकारें, कॉरपोरेट्स और नागरिक समाज युद्ध स्तर पर लग गए हैं, ऑक्सीजन संकट जारी है। इस लेख में हम जारी संकट के विभिन्न आयाम देखेंगे और पड़ताल करेंगे कि इसका हल कैसे…

Read more

कोरोना काल में धर्म और ईश्वर- डॉ क्रांतिभूषण बंसोड़े

धर्म की विभिन्न परिभाषाएँ अनेक लोगों ने प्रस्तुत की हैं । धर्म को विभिन्न अर्थों में चाहे जैसे प्रस्तुत किया जाए लेकिन वह अपने कर्मकांड के स्वरूप में व्यापार ही है । व्यापार अथवा दुकानदारी का मतलब ही किसी वस्तु को उसके वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचना होता है । वास्तविक मूल्य से…

Read more

मेडिकल ऑक्सीजन ,और उससे जुड़े तथ्य – डॉ. दिनेश मिश्र

कोरोना के संक्रमण के चलते देश भर में ऑक्सिजन ,की कमी ,अनुपलब्धता की खबरें लगातार खबरों में हैं .कभी कभी  आम लोगों के मन में यह सवाल तो उठता ही है कि ,हम हवा में सांस लेते हैं, तो हवा को सिलेंडरों में क्यों नहीं भर लेते?आखिर अस्पतालों में  मरीज की जीवन रक्षा के लिए पाइप…

Read more

आधुनिक भारतीय इतिहास के दो सबसे डरावने नारे— अच्छे दिन आयेंगे, आपदा में अवसर!

उर्मिलेश मरने वाले लोगों की सर्वाधिक संख्या उनकी है, जो सिर्फ आॉक्सीजन या अस्पताल में बेड न मिलने के चलते मरे हैं या मर रहे हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं कि इन लोगों को कोरोना-वायरस ने नहीं, भाजपा की मोदी सरकार के कुशासन ने मारा है।  यह वायरस नहीं जो इतनी बड़ी संख्या में…

Read more

कोरोना महामारी के बीच औरतों पर आर्थिक और सामाजिक संकट की दोहरी मार!

सोनिया यादव अलग- अलग संस्थाओं की ओर से जारी कई रिपोर्ट्स में भी इस बात का दावा किया गया है कि रोज़गार और शिक्षा के मौक़े ख़त्म होने से महिलाएं ख़राब मानसिक और शारीरिक स्वास्थ का शिकार हो रही हैं। इसके अलावा लगातार घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ यौन हिंसा बढ़ने की खबरें भी लगातार…

Read more

उत्तर प्रदेश में भी हिंसा लेकिन कोई चर्चा नहीं -अपूर्वानंद

उत्तर प्रदेश में अलग-अलग प्रकार के अपराध और हिंसा की घटनाएँ किसी राज्य से कम नहीं बल्कि इस मामले में वह हर प्रकार की हिंसा में अगली पंक्ति में पाया जाता है। इसलिए चुनाव के बाद हिंसा आश्चर्यजनक नहीं। क्या आपको उत्तर प्रदेश में पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनावों के बाद की हिंसा और…

Read more

क्यों बिना सही डेटा के कोरोना से लड़ाई बहुत भारी पड़ रही है?

अजय कुमार अनुमान है कि कोरोना के वास्तविक मामले और सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी किए जा रहे मामलों के बीच तकरीबन 7 गुना का अंतर है। भारत बहुत बड़ा मुल्क है। क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का सातवां सबसे बड़ा मुल्क और आबादी की दृष्टि से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मुल्क। इतना…

Read more

हिंदुओं को आँकड़ों में बदलने का षड्यंत्र क्या है? क्यों है? -अपूर्वानंद

हिंदुओं को आँकड़ों में बदल कर या उन्हें मात्र एक जनसंख्यात्मक समूह की इकाई में शेष करके उन्हें व्यक्ति के तौर पर किसी अधिकार की इच्छा से वंचित किया जा रहा है। जब कोई मुख्यमंत्री कहता है कि आँकड़ों का खेल न खेलें, इससे मुर्दा ज़िंदा नहीं हो जाएँगे तो वह क्या कहना चाहता है?…

Read more