शाहीन बाग का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नागरिकता संशोधन कानून के विरोद में करीब दो महीने से शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट से शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई की अपील की है।वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने संबंधी भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई की तारीख जानने के लिए मंगलवार को भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग को संबद्ध अधिकारी के पास जाने को कहा।

भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग ने अदालत से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले अहम मार्ग पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से लोगों को आ रही समस्या पर गौर करते हुए अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आप याचिका का उल्लेख करने वाले अधिकारी के पास जाएं।

बता दें कि इससे पहले 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में काफी परेशानी आ रही है। बच्चों की इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि कालिंदी कुंज-शाहीन बाग का जो रास्ता बंद है, पुलिस उस पर ध्यान देकर एक्शन ले ताकि छात्रों को परेशानी न हो। जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिया था कि सरिता विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बातों पर गौर करे और उसका समाधान करें।

गौरतलब है कि फेडरेशन ने अदालत में याचिका डालकर कहा था कि बहुत से छात्र जो कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रास्ते से होकर बोर्ड परीक्षा के लिए जाएंगे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि यह रास्ता 15 दिसंबर से बंद है।

वकील अमरेश माथुर के जरिए दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया था कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा फरवरी और मार्च में होगी। ऐसे में सड़क नंबर 13 के बंद होने से मथुरा रोड पर भारी जाम लगता है जिससे छात्रों को स्कूल पहुंचने में देर होती है, ऐसे में छात्रों का भविष्य दांव पर लग सकता है।

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