अमिताभ बेहार – राज्यसभा द्वारा बुधवार को पारित विदेशी अनुदान (नियमन) संशोधन बिल, 2020 को राजनैतिक संदर्भ में समझा जाना होगा। इसका संदेश स्पष्ट है: भारत में गढ़े जा रहे सत्ता के आख्यान को मिल रही किसी भी चुनौती को संदेह की निगाह से देखा जाएगा और पूरी ताकत से कुचल दिया जाएगा। सिविल सोसायटी यानी […]
Read Moreभारत में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपना काम बंद कर दिया है। अपनी वेबसाइट पर इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए उसने एक बयान में कहा है कि बीते 10 सितम्बर को उसे पता चला कि भारत सरकार ने एमनेस्टी इंडिया के सभी बैंक खाते फ्रीज़ कर दिए हैं। इसके कारण मजबूरी में संस्था को अपना काम […]
Read Moreदिल्ली। हिंदी की पत्रिकाएं प्रारंभ से ही साहित्य की दुनिया के साथ-साथ समाज और राजनीति के क्षेत्रों की भी सूचना देती रही हैं। अपने पाठकों को संवेदनशील बनाना और राजनैतिक जागरूकता देना भारतेंदु युगीन सहटियिक पत्रकारिता में भी देखा जा सकता है। बाद में हिंदी के लघु पत्रिका आंदोलन ने इस कार्य को अधिक गहराई […]
Read Moreby Dr. Ravi Sinha In this lecture we take you to the deepest layers of the microcosm where vacuum becomes an active participant in generating the fundamental properties of matter. This is the story of the discovery and the chiselling of the “jewel of physics” – the most successful theory in science where theory matches […]
Read Moreप्रबीर पुरकायस्थ हो सकता है बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश पैसे के दम से कतार में आगे आकर या सिर्फ़ अपने लिए उत्पादन क्षमताओं का इस्तेमाल कर वैक्सीन की समस्याओं से निजात पा लें, लेकिन बाकी दुनिया का क्या होगा? जैसे-जैसे दुनिया में कोरोना बढ़ता जा रहा है, कुछ देश इसके खिलाफ़ हार मानते जा रहे […]
Read Moreकांग्रेस महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने यूपी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि “ शहीद भगत सिंह ने कहा था कि शोषणकारी व्यवस्था पूंजीपतियों के फायदे के लिए किसानों मजदूरों का हक छीनती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “कृषि […]
Read Moreअनुराग भारद्वाज मुल्क राज आनंद पहले अंग्रेज़ी लेखक भी कहे जा सकते हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं में हिंदी और पंजाबी शब्दों का प्रयोग किया जो भारतीय समाज प्रेमचंद के ‘कफ़न’ या ‘गोदान’ में नज़र आता है, या जयशंकर प्रसाद की कहानियों में झलकता है, वही समाज और उसका दर्द, अंग्रेज़ी के लेखक मुल्क राज आनंद […]
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