नई दिल्ली। ‘बिना रंगमंच के नाटक की कल्पना नहीं हो सकती, ठीक उसी तरह जैसे बिना शब्द के संगीत की कल्पना संभव नहीं।’ कवि,आलोचक एवं नाटक-रंगमंच के अध्येता प्रो. आशीष त्रिपाठी ने उक्त विचार हिंदी साहित्य सभा, हिंदू कॉलेज द्वारा आयोजित ‘अभिधा’ के तीसरे और अंतिम दिन ‘समकालीन हिंदी नाटक’ विषय पर अपने विचार व्यक्त […]
Read Moreएजाज़ अशरफ़ महामारी से निपटने को लेकर मोदी और उनकी सरकार की योजनाएं लोगों की समझ से परे हैं। सामाजिक विश्वास का जिस क़दर क्षरण हुआ है, उसकी भरपाई कोई भी चुनावी जीत से नहीं हो पायेगी। कोविड-19 की दूसरी लहर में पिस रहे भारत को दिलासा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र […]
Read Moreसत्यम श्रीवास्तव क्या केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा की सरकार ‘वैक्सीन ब्लैकमेलिंग’ के लिए ज़मीन तैयार कर रही है? या भाजपा शासित राज्यों में अतिरिक्त वैक्सीन की सप्लाई करके डबल इंजन के संघवाद विरोधी अभियान को सफल दिखलाने की नयी पेशकश है।कोरोना एक स्वास्थ्य आपातकाल है इसे लेकर कभी मतभेद नहीं रहे लेकिन इसे […]
Read Moreमुकेश कुमार फ्लॉयड मामले में उनका हत्यारा पुलिस अधिकारी डेरेक शॉवेन ही नहीं, पूरा गोरा अमेरिका कठघरे में था, वह गोरा अमेरिका जिसने 400 सालों से अश्वेतों को हिंसक तौर-तरीकों से गुलाम बनाकर रखा और जो अभी भी बहुत कम बदला है। इसीलिए हम पाते है कि फ्लॉयड मामले पर जब फैसला सुनाया जा रहा […]
Read Moreवाराणसी की जिला अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद के अतीत की पड़ताल करने का निर्देश दिया है. उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 के अनुसार,सभी आराधना स्थलों में वही यथास्थिति रहेगी जो स्वाधीनता के समय थी. ऐसी खबर है कि उच्चतम न्यायालय इस अधिनियम का पुनरावलोकन करने वाला है. जिस समय […]
Read Moreअजय कुमार कोरोना के वैरियंट का मतलब क्या है? स्ट्रेन का मतलब क्या है? इन पर वैक्सीन का क्या असर होगा? कैसे पता चलेगा कि यह कितने जानलेवा हैं?कहीं-कहीं से यह भी आवाज सुनने में आ रही है कि कोरोना के नए वैरियंट आए हैं। इन्हीं की वजह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। […]
Read Moreप्रेम कुमार भारत-चीन के बीच 11वें दौर की बातचीत कोर कमांडर स्तर पर 10 अप्रैल को खत्म हुई। द्विपक्षीय बातचीत को कभी बेनतीजा कहना सही नहीं होता क्योंकि बातचीत का जारी रहना भी फलदायी होता है। मगर, फरवरी महीने में दोनों देशों की सेनाओं को पीछे हटाने की जो ‘उपलब्धि’ हासिल की गयी थी उससे […]
Read Moreपश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है. भाजपा ने इन चुनावों में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है. उसके अनुषांगिक संगठन तो चुनाव प्रचार में जुटे ही हैं, ऐसे संगठन और व्यक्ति जो भाजपा की विचारधारा से इत्तिफाक रखते हैं भी अपना […]
Read Moreरविकान्त पंचायती राज व्यवस्था को राजनीति के विकेंद्रीकरण के लिए ज़रूरी माना गया। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण गाँवों में गुटबंदी बढ़ी है। प्रतिद्वंद्वी और उसके समर्थकों पर हमले चुनाव और उसके बाद भी होते रहते हैं। गाँवों में वैमनस्यता बढ़ी है। चुनाव में शराब के कारण लड़ाई झगड़े भी बढ़ जाते हैं… देश के […]
Read Moreअजय गुदावर्ती कांग्रेस मध्य-मार्ग से चल कर शून्य-वाद तक पहुंच गई है: उसने अपने ऐसे किसी नैरेटिव या नेतृत्व का दमखम बमुश्किल ही दिखाया है जिससे कि भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सके।भारतीय राजनीति में दक्षिणपंथी रूपांतरण कितना भयानक है? क्या भारतीय जनता पार्टी का देश की सत्ता में मौजूदा दखल आगे […]
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