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Year: 2021

कांग्रेस पार्टी को स्वयं को पुनर्जीवित करने में और कितना समय लगेगा?

अजय गुदावर्ती कांग्रेस मध्य-मार्ग से चल कर शून्य-वाद तक पहुंच गई है: उसने अपने ऐसे किसी नैरेटिव या नेतृत्व का दमखम बमुश्किल ही दिखाया है जिससे कि भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सके।भारतीय राजनीति में दक्षिणपंथी  रूपांतरण कितना भयानक है?  क्या भारतीय जनता पार्टी का देश की सत्ता में मौजूदा दखल आगे…

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भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और ईसाई अल्पसंख्यक – राम पुनियानी

हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत का दर्जा ‘फ्री’ (स्वतंत्र) से घटाकर ‘पार्टली फ्री’ (अशंतः स्वतंत्र) कर दिया है. इसका कारण है भारत में व्याप्त असहिष्णुता का वातावरण और राज्य का पत्रकारों, विरोध प्रदर्शनकारियों और अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार. गत 19 मार्च को झांसी रेलवे स्टेशन का घटनाक्रम इसी स्थिति को…

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भारतीय लोकतंत्र क्यों पड़ रहा है कमज़ोर?

अजीत सिंह कोविड के बाद की दुनिया में लोकलुभावन नेताओं ने महामारी के बहाने अपनी शक्तियों को संकेंद्रित और अपनी व्यक्तिगत नौकरशाही प्रणाली को मजबूत कर लिया है। भारतीय लोकतंत्र के गिरते स्तर पर हो रही बहस पर दो पश्चिमी विशेषज्ञ समूहों की तरफ़ से जारी हालिया रिपोर्टों में प्रकाश डाला गया है, अजीत सिंह…

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सरकार की पसंदीदा खबरों पर हर महीने 200 करोड़, लेकिन डिजिटल मीडिया पर नियंत्रण के लिए नियम

आकार पटेल केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया के लिए जो नए नियम बनाए हैं, उसे एक तरह से देश में स्वतंत्र मीडिया पर नियंत्रण की व्यवस्था माना जा सकता है। जबकि सरकार की पसंदीदा खबरें लिखने-दिखाने के लिए हर महीने अखबारों-चैनलों को 200 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। मैंने हाल ही में एक किताब लिखने…

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किसाम आंदोलनः टिकैत बोले, देश मे लग जाए लॉकडाउन,आंदोलन खत्म नहीं होगा

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, पूरे देश मे लॉकडाउन लग जाए लेकिन ये आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वे लोग इसे शाहीन बाग की तरह महामारी की आड़ में शत्म करना चाहते हैं जो हम होने नहीं देंगे। जो भी कोरोना गाइडलाइंस होंगी उसका पालन आंदोलन स्थलों पर…

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‘ये इश्क नहीं आसां…’ जैसे सुपरहिट शेर लिखने वाले जिगर मुरादाबादी

एम.ए. समीर  “हमको मिटा सके ये जमाने में दम नहीं….” जिगर मुरादाबादी ने हमेशा फिल्मी दुनिया से दूरी बनाए रखी ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजे इक आग का दरिया है और डूब के जाना है यह एक बहुत ही मशहूर शेर है, जिसे न सिर्फ खत-ओ-किताबत के दौरान खूब इस्तेमाल किया गया,…

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माखनलाल चतुर्वेदी ने लिखा था- पुलिस,वजीर सब किसान की कमाई का खेल

एम.ए. समीर किसान-कवि, लेखक और निर्भीक पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी राजद्रोह में जेल गए, CM पद ठुकराया और सम्मान लौटाया शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसने स्कूली शिक्षा के दौरान या फिर साहित्य-अध्ययन के दौरान ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता न पढ़ी हो. चाह नहीं मैं सुरबाला के, गहनों में गूंथा जाऊं, चाह नहीं प्रेमी-माला में…

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हक़ीक़त तो यही है कि सरकारी कंपनियां प्राइवेट में तब्दील होने पर आरक्षण नहीं देतीं

अजय कुमार वही हो रहा है जिसकी आशंका बहुतेरे लोगों ने जताई थी। सरकारी कंपनियां निजी कंपनियों में बदलेंगे तो सबसे पहले आरक्षण पर ही हमला होगा। उसे ही किनारे लगाया जाएगा। अपना नाम ना बताने की शर्त पर तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया में यह बयान दिया है कि सरकार ने सरकारी कंपनियों के…

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हिंदुत्व से टकराती द्रविड़ राजनीति

भाषा सिंह देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं, उनमें सबसे अलग दिखाई देता है तमिलनाडु। इसकी बड़ी वजह है कि यहां की राजनीतिक सरज़मीं—जिसे सींचा है महान क्रांतिकारी विचारक पेरियार, अन्नादुरई आदि ने। आप नीचे दी गई लिंक पर पूरी रिपोर्ट सुन सकते हैं- देश के जिन पांच राज्यों…

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माओवादियों में साहस है तो दिमाग़ों के युद्ध क्षेत्र में उतरें -अपूर्वानंद

धरना, जुलूस के ज़रिए आदिवासी उम्मीद कर सकते हैं कि शासन तक अपनी बात पहुँचा सकेंगे। लेकिन माओवादियों से ऐसी कोई आशा उन्हें नहीं है। वे वहाँ हुक्मउदूली की ग़लती नहीं कर सकते। माओवादियों का जनता से रिश्ता एक निरंकुश राज्य और जनता के रिश्ते जैसा है। फिर छत्तीसगढ़ से सीआरपीएफ़ के जवानों के मारे…

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