अनुराग भारद्वाज अली सरदार जाफ़री ‘दीवाने मीर’ में लिखते हैं, ‘यद्यपि आज आम लोकप्रियता के विचार से ग़ालिब और इक़बाल, मीर से कहीं आगे हैं फिर भी ग़ालिब और इक़बाल की शायराना महानता को इनकार करने वाले मौजूद हैं. मगर मीर की उस्तादी से इनकार करने वाला कोई नहीं है. ‘रेख्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं […]
Read Moreओ हेनरी (11 सितंबर, 1862 – 5 जून, 1910 ) – पूरा नाम विलियम सिडनी पोर्टर , प्रसिद्ध अमेरिकन लेखक, लास्ट लीफ जैसी प्रसिद्ध कहानी के रचयिता ।उनकी रचनाओं और विचारधारा, दोनों में मनुष्य स्वभाव व मानवता की स्पष्ट झलक मिलती है ।ओ० हेनरी की कहानियां सन1900 के पश्चिमी दुनिया की आस-पास की दुनिया खड़ी कर देती है।उनकी कई कहानियां कालजयी हैं । […]
Read Moreरवींद्र त्रिपाठी हिंदी के कुछ लेखकों की भारतीयता वैश्विकता विरोध में चली गई है. कुंवर नारायण के साथ ऐसा नहीं है. वे पूर्व-पश्चिम का कोई द्वंद्व न देखते हैं, न दिखाते हैं. उनके यहां ‘कोई दूसरा नहीं’ है.ये अलग से कहने की आवश्यकता नहीं कि कुंवर नारायण भारतीय औपनिषदिक परंपरा के कवि है. इस लिहाज से […]
Read Moreएमएफ हुसैन के साथ एक लंबा अरसा बिताने वाले मशहूर छायाकार पार्थिव शाह के लिए हुसैन खुद एक ऐसी पेंटिंग से कम नहीं थे जिसे हर बार देखने पर एक नया रंग नजर आता है. दोनों की इस यात्रा पर जब हम नज़र डालते हैं तो पाते हैं कि जब पार्थिव उन्हें कैमरे की आंख […]
Read Moreफ्रैंज काफ्का (3जुलाई 1883- 3 जून 1924)ः बीसवीं सदी के प्रभावशाली जर्मन कथाकार, उपन्यासकार थे। उनकी रचनाऍं आधुनिक समाज की व्यग्रता, अलगाव को चित्रित करतीं हैं। काफ्का की कृतियों ने साहित्य में जादुई यथार्थ, फंतासी लेखन का मार्ग प्रशस्त किया। आलोचकों का मानना है कि काफ्का 20 वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में से एक है।आज पढ़ें नकी […]
Read Moreकला विदुषी कपिला वात्स्यायन का निधन हो गया। 25 दिसंबर, 1928 को पंजाबी पारंपरिक परिवार में जन्मी वात्स्यायन ने भारतीय कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।मौजूद समय में जब संस्कृति के संसार में एक भीषण बंजर फैला हुआ है और संस्कृति के नाम पर निकृष्ट हिंदुत्व की हुंकार मची है, कपिला जी जैसी सभ्यता-बहुल व्यक्तित्व का […]
Read Moreरघुनंदन त्रिवेदी- (17 जनवरी 1955 -10 जुलाई 2004)रघुनंदन त्रिवेदी अपने समय से आगे के कथाकार माने जाते रहे । हालांकि कम उम्र में ही उनका निधन हो गया मग़र इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण कहानियां लिखीं । तीन कहानी संग्रह 1988 में ॅयह ट्रेजेडी क्यों हुई,ॅ 1994 में ॅवह लड़की अभी जिन्दा हैॅ तथा 2001 में ॅहमारे शहर की भावी […]
Read Moreआज मशहूर साहित्यकार शरत चंद्र की जयंती है. अंग्रेज शरत चंद्र की लोकप्रियता से डर गए थे इसलिए उन्होंने यीट्स के माध्यम से रबींद्रनाथ टैगोर को स्थापित किया. मैं रबींद्रनाथ टैगोर जैसे हल्के-फुल्के लोगों को महान मानने से इनकार करता हूं.साहित्य के क्षेत्र में मैं शरत चंद्र चट्टोपाध्याय और काज़ी नज़रुल इस्लाम का सबसे ज्यादा […]
Read Moreहिंदी की प्रगतिशील काव्यधारा के प्रतीक गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ पर यह संस्मरण प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई ने लिखा है—- मुझे याद है, जब हम उन्हें भोपाल के अस्पताल में ले गये और मुख्यमन्त्री की दिलचस्पी के कारण थोड़ा हल्ला हो गया, पत्रकार मित्रों ने प्रचार किया, तब कुछ लोग जो साहित्य की राजधानियों के थे […]
Read Moreअंतोन पावलेविच चेखव (1860-1904) – रूसी कथाकार और नाटककार अंतोन पावलेविच चेखव विश्व के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में से एक हैं। चेखव के लेखन में अपने समय का जैसा गहन और मार्मिक वर्णन मिलता है। चेखव की संवेदना में मानवीयता का तत्व इतना गहरा है कि वे बहुत त्रासद स्थितियों में भी सूरज की थोड़ी सी […]
Read More