आकांक्षा पारे काशिव “अगर कहानियों में नायिकाएं विद्रोह पर उतर आएं, तो समझ जाइए कि समाज में बदलाव धीरे-धीरे दस्तक देने लगा है”,कंचन सिंह चौहान के पहले कहानी संग्रह में यह दस्तक सुनाई देती है। उनकी नायिकाएं ‘जी’ कहने से पहले ‘क्यों’ पूछती हैं। ‘बदजात’ ऐसी ही कहानी है, जिसमें एक मां का विद्रोह है। […]
Read Moreदिल्ली पुलिस ने शनिवार रात बंगलुरु से किसान आंदोलन की समर्थक एक जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। दिशा रवि फ्राइडेज़ फॉर फ्यूचर नाम के जलवायु परिवर्तन सम्बंधी अभियान की सह-संस्थापक हैं। उन्हें बंगलुरु से शनिवार शाम फ्लाइट से दिल्ली लाया गया। आज उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें पांच दिन की […]
Read Moreसंजय राय देश की संसद और राजनीति आन्दोलनजीवी, परजीवी और क्रोनीजीवी जैसे शब्दों के तर्क-कुतर्क पर उलझी हुई है, जबकि आम आदमी महँगाई की मार से दोहरा होता जा रहा है। प्याज और सब्जी के आकाश छूते दाम, नए साल में 16 बार पेट्रोल – डीज़ल के भाव बढ़ गए, लेकिन इसकी चर्चा न संसद […]
Read Moreशिक्षा संस्थानों पर लगाम लगाने के नए सरकारी फरमान की हिंदी की अखबारी दुनिया में कोई चर्चा नहीं है। क्या इसपर हम ताज्जुब करें? आखिर हिंदी अखबारी रवैया हिंदी पाठकों को बेखबर करने का ही रहा है। ज्ञान के संसार में क्या हो रहा है, किस किस्म की उथल-पुथल है, इसपर कोई चर्चा हिंदी मीडिया […]
Read Moreख़लील जिब्रान (6 जनवरी, 1883–10 जनवरी, 1931) अरबी और अंग्रेजी के लेबनानी-अमेरिकी कलाकार, कवि तथा न्यूयॉर्क पेन लीग के लेखक थे। उन्हें अपने चिंतन के कारण समकालीन पादरियों और अधिकारी वर्ग का कोपभाजन होना पड़ा और जाति से बहिष्कृत करके देश निकाला तक दे दिया गया था। जीवन की कठिनाइयों की छाप उनकी कृतियों में […]
Read Moreकृष्णकांत फ़ैज़ ऐसे शायर हैं जो सीमाओं का अतिक्रमण करके न सिर्फ़ भारत-पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया के काव्य-प्रेमियों को जोड़ते हैं. वे प्रेम, इंसानियत, संघर्ष, पीड़ा और क्रांति को एक सूत्र में पिरोने वाले अनूठे शायर हैं. कुछ बरस पहले हमारी एक मित्र अपनी परीक्षा के एक दिन पहले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कुछ नज़्में […]
Read Moreनवीन कुमार कोलकाता के एक पांच सितारा होटल में 11 फरवरी की शाम राहुल कंवल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंटरव्यू करने बैठे थे। उस इंटरव्यू का इंतजार सबसे ज्यादा बीजेपी को था, लेकिन जब इंटरव्यू खत्म हुआ तो आजतक इंडिया टुडे ग्रुप के मालिक अरुण पुरी का चेहरा उतरा हुआ था। राहुल […]
Read Moreअजय कुमार साल 2020-21 के आर्थिक सर्वे के एक अध्याय में यह राय रखी गई है कि आर्थिक विकास से भले ही आर्थिक असमानता बढ़ेगी, लेकिन ग़रीबी भी कम होगी। तो आइए जानते हैं कि क्यों यह राय दुरुस्त नहीं है। साल 2020 -21 के आर्थिक सर्वे में आर्थिक असमानता और आर्थिक विकास पर आधारित […]
Read Moreकॉरपोरेट के प्रति मैत्री भाव रखने वाले लोग यह तर्क देंगे कि पर्यावरण संरक्षण अमीर देशों का शगल है लेकिन इस मामले में हमें उनसे ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है बीते रविवार को चमोली में आई आपदा की खबर मिलने के कुछ घंटे बाद मैंने एक ऐसे शख्स को फोन किया जिसका नाम हम […]
Read Moreसंयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रधानमंत्री के किसान विरोधी बयानों की निंदा की है। प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए कि बिना मांग के इस देश में बहुत कानून बनाये गए हैं, साबित कर दिया है कि ये कानून किसानों की मांग नहीं रही है। किसानों की मांग कर्जा मुक्ति – पूरा […]
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