प्रभात ज़िंदगी भर लाल परचम लिए घूमते रहे कैफ़ी की अवाम, उसमें निहित ऊर्जा और उसकी सत्ता में अगाध आस्था है. इसी अवाम के लिए वह सिर्फ शब्दों से आस्था नहीं गढ़ते रहे, उसके संघर्षों में लगातार साथ होकर जूझते भी रहे. सफलता-असफलता की उन्हें कोई परवाह नहीं थी. उनका दृढ़ मत रहा कि देर-सबेर […]
Read Moreलायम ओ’ फ़्लैहर्टी ( 28 अगस्त 1896- 7 सितंबर 1984)ः मशहूर आयरिश लेखक। आज पढ़ें उनकी कहानी The Sniper का अनुवाद- (अनुवाद सुशांत सुप्रिय) छिपा हुआ निशानची जून की शाम का लम्बा झुटपुटा रात में विलीन हो गया। डब्लिन अँधेरे के आवरण में लिपटा था, हालाँकि चाँद की मद्धिम रोशनी ऊन जैसे बादलों के बीच से झाँककर […]
Read Moreशकील अख्तर भारत सरकार इन दिनों 17वीं शताब्दी के मुग़ल शहज़ादे दारा शिकोह की क़ब्र तलाश रही है.भारत में दारा शिकोह को एक उदार चरित्र माना जाता है.यह नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है कि वर्तमान मुसलमानों की तुलना में दारा शिकोह भारत की मिट्टी में ज़्यादा घुल मिल गए थे. मुग़ल बादशाह शाहजहाँ […]
Read Moreकमलेश्वर (6 जनवरी1932-27 जनवरी 2007) हिन्दी के प्रमुख लेखकों में से एक । वे ‘सारिका’ ‘धर्मयुग’, ‘जागरण’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के संपादक रहे। उन्होंने कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में लिखा। उनके उपन्यासों `आंधी’, ‘मौसम (फिल्म)’, ‘सारा आकाश’, आदि पर फिल्में भी बनी । उन्होंने ‘रजनीगंधा’, ‘छोटी […]
Read Moreईशा सफ़दर हाशमी एक कम्युनिस्ट आर्टिस्ट, अभिनेता, कवि, गीतकार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनका जन्म 12 अप्रैल 1954 को दिल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता भी कम्युनिस्ट विचारधारा से तालुक्क रखते थे और एक प्रगतिशील वामपंथी माहौल में ही सफ़दर की परवरिश हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ने के दौरान वह […]
Read Moreराकेश की ज़िंदगी एक खुली किताब रही है. उसने जो कुछ लिखा और किया – वह दुनिया को मालूम है. लेकिन उसने जो कुछ जिया – यह सिर्फ़ उसे मालूम था ! अपनी सांसों की कहानी उसने डायरियों में दर्ज की है.राकेश की ये डायरियां – उसकी अपनी रिपोर्टें हैं, जो उसने अपने लिए तैयार […]
Read Moreउर्दू की प्रगतिशील धारा के कवियों में जनाब वामिक़ जौनपुरी एक रौशन मीनार की तरह दीप्तिमान हैं. वामिक जौनपुरी के ख़्वाब के तजुर्बे बहुत दिलचस्प भी हुआ करते. उन्होंने कई ऐसे ख़्वाबों के बारे में लिखा है जो हर रोज़ रात को वहाँ से शुरू होते, जहाँ सुबह आँख खुलने पर छूट गए थे. उनकी मशहूर […]
Read Moreविलिए दि ल’आइल-एदम. ( 7 नवंबर 1838 – 19 अगस्त 1889) फ्रेंच. लेखक । कहानी, उपन्यास एवं नाटक की रचना । सूरज डूब चुका था। सारागोसा का वयोवृद्ध धर्माधिकारी पेड्रो अर्बुएज डि’एस्पिला अँधेरी सीढ़ियों से उतर रहा था। उसके पीछे-पीछे एक जल्लाद और आगे-आगे लालटेनें लिए हुए दो सेवक चल रहे थे। वह एक गुप्त […]
Read Moreविश्वप्रसिद्ध रचना ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के लेखक डैनियल डेफो, (1660 -1731) बहुआयामी किस्म के व्यक्ति थे, व्यापारी थे, पत्रकार थे, लेखक थे, पर्चे भी लिखते थे। लंदन के निवासी रहे डैफो ने उनके जमाने में आए प्लेग की महामारी – जिसमें हजारों लोग मर गए थे – पर बाकायदा एक लम्बा पर्चा लिखा है- ‘ए जर्नल आफ द […]
Read Moreअवधेश कुमार सिंघु बॉर्डर परआंदोलन कर रहे किसानों के शुरुआती दिनों से ही मीडिया का एक तबका उनके खिलाफ दुष्प्रचार और फर्जी सूचनाएं फैलाता रहा. अब किसानों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. किसानों ने “ट्राली टाइम्स” के नाम से किसानों का एक अखबार शुरू किया है. इस अखबार में पंजाबी और हिंदी भाषा […]
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