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Year: 2021

‘सोशलिस्ट’ और ‘सेकुलर’ संविधान के 45 साल

 नित्यानंद गायेन भारतीय लोकतंत्र में आज के दिन का विशेष ऐतिहासिक महत्त्व है. 3 जनवरी 1976 को 42वें संविधान संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़े गये थे. यह संशोधन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. संविधान के 42वें संशोधन (1976) द्वारा संशोधित यह उद्देशिका कुछ इस तरह है:…

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भारतीय किसान आंदोलन वह चिंगारी है जो देश बदल सकता है! – जस्टिस मार्कंडेय काटजू

किसान आंदोलन हकीकत में आर्थिक मुद्दे पर आधारित है। किसानों को उनकी उपज के लिए पर्याप्त पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है। यह राम मंदिर बनाने जैसे भावनात्मक और भावुक मुद्दे जैसा नहीं है। इसे भारत के लगभग 75  करोड़ किसानों का समर्थन प्राप्त है, हालांकि ज़ाहिर है कि ये सभी दिल्ली के पास इकट्ठा नहीं…

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सफ़दर हाशमी : किसान और मज़दूरों के लिए आवाज़ उठाने वाले बागी कलाकार

ईशा सफ़दर हाशमी एक कम्युनिस्ट आर्टिस्ट, अभिनेता, कवि, गीतकार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनका जन्म 12 अप्रैल 1954 को दिल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता भी कम्युनिस्ट विचारधारा से तालुक्क रखते थे और एक प्रगतिशील वामपंथी माहौल में ही सफ़दर की परवरिश हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ने के दौरान वह…

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अपना हिस्सा अपना हक, मांग रहा है मेहनतकश – जीवेश चौबे

हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेगे इक बाग़ नहीं इक खेत नहीं हम सारी दुनिया मांगेंगे             ( फैज़) फैज़ साहब की नज़्म आजदिल्ली की सीमाओं पर साकार होती नज़र आ रही है। हाड़ कंपाती ठंड में लगभग डेढ़ माह से दिल्ली सीमा पर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे किसानों का मोर्चा…

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राम के नाम पर देश में फिर नब्बे के दशक जैसा माहौल बनाने की कोशिश!

अनिल जैन विश्व हिन्दू परिषद ने पूरे देश में 1990 के दशक जैसा जहरीला और तनावभरा माहौल बनाने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में हो चुकी है, जहां कुछ कस्बों में सांप्रदायिक झडपें हुई हैं। सदियों से करोडों लोगों के लिए श्रद्धा और विश्वास के प्रतीक रहे मर्यादा पुरुषोत्तम राम…

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किसानों पर पुलिस अत्याचार के खिलाफ पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों की याचिका

पंजाब विश्वविद्यालय के 35 छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है जिसमें कथित तौर पर पुलिस की ज्यादती और दिल्ली सीमाओं के पास प्रदर्शनकारी किसानों की अवैध हिरासत की जांच की मांग की गई है। छात्रों द्वारा लिखे गए एक पत्र में, यह आरोप लगाया गया है कि भारत…

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मोहन राकेशः एक लेखक का अपना रेगिस्तान – कमलेश्वर

राकेश की ज़िंदगी एक खुली किताब रही है. उसने जो कुछ लिखा और किया – वह दुनिया को मालूम है. लेकिन उसने जो कुछ जिया – यह सिर्फ़ उसे मालूम था ! अपनी सांसों की कहानी उसने डायरियों में दर्ज की है.राकेश की ये डायरियां – उसकी अपनी रिपोर्टें हैं, जो उसने अपने लिए तैयार…

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हिंदू ‘ऑटोमैटिक पैट्रीअट’ तो सिख, ईसाई, मुसलिम क्या हैं? – अपूर्वानंद

आजकल हर पैट्रीअट शांतिनिकेतन की दौड़ लगा रहा है। कुछ नारदवृत्तिधारी इस तीर्थयात्रा में भी सांसारिक प्रयोजन सूंघ रहे हैं। सांसारिक कारण से ही सही, अगर कोई पवित्रता का स्पर्श पा ले तो क्या बुरा! लेकिन शांतिनिकेतन के ऋषि ने तो कहा था कि ‘पैट्रीअटिज़्म हमारा अंतिम आध्यात्मिक आवास नहीं हो सकता। वर्षारंभ पर एक…

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सावित्रीबाई फुले: जिनके कारण महिलाओं को शिक्षा का अधिकार मिला |

ऐश्वर्या राज उस दौर में समाज में कई महिला विरोधी सामाजिक कुरीतियां चरम पर थी, जैसे जातीय पहचान के आधार पर छुआछूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह, शिक्षा व्यवस्था में सामाजिक भेदभाव आदि। इन रूढ़ियों को तोड़कर महिलओं के हित में कई रास्ते बनाने का श्रेय सावित्रीबाई फूले को जाता है। उन्हें महिलाओं और दलितों को शिक्षित करने…

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बातचीत से पहले हरियाणा में किसानों पर आँसू गैस,चर्चा विफल तो लोहड़ी पर जलाएंगे कृषि कानूनों की कॉपी

सोमवार को किसानों की सरकार के साथ 7वें दौर की बैठक होगी। बातचीत के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश के बीच रविवार देर शाम को हरियाणा में किसानों पर आँसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। उसमें शामिल अधिकतर किसान राजस्थान से थे। अगर मांगे नहीं मानी गईँ तो 13 जनवरी को नए कृषि कानूनों…

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