कृष्णकांत फ़ैज़ ऐसे शायर हैं जो सीमाओं का अतिक्रमण करके न सिर्फ़ भारत-पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया के काव्य-प्रेमियों को जोड़ते हैं. वे प्रेम, इंसानियत, संघर्ष, पीड़ा और क्रांति को एक सूत्र में पिरोने वाले अनूठे शायर हैं. कुछ बरस पहले हमारी एक मित्र अपनी परीक्षा के एक दिन पहले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कुछ नज़्में […]
Read Moreआधी सदी पहले सुदामा पांडेय यानी धूमिल ने ‘पटकथा’ नाम की वह कविता लिखी थी जिसने तार-तार होते हिंदुस्तान को इस तरह देखा जैसे पहले किसी ने नहीं देखा था इन दिनों अराजकता, लोकतंत्र, उम्मीद और क्रांति जैसे ढेर सारे शब्द सुनने को मिलते रहते हैं. राजनीति की इस नई हलचल के बीच हिंदी के […]
Read Moreऑस्कर वाइल्ड (15 अक्टूबर 1854-30 नवम्बर 1900-पेरिस) – अद्भुत कल्पनाशीलता और प्रखर विचारों के धनी ऑस्कर वाइल्ड ने कई उल्लेखनीय कविता, कहानी,उपन्यास और नाटक लिखे। अँग्रेजी साहित्य में उनका नाम प्राथमिकता से लिया जाता है। विश्व की कई भाषाओं में उनकी कृतियाँ अनुवादित हो चुकी हैं। ‘द बैलेड ऑफ रीडिंग गोल’ और ‘डी प्रोफनडिस’, ‘द […]
Read Moreकविता बनारस ज्ञान, भोग और भक्ति का संगम है तो यहां जन्मे जयशंकर प्रसाद ज्ञान, अध्यात्म और देशभक्ति का संगम थे कुछ एक शहरों के लिए कहा जा सकता है कि वे एक जगह थमे हैं तो उतने प्रवाहमान भी हैं. बनारस इन्हीं में से एक है. अपनी सांस्कृतिक पहचान, जिसमें उसका भदेसपन शामिल है, […]
Read Moreफरीद खान हर दिल अजीज रंगकर्मी सफदर हाशमी के जिक्र से कई सियासी सूत्र खुलते हैं” जब लोकतांत्रिक अधिकारों पर कई तरह के पहरे मढ़े जा रहे हों तो हर दिल अजीज रंगकर्मी सफदर हाशमी के जिक्र से कई सियासी सूत्र खुलते हैं। रंगकर्मी, सफदर के अभिन्न मित्र और उनकी हत्या के चश्मदीद गवाह सुधन्वा […]
Read Moreकविता कहानी और उपन्यास के अलावा सम्पादन, पत्रकारिता, अनुवाद, फिल्म पटकथा और संवाद लेखन कमलेश्वर के व्यक्तित्व के बिलकुल अलग-अलग आयाम रहे मनोहर श्याम जोशी ने अपने विभिन्न विधाओं में समानांतर आवागमन पर किए गए सवालों पर बड़े स्पष्ट लहजे में कभी कहा था, ‘जो भी विधा मुझे अपने पास बुलाएगी, मैं वहां चला जाऊंगा…’ […]
Read Moreअमरीक सिंह कृष्णा सोबती उन लोगों में शामिल नहीं थीं जो यह मानते हैं कि एक लेखक का काम सिर्फ लिखना होता है साहित्य-संस्कृति के इतिहास ने कृष्णा सोबती के नाम बहुत कुछ दर्ज किया है. उनके लिखे अल्फाज जिंदगी के हर अंधेरे कोने में दिया बनके कंदीलें जलाने को तत्पर मिलते हैं. फूलों को […]
Read Moreस्वयं प्रकाश हिन्दी साहित्य का चिरचरिचित नाम है । समाज को जड़ता से बाहर निकाल उसे प्रगतिशील मूल्यों की तरफ चलने को प्रेरित करती सामाजिकता के सरोकार से भरी उनकी कहानियाँ पढने में जितनी सरलता का बोध कराती है उतनी ही ज्यादा वे भीतर से झकझोरती हैं । स्वयं प्रकाश की कहानियाँ पूरे भारतीय समाज को अपने दायरे में लेती हैं […]
Read Moreकविता सआदत हसन मंटो के ही शब्दों में कहें तो उन्होंने अफसाने नहीं लिखे थे, बल्कि अफसानों ने उन्हें लिखा वे जानते थे शायद नेकनामी की तरफ जाने वाले रास्ते की पहली सीढ़ी बदनामी ही है. उनके प्रिय दोस्त और शायर साहिर लुधियानवी के शब्दों में कहें तो मंटो मानते थे-‘बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं […]
Read Moreअव्यक्त ‘गांधी का संदेश इतना गहरा और विचारोत्तेजक था कि उस सभास्थल से मैं निकला और सीधे जाकर गांधी के जीवन और कार्यों के बारे में आधा दर्जन किताबें खरीद लाया.’ अपनी आत्मकथा में उन्होंने अपने विचारों और कार्यों पर महात्मा गांधी के प्रभाव के बारे में विस्तार से लिखा है. चार जुलाई, 1965 को […]
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