अजय कुमार वित्त वर्ष 2020-21 के जीडीपी के आंकड़ों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था में 7.3 फ़ीसदी का कॉन्ट्रैक्शन यानी संकुचन हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था साल 2019-20 के वित्त वर्ष में तकरीबन 145 लाख करोड़ रुपए की थी, जो साल 2020-21 के वित्त वर्ष में घट कर 135 लाख करोड़ रुपए की हो गई […]
Read Moreजो आसानी से समझा न जाए वह या तो देवता बना दिया जाता है या उसे सजा दी जाती है. तो आसानी के इस जमाने में नेहरू को ठिकाने लगाने की जुगत देखकर हैरानी क्यों हो! आश्चर्य नहीं कि नेहरू ज़्यादातर लोगों को समझ में नहीं आए और न अब भी आते हैं! जब मैकदा […]
Read Moreअजय कुमार हम ढंग से न अपनी जिंदगी के प्रति सोचते हैं और न ही उस संस्था के प्रति जिसे हमारी जिंदगी को संवारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।मेरे गांव में कुछ दिन पहले सांप काटने की वजह से नौजवानी में कदम रख रहे एक साथी की असमय मौत हो गई। इस जीवन को बचाया […]
Read Moreकोविड-19 से लड़ाई अगर युद्ध स्तर पर लड़ी जा रही है तो लोगों को मुफ्त में टीका क्यों नहीं मुहैया करवाया जा रहा?मोदी सरकार के तमाम फैसलों में सबसे अविचारपूर्ण है- टीके के वितरण का तथाकथित ‘उदारीकरण’ करने का उसका फैसला। पहले केंद्र सरकार, दोनों टीका उत्पादकों की अकेली खरीददार थी, जो उनसे 150 रु0 […]
Read Moreकोरोना के संक्रमण के चलते देश भर में ऑक्सिजन ,की कमी ,अनुपलब्धता की खबरें लगातार खबरों में हैं .कभी कभी आम लोगों के मन में यह सवाल तो उठता ही है कि ,हम हवा में सांस लेते हैं, तो हवा को सिलेंडरों में क्यों नहीं भर लेते?आखिर अस्पतालों में मरीज की जीवन रक्षा के लिए पाइप […]
Read Moreसोनिया यादव अलग- अलग संस्थाओं की ओर से जारी कई रिपोर्ट्स में भी इस बात का दावा किया गया है कि रोज़गार और शिक्षा के मौक़े ख़त्म होने से महिलाएं ख़राब मानसिक और शारीरिक स्वास्थ का शिकार हो रही हैं। इसके अलावा लगातार घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ यौन हिंसा बढ़ने की खबरें भी लगातार […]
Read Moreअजय कुमार अनुमान है कि कोरोना के वास्तविक मामले और सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी किए जा रहे मामलों के बीच तकरीबन 7 गुना का अंतर है। भारत बहुत बड़ा मुल्क है। क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का सातवां सबसे बड़ा मुल्क और आबादी की दृष्टि से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मुल्क। इतना […]
Read Moreआलोक जोशी एसएंडपी ने इस साल भारत की जीडीपी में ग्यारह परसेंट बढ़त का अनुमान दिया हुआ है। लेकिन उसका कहना है कि रोजाना तीन लाख से ज़्यादा केस आने से देश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ रहा है, ऐसा ही चला तो आर्थिक सुधार मुश्किल में पड़ सकते हैं। यूँ ही देश […]
Read Moreशंभूनाथ शुक्ल एक प्रधानमंत्री और उसके मुख्यमंत्रियों की यह नाकामी उस व्यवस्था की पोल खोलती है जो ख़ुद पिछले सात वर्षों में भाजपा ने गढ़ी है। हर जगह संवेदन-शून्य लोगों की नियुक्ति से यही होगा। पब्लिक मशीन नहीं होती। वह एक जीता-जागता समाज है। एम आसैपंडी नोएडा के सेक्टर 51 स्थित केंद्रीय विहार में रहते […]
Read Moreकोविड-19 की दूसरी और कहीं अधिक खतरनाक लहर पूरे देश में छा चुकी है. जहाँ मरीज़ और उनके परिजन बिस्तरों, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं वहीं कोविड योद्धा इस कठिन समय में समाज की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. लोगों की भोजन और […]
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