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Month: September 2020

कहानीः दो बूंद आंसू- इवान सर्जीविच तुर्गनेव

इवान सर्जीविच तुर्गनेव  – (1818-1883)  रूसी कथाकार  इवान सर्जीविच तुर्गनेव यथार्थवादी लेखक थे। उनकी रचनाओं में प्रेम प्रमुख रूप से शामिल रहता था। यही उनकी रचनाओं  की सबसे बड़ी ताकत थी। ऐसा कहा जाता है कि इवान सर्जीविच तुर्गनेव यूरोप का पहला आधुनिक कथाकार था। आज पढ़ें उनकी कहानी दो बूंद आंसू- इवान सर्जीविच तुर्गनेव वह…

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कोरोना वायरस के टेस्ट की कीमत इतनी कम हो जाने के बाद भी इतनी ज्यादा क्यों है?

विकास बहुगुणा मार्च तक पांच हजार रु में होने वाला कोरोना वायरस का टेस्ट अब डेढ़ हजार रुपये में भी होने लगा है, सरकार के ही मुताबिक देश भर में 1700 से भी ज्यादा लैब्स कोरोना वायरस की टेस्टिंग कर रही हैं. लेकिन इस टेस्टिंग की कीमत तय किए जाने को लेकर मापदंड क्या हैं, इसे लेकर…

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जब दिनकर ने लिखा, ‘मानवता की जो कब्र वही गांधी की भी होगी समाधि…’

अव्यक्त असली वीरता और छद्म वीरता के जिस फर्क को रामधारी सिंह दिनकर ने अपने काव्य संग्रह ‘बापू’ के जरिए समझाया था, उसे आज और गहराई से समझने की जरूरत हैआज रामधारी सिंह दिनकर को याद करने का दिन है. सब उन्हें उनकी ओजमयी कविताओं के माध्यम से याद कर रहे हैं. जैसे महात्मा गांधी…

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कृषि विधेयक: आढ़तियों, मंडियों को लेकर ग़लत प्रचार कर रही है सरकार?

प्रीति सिंह सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सबसे ज्यादा खरीद जिन इलाकों से होती है उन राज्यों के किसानों की आमदनी देश के अन्य इलाकों के किसानों की तुलना में औसतन बेहतर रही है। वहीं, जिन राज्यों ने आढ़तियों से इतर सीधी बिक्री के इंतजाम किए हैं, उनके प्रयोग सफल…

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कृषि विधेयक: कॉरपोरेट को फायदा पहुंचा रही है मोदी सरकार- राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी

कृषि सुधारों के लिए तीन अहम कानून ( द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) बिल ; द फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस बिल और द एसेंशियल कमोडिटीज (संशोधन) बिल -2020) को संसद से पारित करा लिया है।  इस मुद्दें पर  राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत…

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नूरजहां : जिसने अपने भाई के साथ सियासी जंग में मुग़लों को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया

अनुराग भारद्वाज इतिहासकार बड़े निर्मम रहे हैं. कहा जाता है कि उन्होंने नूरजहां को उसका उचित श्रेय नहीं दिया वरना यह भी कहा जा सकता था कि छह महान मुग़लों और एक मुग़लिया रानी ने दुनिया भर में सल्तनत का परचम लहराया. नूरजहां जितनी ख़ूबसूरत थी, उतनी ही क़ाबिल भी. 16 साल तक उसने जहांगीर…

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ख़ुमार बाराबंकवी : ऐसा शायर जो बाकी शायरों को कलम तोड़ने पर मजबूर कर दे

अनुराग भारद्वाज ख़ुमार बाराबंकवी जिस भी महफिल में होते वह उनके नाम हो जाती. ‘खुमार, आपका तखल्लुस गलत है. सुरूर होना चाहिए था.’ कुछ हस्तियां ऐसी होती हैं जिनकी शोहरत उनसे कुछ कदम आगे चलती है. ख़ुमार बाराबंकवी या साहिर लुधयानवी ऐसे ही शायर थे. दोनों के फ़िल्म इंडस्ट्री पहुंचने से पहले उनकी शोहरत वहां…

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दिनेश ठाकुर : थियेटर जिनकी सांसों में बसता था

 —जाहिद खान  हिंदी रंगमंच में दिनेश ठाकुर की पहचान शीर्षस्थ रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक, निर्देशक के तौर पर है। दिनेश ठाकुर के नाट्य ग्रुप ‘अंक’ का सफर साल 1976 में शुरू हुआ था, जो उनके इस दुनिया से जाने के आठ साल बाद भी जारी है। रंगमंच हो, टेलीविजन या फिर…

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बीजेपी आइटी सेल, नैरेटिव निर्माण और लेफ्ट का सरलीकरण

व्यालोक भारतीय जनता पार्टी के आइटी सेल और सोशल मीडिया के बारे में आम तौर पर लोगों की जानकारी बहुत सीमित है। जो थोड़ी-बहुत जानकारी है भी, वह कई तरह के पूर्वाग्रहों और गलत धारणाओं पर आधारित है। इसे हम अवधारणा-निर्माण (नैरेटिव-बिल्डिंग) और आधिपत्यीकरण (हेजेमनाइजेशन) के खेल की तरह समझें। पढ़े-लिखे होने का दावा करने…

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कैमूर गोलीकांड: चुनाव के माहौल में माओवाद का हौव्‍वा खड़ा करना चाह रही है सरकार

रोमा बिहार के चुनावी माहौल में जिला कैमूर के अधौरा प्रखंड में अपने जल, जंगल और ज़मीन के हक़ के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों पर पुलिस द्वारा गोलियां बरसायी गयीं। 11 सितंबर 2020 को पुलिस और वन विभाग ने निहत्थे आदिवासियों पर गोलीचालन किया जिसमें 3 लोग घायल हो गये और कई को चोट…

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