विमर्श

कोरोना-काल में आदिवासी : ‘बाजार बंद होने से क्या हुआ, जंगल तो खुला है’

April 7, 2020

‘बाजार तो बंद आहे लेकिन जंगल बंद तो नखे नि’ (बाजार बंद होने से क्या हुआ, जंगल तो खुला है). वन से जलावन के लिए लकड़ी लेकर आने वाली एक आदिवासी महिला के ये शब्द हैं. उन्होंने कोरोना वायरस के बारे मे सुना है और उन्हें उससे डर भी है पर लॉक डाउन से कोई […]

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कोरोनाः धर्म और विज्ञान – राम पुनियानी

April 5, 2020

 इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है. इससे लड़ने और इसे परास्त करने के लिए विश्वव्यापी मुहिम चल रही है. मानवता एक लंबे समय के बाद इस तरह के खतरे का सामना कर रही है. किसी ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी नहीं की थी कि पूरी दुनिया पर इस तरह की मुसीबत आने […]

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कोरोना से लड़ाई में अंधश्रद्धा के लिए कोई जगह नहीं -राम पुनियानी

March 31, 2020

इस समय (मार्च 2020) पूरी दुनिया, कोविड -19 वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में जुटी है. चीन से शुरू हुई यह जानलेवा बीमारी विश्व के लगभग सभी देशों में फैल गई है. अपनी आबादी और आकार के चलते भारत के लिए इस बीमारी से लड़ना एक बड़ी चुनौती है. इस सिलसिले में कई कदम उठाए […]

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भारत में मोदी की अब तक की पूरी भूमिका का अमेरिका से क्या संबंध है ?- अरुण माहेश्वरी

March 31, 2020

मोदी के इन छ: सालों में हो रही तमाम बर्बादियों के इतिहास को देखते हुए अब इस बात की खोज करने की ज़रूरत है कि आख़िर इस सरकार का असली सूत्रधार कौन है ? आरएसएस ही आखिर क्या है ? हमने 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने के बाद ही आरएसएस पर एक शोध […]

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बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं और बड़ी आबादी एक चुनौती

March 27, 2020

लगातार घातक बनते जा रहे वायरस को नोवल कोरोना वायरस नाम दिया गया है जो पशुओं में आम है। यह एक ‘जूनोटिक’ वायरस है। यानी यह जानवर से मनुष्य में फैलता है। वायरस पर एंटीबॉयोटिक दवाइयों का असर नहीं होता, इसलिए चिकित्सकों को नहीं पता कि इससे कैसे निपटा जाए। यह सच है कि कोरोनो […]

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“हिमालयन वियाग्रा”(कीड़ाजड़ी) के अस्तित्व पर संकट

March 4, 2020

उत्तराखंड के धारचूला से करीब 40 किलोमीटर दूर है छिपला केदार का इलाका. यहां कोई 2000 मीटर की ऊंचाई पर बसे एक दर्जन गांवों के 700 से अधिक लोग हर साल ऊंचे पहाड़ी बुग्यालों पर एक बूटी की तलाश में जाते हैं. ये है यारसा गुम्बा (तिब्बत में यारसा गुन्बू) नाम की हिमालयी बूटी जिसे […]

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कैद और बंदी की सियासत – राधा कुमार

March 4, 2020

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को छह महीने तक बिना किसी आरोप के नजरबंद रखने के बाद मोदी सरकार ने अब उन पर जम्मू-कश्मीर के सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) चस्पा करके उनकी गिरफ्तारी अनिश्चितकाल तक बढ़ा दिया है। इन नेताओं पर पीएसए चस्पां करने की जो वजहें बताई गई हैं, वे नितांत बेतुकी […]

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अफगानिस्तानः एक दशक में एक लाख नागरिकों की मौत

February 26, 2020

अफगानिस्तान में 18 साल से युद्ध चल रहा है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में अफगानिस्तान में संघर्ष के दौरान 3,400 से अधिक नागरिकों की मौत हुई. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन (यूएनएएमए) का कहना है कि इस दौरान 6,989 लोग घायल हुए, यह लगातार छठा साल […]

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जनगणना फार्म में ‘आदिवासी’ धर्म का कालम क्यों न हो – राम पुनियानी

February 15, 2020

इन दिनों पूरे देश में एनपीआर-एनआरसी-सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी के समांतर, सन 2021 की दशकीय जनगणना की तैयारियां भी चल रहीं हैं. आरएसएस द्वारा एनपीआर, एनआरसी और सीएए का समर्थन तो किया ही जा रहा है, संघ यह भी चाहता है कि जनगणना कर्मी जब आदिवासियों से उनका धर्म पूछें […]

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संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा- अनिल सदगोपाल

February 13, 2020

अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! शलभ श्री राम सिंह हम भारत के लोग ने संविधान को […]

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