प्रगतिशील लेखक संघ उत्तर प्रदेश द्वारा कोरोना काल में फेसबुक लाइव का आयोजन किया गया। इस फेसबुक लाइव में वरिष्ठ साहित्यकार काशीनाथ सिंह ने अपनी सुप्रसिद्ध कहानी ‘सदी का सबसे बड़ा आदमी’ का पाठ किया ।
प्रारंभ में प्रदेश महासचिव डॉ. संजय श्रीवास्तव ने आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विपदा का दौर है, लोग घरों में कैद हैं , एक सन्नाटा है । आखिर ये सन्नाटा टूटेगा कैसे ? इसके लिए प्रगतिशील लेखक संघ ने सोचा है कि सोशल मीडिया का उपयोग कर लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जाए । इसकी पहली कड़ी में लब्ध प्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकार काशीनाथ सिंह के कहानी पाठ का आयोजन किया जा रहा है । उन्होने बताया कि काशीनाथ सिंह जी लम्बे समय से बीमार होने के बावजूद अपनी कहानी ‘सदी का सबसे बड़ा आदमी ‘का पाठ करने तैयार हुए ।
अपने पाठ का प्रारंभ करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार काशीनाथ सिंह ने इस कहानी संबंधित कुछ यादें साझा कीं । उन्होने कहा कि यह कहानी 1984 के आसपास प्रकाशित हुई और फिर प्रकाशन के दो चार साल बाद हावड़ा के एक थिएटर ग्रुप ‘क्लासिक थिएटर’ ने इसका मंचन कुछ शहरों व गांवो में किया । फिर इधर कुछ साल पहले मुम्बई के किस्सागो उदित पाराशर ने इस कहानी का मंच पाठ मुंबई, गोवा एवं कई शहरों में किया। काशीनाथ जी ने कहा कि हालांकि उन्होने न नाटक देखा न मंच पाठ, मगर एक किस्सा बताया किएक बार कहीं मंच पाठ के दौरान लोककथाओं के चितेरे सुप्रसिद्ध साहित्यकार विजयदान देथा ने नामवर सिंह से कहा कि काशीनाथ ने कुल मिलाकर एक ही कहानी लिखी ‘सदी का सबसे बड़ा आदमी’ , संभवतः उन्हें इस कहानी में लोककथा के तत्व दिखाई दिए हों इसलिए ऐसा कहा हो।
कहानी पाठ के पश्चात आलोचक डॉ. नीरज खरे एवं डॉ वंदना चौबे ने इस कहानी पर अपनी बात रखी ।
आप इस आयोजन को नीचे दी गई लिंक पर जाकर सुन सकते हैं-