जो चिन्तक और लेखक हिन्दू राष्ट्रवाद में यकीन रखते हैं और आरएसएस की सोच से सहमत है, वे दिन-रात इस जुगत में लगे रहते हैं कि किसी प्रकार गाँधीजी और अन्य राष्ट्रीय नायकों के भाषणों, वक्तव्यों और लेखन से ऐसे शब्द, ऐसे वाक्य खोज निकाले जाएं जिनसे यह साबित किया जा सके कि भारतीय राष्ट्र […]
Read Moreऐश्वर्या राज उस दौर में समाज में कई महिला विरोधी सामाजिक कुरीतियां चरम पर थी, जैसे जातीय पहचान के आधार पर छुआछूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह, शिक्षा व्यवस्था में सामाजिक भेदभाव आदि। इन रूढ़ियों को तोड़कर महिलओं के हित में कई रास्ते बनाने का श्रेय सावित्रीबाई फूले को जाता है। उन्हें महिलाओं और दलितों को शिक्षित करने […]
Read Moreजब खुद सरकार ने माना कि कि भारत में कोरोना काल में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर शून्य से 10 प्रतिशत नीचे चली गई और करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई, तब क्या आप इस पर यक़ीन करेंगे कि देश के चुनिंदा अरबपतियों की संपत्ति में 35 प्रतिशत की बढोतरी हुई और उनकी कुल जायदाद बढ़ कर 423 […]
Read Moreइला पटनायक – राधिका पांडेय परामर्श और भागीदारी की प्रक्रिया के ज़रिए बदलाव किए जाने पर लोग बगैर टकराव के नए विचारों के अभ्यस्त हो सकते हैं. बुरे प्रस्तावों को छोड़ा जा सकता है जबकि अच्छे को बेहतर बनाया जा सकता है. ये विडंबना ही है कि किसानों के फायदे के लिए कृषि बाज़ार व्यवस्था में उदारीकरण […]
Read Moreसुप्रीम कोर्ट ने सितंबर महीने के आख़िर में सुनवाई के दौरान जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हमेशा के लिए हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती की ताज़ा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपने रुख की जानकारी देने के लिए […]
Read Moreकविता छोटी सी उम्र में ही बूचड़खाने में काम कर चुके शैलेश मटियानी के लिए संघर्ष जीवन में कभी कम नहीं हुए लेकिन इनके साथ ही उनकी विलक्षण लेखकीय यात्रा चलती रही. राजेंद्र यादव अक्सर कहते थे, ‘मटियानी हमारे बीच वह अकेला लेखक है जिसके पास दस से भी अधिक नायाब और बेहतरीन ही नहीं, […]
Read Moreलता मंगेशकर के गाने को सुनकर ऐसा नहीं कह सकते कि ‘अरे यार, क्या कमाल का गाती हैं.’ उनके संगीत के लिए इज्जत की भावना अपने-आप मन में उठती हैउन्होंने अरेबियन नाइट्स की कहानियों की तरह आवाज का ऐसा जादुई कालीन अपने गीतों के बहाने बिछाया हुआ है जिस पर पिछले पचास-साठ साल से न […]
Read Moreअजय कुमार अर्थव्यवस्था के ऐसे बुरे हाल के पीछे कोरोना का बहुत बड़ा हाथ रहा। इस तर्क से किसी को कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसका दोष सरकार को नहीं दिया जाना चाहिए, सरकार से सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए। यह बिल्कुल गलत है। हमारे लोकतंत्र के बहुत सारी परेशानियों में से एक अहम परेशानी […]
Read Moreपूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा है कि आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे […]
Read More(कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनरेगा स्कीम को लेकर एक खुला पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि देश पर कोरोना का महासंकट छाया हुआ है और उसके चलते भूख और गरीबी दावानल के आग की तरह बढ़ती जा रही है। ऐसे मौके पर उससे लड़ने के लिए मनरेगा सबसे कारगर हथियार के तौर पर […]
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