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Month: September 2020

चीनी कंपनी ज़ेनहुआ के पास हैं 24 लाख लोगों के डेटा, निशाने पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया भी

प्रमोद मल्लिक चीन पर डेटा चुराने का आरोप पहले भी लग चुका है। पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में पढ़ रहे या शोध कर रहे एक हज़ार चीनियों के वीज़ा रदद् कर दिए। इन लोगों पर आरोप है कि वे वहां शोध कार्य चुराने के मकसद से गए है। वे वहां के…

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“बटलर हिन्दी” – प्रभाकर चौबे

आज हिन्दी दिवस पर पढ़ें प्रभाकर चौबे का पूर्वप्रकाशित लेख ‘बटलर हिन्दी’…. आज हिन्दी भाषा के अखबार ‘बटलर हिन्दी’ लिखे जा रहे हैं और कहते हैं कि यही आज की भाषा है। लगता है मैनेजमेंट उन्हें जनता की भाषा भ्रष्ट करने के लिए ही रखती है। आज हिन्दी अखबार उठा लीजिए। आपको मजेदार ‘बटलर हिन्दी’…

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दिल्ली दंगा: येचुरी बोले – यही है मोदी और बीजेपी का असली चाल, चरित्र, चेहरा, और चिंतन

माकपा नेता सीतीरीम येचुरी ने दिल्ली दंगों पर जांच में नाम आते ही केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि किसी भी प्रकार से विपक्ष को लपेटा जाए। येचुरी ने ट्वीट कर कहा है कि…

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2020 में हम भारतीयों को 1920 के इटली को जानने की जरूरत क्यों है? – रामचंद्र गुहा

इटली के उस अतीत से हमें भारत के वर्तमान और भविष्य को समझने में मदद मिल सकती है मुसोलिनी रोजगार और खुशहाली देने में नाकाम रहा. मोदी सरकार तो आर्थिक मोर्चे पर कहीं ज्यादा विफल रही है. बुरे तरीके से बनाई गई अव्यावहारिक नीतियों ने उस प्रगति का काफी हद तक नाश कर दिया है…

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भारतीय मीडिया क्यों नहीं सुन रहा आने वाली क्रांति की आहट?

जस्टिस मार्कंडेय काटजू ऐतिहासिक अनुभव से पता चलता है कि क्रांतियाँ तब होती हैं जब करोड़ों लोग इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि किसी भी तरह से अब पुराने तरीक़े से रहना असंभव है। यह स्थिति भारत में तेज़ी से आ रही है। हमारा मीडिया शुतुरमुर्ग की तरह बर्ताव करना जारी रख सकता है, आने…

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स्वामी अग्निवेशः एक सेक्युलर और योद्धा संन्यासी का जाना

उर्मिलेश तमाम विवादों या आरोपों के बावजूद लोकतांत्रिक और सेक्युलर खेमे में शायद ही किसी को इस बात पर असहमति हो कि अग्निवेश एक सेक्युलर स्वामी थे, एक योद्धा स्वामी! आज के दौर में स्वामी कहलाने वाले कई लोग ‘कारपोरेट व्यापारी’ बन गये या सत्ता के ‘धर्माधिकारी’। पर स्वामी अग्निवेश ने वह रास्ता कभी नहीं…

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अपराध रिपोर्टिंग के अपराध: चरित्र हत्या, मीडिया ट्रायल, पुलिस प्लांट और मनोहर कहानियां?

आनंद प्रधान अपराध रिपोर्टिंग के नाम पर सूत्रों पर आधारित अपुष्ट, सनसनीखेज और गैर जिम्मेदार रिपोर्टिंग, पुलिस/जांच-एजेंसियों के प्लांट, चरित्र हत्या, मीडिया ट्रायल के बाद न्यूज चैनलों ने अब सुपारी लेकर निशाना बनाना शुरू कर दिया है. कोई पांच-छह साल पहले जैक जिलेन्हाल की एक फिल्म आई थी- ‘नाईटक्राव्लर’. हॉलीवुड की यह क्राइम थ्रिलर फिल्म,…

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पायलट ने गहलोत को फिर घेरा, याद दिलाया गुर्जर और अति पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण का वादा

जयपुर। हाल ही में लम्बे झगड़े और सत्ता के लिए चले संघर्ष के पश्चात शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप से अशोक गहलौत और सचिन पायलट ने दोबारा हाथ मिला लिया था।  लेकिन उसी समय से यह सवाल बना हुआ है कि क्या दोनों के दिल फिर मिल पाएंगे? कुछ दिनों की शांति के राजस्थान कांग्रेस में…

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अर्थव्यवस्था का गहराता आफतकाल

अरविंद मोहन जहां अमेरिका ने अपनी जीडीपी का 20 फीसदी राहत पैकेज घोषित किया वहीं, अपने यहां लगभग डेढ़ फीसदी की घोषणा भर हुई और उसमें से भी लघु और सूक्ष्म उद्यमों को कुछ सीधा लाभ हो सकता था पर सब के लिए यह बीस-इक्कीस लाख करोड़ का आर्थिक पैकेजझुनझुना बनकर ही रह गया है।…

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मुक्तिबोध संबंधों में लचीले मगर विचारों में इस्पात की तरह थे- हरिशंकर परसाई

हिंदी की प्रगतिशील काव्यधारा के प्रतीक गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ पर यह संस्मरण प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई ने लिखा है—- मुझे याद है, जब हम उन्हें भोपाल के अस्पताल में ले गये और मुख्यमन्त्री की दिलचस्पी के कारण थोड़ा हल्ला हो गया, पत्रकार मित्रों ने प्रचार किया, तब कुछ लोग जो साहित्य की राजधानियों के थे…

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