भारत जोड़ो अभियानः सेवाग्राम में राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न,नई कार्यकारिणी का गठन

   भारत जोड़ो अभियान का राष्ट्रीय सम्मेलन दिनांक 8 और 9 जुलाई को सेवाग्राम, वर्धा में आयोजित किया गया । राष्ट्रीय सम्मेलन में विजय महाजन,  योगेन्द्र यादव और श्रीमती कविता कुरगुंती को राष्ट्रीय समन्वयक चुना गया। साथ ही अजीत झा,नदीम खान एवं अवीक साहा को राष्ट्रीय महासचिव , एन सुकुमार एवं के पी सिंह को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा 11 राष्ट्रीय सचिव भी चुने गए।

   भारत जोड़ो अभियान का राष्ट्रीय सम्मेलन दिनांक 8 और 9 जुलाई को सेवाग्राम, वर्धा में आयोजित किया गया था। सत्य और अहिंसा की इस भूमि पर पूरे भारत से भारत जोड़ो अभियान के सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर एक स्थिर और दीर्घकालिक लोकतंत्र-उन्मुख सरकार की स्थापना के लिए भारत अघाड़ी के उम्मीदवारों को जिताने का संकल्प लिया। राष्ट्रीय सम्मेलन में विजय महाजन,  योगेन्द्र यादव और श्रीमती कविता कुरगुंती को राष्ट्रीय समन्वयक चुना गया। साथ ही अजीत झा,नदीम खान एवं अवीक साहा को राष्ट्रीय महासचिव , एन सुकुमार एवं के पी सिंह को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा 11 राष्ट्रीय सचिव भी चुने गए।

बापू के सत्य की भूमिका निडरता से निभाते हुए चाहे अँधेरा मिटाने वाले जुगनू की भूमिका हो या खेत की जमीन को उपजाऊ बनाने वाले छोटे से कीड़े या केंचुए की भूमिका हो, लेकिन सरकार बदलने की ताकत पैदा कर देश भर से लगभग 250 कार्यकर्ता इस सम्मेलन में शामिल हुए.

इस साल महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के क्षेत्रीय चुनावों में एकजुट कार्यकर्ताओंने बीजेपी और आरएसएस ने युक्त महायुति सरकार को हराने की ठानी। केवल एक वर्ष में सरकार को हटाने के लिए योजना बनाना, कथा स्थापित करना और बिना किसी राजनीतिक दल के अपने दम पर लड़ना, जैसे उसने केवल एक वर्ष में लोकसभा में 156 टीपीसी सीटों में से 78 सीटें जीतीं, वह महायुति सरकार को हराने के लिए दृढ़संकल्पित है। इस स्थानीय चुनाव में भी भाग लेकर हम यह कभी नहीं कहते कि वे सभी सीटें हमारी वजह से चुनी गईं। लेकिन कार्यकर्ताओं की मेहनत की बदौलत ढाल खारी के हिस्से अब जूगनू नहीं बल्कि जलती मशाल मशाल बन जाएगी और महाराष्ट्र में संविधानेतर सरकार को हराने की रणनीति बनेगी. और इसमें सफल होने के लिए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के साथ बैठक करने और उन्हें उचित समर्थन, जमीनी कार्य और योजना देने से न केवल सरकार बनाने में मदद मिलेगी और आने वाली सरकार को लोकतांत्रिक तरीके से काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा और संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना न करते हुए काम करने मजबूर करेगी ईसमएं कोई दोमत नहीं। 

       दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन और एक दिवसीय महाराष्ट्र राज्य अधिवेशन, कुल तीन दिन के मंथन से अनेक बातों पर चर्चा हुई। इस सत्र में राष्ट्रीय संरक्षक श्री योगेन्द्र यादव के अलावा महात्मा गांधी के प्रपौत्र मा. तुषार गांधी, डेमोक्रेटिक कंस्ट्रक्शन के प्रो. आनंद कुमार, राजीव गांधी फाउंडेशन के श्री विजय महाजन, श्री विजय प्रताप, लेखक श्री कुमार प्रशांतजी, राष्ट्रीय महासचिव श्री अमित झा, राष्ट्रीय सचिव श्रीमती कविता कुरगुंती, महाराष्ट्र राज्य समन्वयक श्रीमती उल्काताई महाजन, राष्ट्रीय समन्वयक, राज्य समन्वयक, विदर्भ समन्वयक और 156 टीपीसी समन्वयक और भारत जोड़ो अभियान के नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। कई घटनाओं का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय नेताओं ने अपना पक्ष रखा और केंद्र में पूर्ण बहुमत नहीं रखने वालों की तानाशाही के खिलाफ भारत जोड़ो अभियान की भूमिका बताई, जैसे मणिपुर की घटना, हाथरस की घटना, मॉब लिंचिंग अनेक घटनाओंका जिक्र किया । डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर द्वारा लिखित संविधान के प्रावधानोंने भाजपा के उन नेताओं को आईना दिखाने का काम किया है जो कम से कम डेढ़ सौ साल बाद होने वाली घटनाओं को मानकर संविधान को बदलना चाहते हैं। देश संविधान से चलता है । भारत जोड़ो अभियान इस आधार पर कायम है कि संविधान की शुरुआत ‘हम भारत के लोग’ से करते हुए जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए शासन अर्थात *”लोकतंत्र”* को बनाए रखने में उपयोगी होगा। भारत जोड़ो अभियान सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि आजादी से पहले के संघर्ष के जनआंदोलन की पुनरावृत्ति है और हमने तय किया है कि जो भी संभव होगा वो करेंगे। भारत जोड़ो अभियान के कार्यकर्ता उन तथाकथित हिंदुओं को मर्यादित स्वर में जवाब देंगे जो अहिंसा के माध्यम से देश को सच्ची आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी के चरित्र को बदनाम कर यह कहते हैं कि देश 2014 में ही आजाद हो गया और इसे जारी रखेंगे। यह वैचारिक लड़ाई जारी रहेगी । 

   सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि, केवल दो योगदानकर्ताओं, न कि दाताओं, जिन्हें *’योगदानकर्ता*’ कहा जाता है, ने इस वर्ष के लिए एकत्रित कुल राशि का 80 प्रतिशत योगदान देकर भारत जोड़ो अभियान को देशव्यापी बना दिया है। दो महान आदर्शों द्वारा स्थापित आदर्श अद्वितीय है, जिन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति आय का 80 प्रतिशत हिस्सा किसी भी प्रकार का यात्रा व्यय लिए बिना पूरे समय अभियान के लिए समर्पित किया। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान 156 लोकसभा टीपीसी में से कुल 65 को संचित निधि से एक-एक लाख की सीड मनी दी गयी थी ।  इसलिए जिन टीपीसी ने शुरुआती पैसा लिया और आदर्श रूप से इसे खर्च किए बिना इसका दुरुपयोग किया, उनके चेहरे पर एक बड़ा तमाचा है। मूल रूप से, प्रत्येक टीपीसी को निर्देश दिया गया था कि वे स्वयं धनराशि एकत्र करें और उसे केंद्रीय खाते में जमा करें। लेकिन कई टीपीसी ने ऐसा किए बिना ही सीड मनी मांगी। यह बताने की जरूरत नहीं है कि आज के समय में सामाजिक कार्यों में सदस्यता मांगने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को क्या-क्या सहना पड़ता है।

      भारत जोड़ो अभियान के इस महान कार्य में संलग्न होते समय जो आदर्श आंखों के सामने आता है, वह स्वतंत्रता-पूर्व संघर्ष के युग की याद दिलाता है, इसलिए इस कार्य में सभी जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को चुनौती दी जाती है कि यह अघोषित आपातकाल के खिलाफ जीत हासिल करने का एक मिशन है। देश में पैदा हुई तानाशाही को देखते हुए सभी को अपनी नई पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस मुहिम में शामिल होना चाहिए और अपना योगदान देना चाहिए। फरवरी 2023 को शुरू हुआ यह अभियान राहुल गांधी के भारत जोड़ो अभियान से बिना किसी संबंध के आने वाली सरकार के काम को आगे बढ़ाने के लिए *लोकतंत्र और संविधान बचाने* के लिए देश का सर्वोच्च सामाजिक अभियान होगा और इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह जारी रहेगा।

रिपोर्ट – आनंद कोहाड, नागपुर समन्वयक के प्रेस नोट के आधार पर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *