प्रेम कुमार बंटवारे के वक्त तो बंटे हुए लोग एक-दूसरे के ख़ून के प्यासे हो रहे थे। आज़ाद हिन्दुस्तान के नागरिक तो बंटे हुए नहीं हैं फिर भी वे एक-दूसरे के ख़ून के प्यासे क्यों हो जाते हैं? क्यों आज़ाद हिन्दुस्तान का नागरिक प्रशासन अपने नागरिकों के ही ख़ून बहाने को तुला हुआ है? और,…
लंबे समय तक भाजपा की छवि ऊंची जातियों की पार्टी की थी. कल्याण सिंह, उमा भारती और विनय कटियार जैसे लोगों ने उसे ओबीसी की पार्टी भी बनाने में मदद की. कल्याण सिंह एक प्रमुख ओबीसी नेता थे जिनकी पैठ उनके स्वयं के लोध समुदाय के अतिरिक्त उत्तरप्रदेश की अन्य गैर-यादव ओबीसी जातियों जैसे मल्लाह,…
बिहार के 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने देश भर में जाति आधारित जनगणना कराए जाने के समर्थन में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में नीतीश कुमार के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत कई अन्य दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे। नीतीश और तेजस्वी…
प्रशांत पद्मनाभन तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 8वीं पुण्यतिथि के बाद प्रशांत पद्मनाभन ने उनकी विरासत को याद करते हुए लिखा है कि “वैज्ञानिक मनोवृत्ति” क्या होती है और कैसे इसका विकास किया जा सकता है। तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 8वीं पुण्यतिथि के बाद प्रशांत पद्मनाभन ने उनकी विरासत को याद करते हुए लिखा…
अमिताभ फिल्म मेलोड्रामा से बच सकती तो हिंदी सिनेमा में दलित विमर्श का एक गंभीर प्रस्थान बिंदु बन सकती थी। फिर भी, यह विषय उठाने के लिए निर्देशक बधाई के हक़दार हैं। देखने लायक फ़िल्म है और जी5 पर देखी जा सकती है। 2004 में नागपुर में दलित महिलाओं के एक समूह ने बलात्कार और…
भारत का बंटवारा 20 वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक था. बंटवारे के दौरान जितनी बड़ी संख्या में लोगों की जानें गईं और जिस बड़े पैमाने पर उन्हें अपने घर-गांव छोड़कर सैकड़ों मील दूर अनजान स्थानों पर जाना पड़ा, उस पैमाने की त्रासदी दुनिया में कम ही हुईं हैं. बंटवारे के घाव…
रायपुर का गोल बाजार एक अनमोल ऐतिहासिक धरोहर है जिस पर नगरवासियों को , विशेष रूप से पैदाइशी रइपुरियों को गर्व रहा है। यह न सिर्फ रायपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक गौरव है। देखा जाए तो हर गांव कस्बे का पुराना बाजार अपनी खासियत लिए होता है ,अपनी एक विशिष्ट संस्कृति का वाहक…
इप्टा ने अपने संस्थापक सदस्य ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्मों के तत्कालीन और वर्तमान संदर्भों के बीच सेतु बनाने के लिए पाँच कड़ियों में उनकी छह फिल्मों पर विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन चर्चा आयोजित की। इसकी पाँचवीं और अंतिम कड़ी में इप्टा की पहली फिल्म ‘धरती के लाल’ पर केंद्रित परिचर्चा का ऑनलाइन आयोजन हुआ।…
जेवर में सबौता अंडर पास के पास आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन…
नागरिकता को लेकर भारत के आम लोगों के बीच चार मशहूर बुद्धिजीवियों ने भारत में नागरिकता का गठन करने वाले उन प्रमुख पहलुओं का गहराई से अध्ययन किया है, जो हाल ही में सत्ता पर काबिज सरकार के विवादास्पद फ़ैसलों के चलते जनसामान्य के बीच तीग्र बहस का विषय रहा है। नागरिकता को लेकर भारत…
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