मुकेश कुमार क्या गुंडों की ये टोलियाँ फासीवादी अभियान के शुरुआती दस्ते हैं? अभी इस तरह की भविष्यवाणी को अनुचित और जल्दबाज़ी कहा जाएगा। बहुत से लोगों को यक़ीन है कि भारत के लोगों का सामूहिक विवेक अभी उस हद तक नहीं गिरा है जहाँ हम मान लें कि लोकतांत्रिक व्यवस्था ढह जाएगी और फासीवाद…
मुकुंद झा, सोनाली मोटे तौर पर सभी ने इस आंदोलन का समर्थन किया और किसी भी तरह की परेशानी से इंकार किया। हालांकि कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें कुछ असुविधा हुई लेकिन वो किसान से अधिक पुलिस के रास्ते रोके जाने से हुई है। “हमें किसान आंदोलन से कोई समस्या नहीं है, जो लोग…
अमिताभ एक ऐसे समय में जब राजनीति का मक़सद किसी भी तरह से सत्ता हासिल करना रह गया हो और समाज में सब तरफ़ पैसे की ताक़त का बोलबाला हो, सामान्य लोग भी निजी और सार्वजनिक जीवन में मन वचन और कर्म से बहुत हिंसक हो चुके हों, राजनीति में सेवाभाव की अहमियत पर ज़ोर…
प्रियदर्शन गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते. गांधी को वे चाहे जितनी गोलियां मारें, गांधी अब भी सांस लेते हैं एनसीईआरटी के प्रमुख रहे सुख्यात शिक्षाशास्त्री कृष्ण कुमार ने अपनी किताब ‘शांति का समर’ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल उठाया है- राजघाट…
मीना कोटवाल एनसीआरबी 2019 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बलात्कार के कुल 31,755 मामले दर्ज किए गए, यानी औसतन प्रतिदिन 87 मामले। ऐसे में एक महिला जज की तरफ़ से इस तरह का फैसला आना उन महिलाओं के बल और साहस को कमज़ोर करेगा जो हिम्मत कर के अपने खिलाफ़ हो रहे गलत को…
क्या राकेश टिकैत के रो पड़ने ने किसान आंदोलन में नये सिरे से जान फूँक दी है? रात यह लग रहा था कि पुलिस ज़बरन किसानों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से हटा देगी लेकिन वैसा नहीं हुआ। उलटे, लौट चुके किसानों ने रातों रात दोबारा मोर्चा संभाल लिया। यूपी, हरियाणा और पंजाब में टिकैत के समर्थन में जगह-जगह…
अंजलि मिश्रा अक्खड़पन और स्वछंदता ओपी नैयर की पहचान थी और शायद इसी असर ने उनके संगीत को इतना लोकप्रिय बनाया यदि विद्रोह किसी के व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा है तो उसका जिद्दी होना भी कोई असामान्य बात नहीं है. नैयर जिद्दी भी खूब थे. तभी तो लता मंगेशकर जैसी गायिका से कभी न गवाने…
सोनिया यादव पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न को लेकर हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक विवदित फैसला सुनाया था जिस पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले की नागरिक समाज और महिलावादी संगठनों ने कड़ी आलोचना की थी। “लड़की के ब्रेस्ट को ज़बरन छूना यौन उत्पीड़न नहीं…
प्रदीपिका सारस्वत किसान आंदोलन में शामिल महिलाओं को लगता है कि इसमें उनकी हिस्सेदारी पूरे समाज को छुएगी और उसे थोड़ा ही सही लेकिन हमेशा के लिए बदल डालेगी दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से लोकतांत्रिक और सामाजिक ढांचों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है लेकिन आज भी अक्सर उन्हें यह बताने की ज़रूरत पड़…
कविता कहानी और उपन्यास के अलावा सम्पादन, पत्रकारिता, अनुवाद, फिल्म पटकथा और संवाद लेखन कमलेश्वर के व्यक्तित्व के बिलकुल अलग-अलग आयाम रहे मनोहर श्याम जोशी ने अपने विभिन्न विधाओं में समानांतर आवागमन पर किए गए सवालों पर बड़े स्पष्ट लहजे में कभी कहा था, ‘जो भी विधा मुझे अपने पास बुलाएगी, मैं वहां चला जाऊंगा…’…
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