एम.ए. समीर हिंदी साहित्य में महान कथाकार अमृतलाल नागर का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है अगर यह कहा जाए कि उपन्यास-सम्राट प्रेमचंद की अमर कृति ‘गोदान’ की तुलना का कोई उपन्यास है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह उपन्यास महान साहित्यकार अमृतलाल नागर का ‘मानस का हंस’ है. हिंदी साहित्य […]
Read Moreनाज़मा ख़ान ”ये हमारी चॉइस नहीं है कि हमें एक्टिविस्ट बनना है, लेकिन अगर आपको जीना है, तो हर ग़लत के ख़िलाफ़ खड़ा होना होगा।” यह कहना है नौदीप की बहन राजवीर कौर का। नाज़मा ख़ान ने उनसे मुलाकात और बात की। मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं […]
Read Moreशुभम उपाध्याय उस मुलाकात के वक्त सैयद हैदर रज़ा साहब की सेहत बेहद नासाज थी, लेकिन चित्रकारी और उसके बहाने खुद को अभिव्यक्त करने को लेकर उनका उत्साह तब भी चरम पर था जो सैयद हैदर रज़ा के काम में गहरी दिलचस्पी रखते आए हैं उन्होंने एक बात पर गौर किया होगा. वह बात यह […]
Read Moreविभूति नारायण राय 1962 की शर्मनाक हार का देश के मनोबल पर क्या असर पड़ा, हमें कभी भूलना नहीं चाहिये। बजाय इतिहास को दोहराते हुए सरकार को युद्ध के लिए कूद पड़ने को मजबूर करने के हमें उसे याद दिलाते रहना होगा कि उसके लिये जितना ज़रूरी सीमाओं की हिफ़ाज़त करना है उससे कम ज़रूरी […]
Read More