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Year: 2020

गांव-घर लौटने का अर्थ : रवि भूषण

जाना और ’लौटना’ सामान्य क्रियाएं नहीं हैं. ये जिस भाव भूमि और विचार भूमि से उत्पन्न होती हैं, उन्हें समझे बगैर इनके अर्थ-मर्म की पहचान कुछ कठिन है. ‘जाना’ क्रिया में जहां आशा, उत्साह और उम्मीद है, वहीं ‘लौटना’ में थकान, हताशा और निराशा है. अज्ञेय ने लिखा है, ’घर’ लौटने के लिए होता है….

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कोरोना वायरस के मरीज को वेंटिलेटर क्यों ज़रूरी है?

कोरोना वायरस शरीर की श्वसन प्रणाली पर हमला करता है. कोरोना के शिकार कम से कम 20 फीसदी मामलों में देखा गया है कि वायरस फेफड़ों के इतनी अंदर बैठा होता है कि मरीज के लिए सांस लेना ही मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जल्द से जल्द वेंटिलेटर लगाने की जरूरत पड़ती है. समस्या…

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वार्ता श्रृंखला -2 : कोरोना और सभ्यता का संकट -अरुण माहेश्वरी

 ‘कोरोना और सभ्यता का संकट’ विषय पर अपनी वार्ता की पहली किस्त में हमने सामान्य रूप में मानव समाज के सामने पैदा हुए अस्तित्व के संकट के चंद विचारधारात्मक आयामों पर चर्चा की थी । इससे भविष्य का कौन सा नया रास्ता निकल सकता है, उसकी संभावनाओं की भी बात की थी । इस वैश्विक…

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वायरस और सत्ता की क्रूरता के इतिहास के बीच ‘दिमाग़ी लॉकडाउन’ के ख़तरे

लगभग सौ साल पहले, 1918 में इन्फ़्लुएंज़ा संक्रमण या स्पेनिश फ्लू ने पांच करोड़ लोगों को लील लिया था. भारत में मरने वालों की तादाद क़रीब एक करोड़ अस्सी लाख थी. हिंदी के महाकवि निराला की पत्नी मनोहरा देवी और कई परिजन भी इसी आपदा के शिकार बने थे. शवों को जलाने के लिए लकड़ियों…

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कोरोना-काल में आदिवासी : ‘बाजार बंद होने से क्या हुआ, जंगल तो खुला है’

‘बाजार तो बंद आहे लेकिन जंगल बंद तो नखे नि’ (बाजार बंद होने से क्या हुआ, जंगल तो खुला है). वन से जलावन के लिए लकड़ी लेकर आने वाली एक आदिवासी महिला के ये शब्द हैं. उन्होंने कोरोना वायरस के बारे मे सुना है और उन्हें उससे डर भी है पर लॉक डाउन से कोई…

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छत्तीसगढ़ में लॉक डॉउनः मुख्यमंत्री प्रदेश हित में स्वतंत्र फैसला लें- जीवेश चौबे

सारा विश्व कोरोना महामारी के चलते जिंदगी और मौत की सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है। विश्व की सारी सरकारें अपने इस भयंकर महाहारी से मुकाबला करने पूरी ताकत से जूझ रही हैं। छत्तीसगढ़ में भी इस महामारी की दस्तक एकदम शुरुवाती दौर में ही सुनाई दे गई थी । मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने…

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क्या धरती के लिए अच्छा है लॉकडाउन

दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना नदी को इतना साफ देख कर लोग काफी हैरानी भी जता रहे हैं. इस नदी को साफ करने की कोशिश में सालों से अलग अलग सरकारों ने कितनी ही योजनाएं और समितियां बनाईं और कितना ही धन खर्च किया लेकिन ऐसे नतीजे कभी नहीं दिखे जो लॉकडाउन के दौरान…

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कोरोना संकट के चलते आनंद तेलतुम्बड़े की गिरफ्तारी टालने की अपील

ख्याति प्राप्त चिंतक आनंद तेलतुम्बड़े की आसन्न गिरफ्तारी के साए में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद के 280 शिक्षकों और छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत अर्जी पर पुनर्विचार की मार्मिक अपील की है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और छह अप्रैल यानी सोमवार तक…

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फैलती महामारी,जूझता पूंजीवाद और जीवनदायी समाजवादी खुराक–जीवेश चौबे

कोरोना संकट ने पूरे विश्व में सिर्फ और सिर्फ लाभ अर्जन की प्राथमिकता वाले पूंजीवादी ढांचे को बुरे तरीके से हिला दिया है इसमें कोई शक शुबा नहीं रह गया है। इस विश्वव्यापी अभूतपूर्व संकट के सामने पूंजीवादी देश पूरी तरह असहाय नज़र आ रहे हैं। आजपूंजीवाद अपने चरम पर आ चुका है । भारत…

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कोरोनाः धर्म और विज्ञान – राम पुनियानी

 इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है. इससे लड़ने और इसे परास्त करने के लिए विश्वव्यापी मुहिम चल रही है. मानवता एक लंबे समय के बाद इस तरह के खतरे का सामना कर रही है. किसी ज्योतिषी ने यह भविष्यवाणी नहीं की थी कि पूरी दुनिया पर इस तरह की मुसीबत आने…

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