दिल्ली। ‘स्वयं प्रकाश की कहानियां, कहानी के कहानीपन को तोड़ती हैं। उनकी भाषा कभी संस्मरण की भाषा का रूप ले लेती है तो कभी रेखाचित्र, डायरी और अख़बार की भाषा के रूप में हमारे सामने आती है। उनकी भाषा के अनेक रंग-बिरंगे रूप हैं। स्वयं प्रकाश के कहानियों की उपलब्धि उनकी भाषा के यही सौ…
डॉ. अजय कुमार भारत में फ़र्जी ख़बरों और उकसावे वाले भाषणों की प्रवृति और प्रकृति बहुत कुछ वैसी ही है, जैसी अमेरिका में ट्रंप समर्थक लोगों को दिन-रात झूठी और फ़र्जी ख़बरों के माध्यम से संसद भवन पर हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसाया जाता था और उन्हें आश्वस्त किया जाता था कि इस हिंसक क़ानूनी…
अंजलि मिश्रा व्हाट्सएप की नई यूजर पॉलिसी के चलते भारत में भी दसियों लाख लोग दूसरे मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने लगे हैं पहला हफ्ता खत्म होने के साथ व्हाट्सएप पर नए साल की शुभकामनाओं का सिलसिला थमा ही था कि व्हाट्सएप यूजर्स की स्क्रीन पर एक संदेश पॉप-अप हुआ और व्हाट्सएप पर व्हाट्सएप से…
अनुराग भारद्वाज कुर्रतुल ऐन हैदर मानती थीं कि मज़हबी समस्याओं का हल मिली-जुली तहज़ीब में ही है और वह किसी अखबार की सुर्ख़ी नहीं जो दूसरे दिन ही भुला दी जाए दिन… नहीं पता. महीना… वो भी नहीं पता. साल… शायद 1960. जगह… लन्दन या पाकिस्तान का कोई एक शहर… एक बड़े हॉल में दो…
स्वयं प्रकाश हिन्दी साहित्य का चिरचरिचित नाम है । समाज को जड़ता से बाहर निकाल उसे प्रगतिशील मूल्यों की तरफ चलने को प्रेरित करती सामाजिकता के सरोकार से भरी उनकी कहानियाँ पढने में जितनी सरलता का बोध कराती है उतनी ही ज्यादा वे भीतर से झकझोरती हैं । स्वयं प्रकाश की कहानियाँ पूरे भारतीय समाज को अपने दायरे में लेती हैं…
एम. के. भद्रकुमार दो निर्णय उनके इस बदलाव के संकेतक हैं। पहला कोविड-19 से राहत मद के लिए 1.9 ट्रिलियन डॉलर की योजना बनाना और दूसरा सीआईए के चीफ के रूप में कुशल राजनयिक विलियम बर्न्स का चुनाव। रेडिकल और असमानता के अन्य रूप अमेरिका की आर्थिक ताकत को संकुचित करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के…
18 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मनाए गये किसान महिला दिवस के अवसर पर टिकरी बॉर्डर पर हज़ारों महिलाओं की तरफ़ से मोदी सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया और आइएमएफ-डबलयूटीओ का पुतला जलाया गया। इस सभा में पंजाब, हरियाणा, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की महिलाओं ने…
आज भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले का जन्मदिन है और हम उनके व्यक्तित्व का स्मरण-अभिनन्दन करते हैं। 1848 ई. में अपने पति महात्मा जोतिबा फुले से प्रेरित हो और साथ मिलकर उन्होंने एक अजूबा स्कूल खोला, जो शूद्रों और स्त्रियों के लिए समर्पित था। उस ज़माने में स्त्रियों और शूद्रों का पढ़ना मना…
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 50 से अधिक दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. साथ ही गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करने का ऐलान किया है. किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त…
हरजिंदर नार्वे में जिस तरह फाइज़र की वैक्सीन लगने के बाद 29 बुजुर्गों का निधन हुआ, उसे हमें समझना होगा। भारत में भी वैक्सीन के विपरीत असर की खबरें आ रही हैं। चिकित्सा की भाषा में इस विपरीत असर को वैक्सीन इंजरी कहा जाता है और पिछले कुछ दशक में इस पर दुनिया भर में…
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