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Month: February 2021

आरबीआई! टॉप डिफॉल्टरों का 62 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ा बट्टे खाते में डालने का सबब क्या है?

दीपक के मंडल बैंक कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से लोन का हजारों करोड़ डकार लिए जाने के बावजूद बगैर आह किए इसे बट्टे खाते में डाल दे रहे हैं। लेकिन आपको निगेटिव इंटरेस्ट दे रहे हैं। यह तो वैसा ही हुआ, जैसे आपने किसी को क़र्ज़ दिया और उसने आपका पैसा हड़प लिया। दो जनवरी…

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एक आंतरिक मामला या एक अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी?

डॉ. अजय कुमार देश की कुछ मशहूर हस्तियों और खेल सितारों को अगर ‘आंतरिक मामले’ और ‘अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी’ के बीच के बुनियादी अंतर को समझने की अच्छी क्षमता होती तो उनका स्टैंड इन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ कुछ और होता और वे आंतरिक मामले की आड़ में विश्व भर में उठ रही लोकतंत्र समर्थक आवाज़ों…

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इंटरव्यू- राकेश टिकैत: “कहीं कोई मतभेद नहीं, हमें कोई तोड़ नहीं सकता”

जयंत भट्टाचार्य  “अगर सरकार के सामने कोई मजबूरी है तो मैं उसे समझ सकता हूं। लेकिन इसके लिए हमें एक साथ बैठने और उस मजबूरी पर चर्चा करने की जरूरत है।” दिल्ली ने ऐसा किसान आंदोलन इससे पहले अक्टूबर 1988 में देखा था। उसका नेतृत्व महेंद्र सिंह टिकैत कर रहे थे। विजय चौक से लेकर…

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सरकार का अड़ियल रवैया ही आंदोलनजीवी पैदा कर रहा है: संयुक्त किसान मोर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा एक प्रस विज्ञप्ति में कहा गया है कि  प्रधानमंत्री द्वारा किसानों के किए गए अपमान की निंदा करता है। किसान नेता दर्शन पाल द्वारा जारी संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि किसान प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि वे आन्दोलनजीवी ही थे जिन्होंने भारत को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया…

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हिमालय से आपराधिक छेड़खानी के नतीजे तो भुगतने ही होंगे!

अनिल जैन उत्तराखंड समेत समूचे हिमालयी क्षेत्र में बरसात के मौसम में तो बादल फटने, ग्लेशियर टूटने, बाढ़ आने, ज़मीन दरकने और भूकंप के झटकों की वजह से जान-माल की तबाही होती ही रहती है। ऐसी आपदाओं का कहर कभी उत्तराखंड, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तो कभी पूर्वोत्तर के राज्य अक्सर झेलते रहते हैं। लेकिन यह…

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लाल किला हिंसा का मुख्य अभियुक्त दीप सिद्धू पंजाब से गिरफ़्तार

लाल किला हिंसा मामले के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को पंजाब के ज़िरकपुर से गिरफ़्तार कर लिया है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराए जाने की घटना के बाद से ही दीप सिद्धू फरार था।  हालांकि वह फ़ेसबुक पर लगातार वीडियो…

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सरकारी ताक़त, हिंसा का सामना करने के लिए किसानों को अकेला छोड़ दें?- अपूर्वानंद

अंबानी और अडानी के अलावा जिनकी लार भारतीय खेती पर टपक रही है, वे हैं अमेज़न, वॉलमार्ट, फ़ेसबुक, कारगिल, आर्चर डेनियल्स मिडलैंड्स, लुई ड्रायफस, गूगल, बुंगे जैसी कंपनियाँ। इनके भारतीय सहयोगी अडानी और अंबानी हैं। भारत के सबसे अमीर और छठे सबसे धनी कॉरपोरेट नाम। ये सब भारत में भारी निवेश कर रहे हैं। “मेरी…

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रिहाना के ट्वीट पर मोदी सरकार ने जो किया वह उसकी मजबूती नहीं दिखाता

रामचंद्र गुहा रिहाना के ट्वीट पर सरकार की प्रतिक्रिया में पाखंड और बेईमानी तो थी ही, उसमें इस समझ की भी कमी थी कि किसी बात को कितना भाव दिया जाना चाहिए दो फरवरी की रात को जब मैं सोया तो मुझे यकीन था कि ‘मेरा भारत महान’ मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर है. अगली सुबह…

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किताबख़ाना- वैधानिक गल्प: एक गल्प जो काल्पनिक नहीं है

मुकेश कुमार कथाकार चंदन पांडेय का उपन्यास वैधानिक गल्प साल भर से काफ़ी चर्चा में है। समकालीन परिस्थितियों को यह उपन्यास गहरी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करता है। पूरी कथा पाठक में इतनी बेचैनी पैदा कर देती है कि वह आतंकित कर देने वाली उन परिस्थितियों और किरदारों के बारे में सोचे जो हमारे आस…

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बंसी कौल : संकुचित होते रंगकर्म की एक और भयानक क्षति

अनिल शुक्ल ​बंसी कौल ने अंततः ड्रामा स्कूल से निकलने के 11 साल बाद भोपाल में जमने का फ़ैसला करते हैं। यहाँ 1984 में उन्होंने ‘रंग विदूषक‘ नाट्य संस्था की स्थापना की। …ऐसे दौर में जबकि हिंदी रंगकर्म का आकार निरंतर संकुचित होता जा रहा है और ज़रूरत उसके भीतर लोक नाट्य के नए-नए तत्वों…

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