राज्य सभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के लिखित बयान के जवाब में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि कोरोना के कारण देश में अब तक 382 डॉक्टरों की मौत हो चुकी जबकि इस बीमारी से अब तक 2,238 डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं।
राज्यसभा में 15 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने लिखित बयान में कहा था कि केंद्रीय मंत्रालय के पास कोरोना से संक्रमित होने वाले और जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों जैसे नर्स, आशा वर्कर आदि के आंकड़े नहीं हैं। सरकार के इस बयान पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया और नाराजगी व्यक्त करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 382 डॉक्टर की लिस्ट जारी की है जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने लिस्ट जारी करते हुए कहा कि अगर सरकार के पास ये आंकड़े नहीं हैं तो ये राष्ट्रीय नायकों का अपमान है। विज्ञप्ति में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा, “अगर सरकार कोरोना संक्रमित होने वाले डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर का डेटा नहीं रखती और यह आंकड़े नहीं रखती कि उनमें से कितनों ने अपनी जान इस वैश्वविक महामारी के चलते कुर्बान की तो वह महामारी एक्ट 1897 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू करने का नैतिक अधिकार खो दती है।”
एसोसिएशन ने आगे कहा “इससे इस झूठ का भी पर्दाफाश होता है कि एक तरफ तो इनको कोराना वारियर्स कहा जाता है तो दूसरी ओर इनके परिवार को शहीद का दर्जा और फायदे देने से मना किया जाता है। बॉर्डर पर लड़ने वाले हमारे बहादुर सैनिक अपनी जान खतरे में डालकर लड़ते हैं लेकिन वे गोली घर नहीं लाते। हमारे डॉटर और स्वास्थ्यकर्मी खुद तो संक्रमित होते ही है, उनका परिवार भी इसकी चपेट में आ जाता है।”
एजेंसियां