हाल ही में उम्र का 90वां बसन्त मना रहीं प्रख्यात लेखिका उषा प्रियंवदा का अंदाज़ ज़िदादिली, खिलंदड़पन और दिलकशी से भरपूर है। पद्म भूषण सम्मान से अलंकृत ऊषा ने पीएलएफ में, “जिंदगी और गुलाब के फूल” सत्र में, अरविंद कुमार के सवालों का जवाब देते हुए अपनी जिंदगी के कई रंग सामने रखे। खिलखिलाते हुए […]
Read Moreआकांक्षा पारे काशिव “अगर कहानियों में नायिकाएं विद्रोह पर उतर आएं, तो समझ जाइए कि समाज में बदलाव धीरे-धीरे दस्तक देने लगा है”,कंचन सिंह चौहान के पहले कहानी संग्रह में यह दस्तक सुनाई देती है। उनकी नायिकाएं ‘जी’ कहने से पहले ‘क्यों’ पूछती हैं। ‘बदजात’ ऐसी ही कहानी है, जिसमें एक मां का विद्रोह है। […]
Read Moreदिल्ली पुलिस ने शनिवार रात बंगलुरु से किसान आंदोलन की समर्थक एक जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। दिशा रवि फ्राइडेज़ फॉर फ्यूचर नाम के जलवायु परिवर्तन सम्बंधी अभियान की सह-संस्थापक हैं। उन्हें बंगलुरु से शनिवार शाम फ्लाइट से दिल्ली लाया गया। आज उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें पांच दिन की […]
Read Moreसंजय राय देश की संसद और राजनीति आन्दोलनजीवी, परजीवी और क्रोनीजीवी जैसे शब्दों के तर्क-कुतर्क पर उलझी हुई है, जबकि आम आदमी महँगाई की मार से दोहरा होता जा रहा है। प्याज और सब्जी के आकाश छूते दाम, नए साल में 16 बार पेट्रोल – डीज़ल के भाव बढ़ गए, लेकिन इसकी चर्चा न संसद […]
Read Moreशिक्षा संस्थानों पर लगाम लगाने के नए सरकारी फरमान की हिंदी की अखबारी दुनिया में कोई चर्चा नहीं है। क्या इसपर हम ताज्जुब करें? आखिर हिंदी अखबारी रवैया हिंदी पाठकों को बेखबर करने का ही रहा है। ज्ञान के संसार में क्या हो रहा है, किस किस्म की उथल-पुथल है, इसपर कोई चर्चा हिंदी मीडिया […]
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