रेलवे ने यह साफ कर दिया है कि प्राइवेट ट्रेन के लिए किराए पर नजर रखने वाला कोई नियामक नहीं होगा. विदित हो कि भारत में कई रूट पर रेलवे निजी ट्रेन चलाने जा रही है. रेलवे ने कहा है कि भारत के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में प्रतियोगिता की वजह से ऑपरेटर को ही किराया तय करने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
इस बारे में रेलवे ने एक दस्तावेज सार्वजनिक किया है. रेलवे ने कहा है कि 150 ट्रेन को निजी ऑपरेटर के हाथ में देने से संबंधित प्रावधान में किसी किराया नियामक का प्रावधान नहीं किया गया है और ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि आर्थिक नियम लागू करने की वजह से इस प्रोजेक्ट की कमाई पर असर पड़ सकता है. भारतीय रेल के सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में कहा गया है, “प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर को एक प्रतियोगी माहौल में कामकाज करने की अनुमति दी जानी चाहिए और इसके लिए उन्हें जरूरी आजादी मिलेगी. भारत के ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काफी कड़ी प्रतियोगिता है और बाजार को इस प्रतियोगिता के हिसाब से सुविधाएं और शुल्क तय करने की इजाजत दी जानी चाहिए.” भारत में निजी ट्रेन चलाने के लिए तैयार किए गए इस दस्तावेज के स्ट्रक्चरल, फाइनेंशियल और ऑपरेशनल फीजिबिलिटी स्टडी नाम के इस दस्तावेज में यह दावा किया गया है. इस दस्तावेज में कहा गया है कि प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर को ट्रांसपोर्ट के हर साधन से प्रतियोगिता करते हुए कारोबार करना चाहिए. इसके लिए उन्हें मोनोपोली करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. इस हिसाब से प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर को किराया तय करने और अन्य शुल्क लगाने की आजादी मिलेगी. यात्रा करने वाले लोगों के सामने हमेशा यह विकल्प रहता है कि वे वैकल्पिक ट्रेन या यातायात के अन्य साधनों का चुनाव कर सकें. किराया तय करने की प्रथा वास्तव में निजी ट्रेन की सुविधाओं को कम कर सकती है.
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