“मौजूदा समाज पांच ऐसे सवालों से जूझ रहा है, जिनका उत्तर सिर्फ गांधीवादी विचारधारा में मिलता है। हिंसा, धार्मिक कट्टरता, कार्पोरेट जीवन शैली, फरेब और झूठ के तले दबते मानवीय रिश्ते इत्यादि आज के समाज की दयनीय दशा को दर्शाते हैं, और इन सब सवालों का जवाब गांधी द्वारा दिखाये गये रास्ते, यानि कि सत्य, अहिंसा, शांति, सादगी, सर्व-धर्म समभाव और स्वराज जैसे विचारों में मिलता है।“ ये विचार प्रो. आनंनद कुमार के हैं। दिल्ली के माता सुंदरी कालेज में हुए गांधी स्टडी सर्किल के दो दिवसीय वार्षिक आयोजन में प्रो. आनन्द कुमार ने बड़े विस्तार से छात्रों को गांधी के विचारों से अवगत कराया और तर्कों के साथ साथ गांधी के जीवन की कई रोचक कहानियां भी साझा की। उन्होंने कालेज को गांधी स्टडी सर्किल जैसे महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी और प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार बांटे।
गत दिनो माता सुंदरी कालेज ने अपने अकादमिक सफर में एक नया अध्याय जोड़ते हुए गांधी स्टडी सर्किल की स्थापना की। कालेज की प्रधानाचार्या, डा. हरप्रीत कौर एवं राजनीति शास्त्र विभाग की शिक्षिका, डा. रूबुल शर्मा के दिशा निर्देशन में इस स्टडी सर्किल का आगाज किया गया। इस प्रयास का मकसद था युवा छात्रों के बीच गांधी के विचारों को प्रचलित करना, और उनको गांधी दर्शन के प्रमुख बिंदुओं से अवगत कराना।
उद्घाटन के अवसर पर, कालेज की तरफ से गांधी के दर्शन को केंद्र में रख, एक दो-दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रथम दिन कालेज के माता सुंदरी हाल में स्लोगन और पोस्टर प्रतियोगिता एवं एक्स्टेंपोर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कालेज के कई विभागों के छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इन प्रतियोगिताओं का मुख्य मुद्दा था गांधीवादी विचारधारा में पर्यावरण-संबंधी चिंतन, जिसे छात्रों ने रंग-बिरंगें पोस्टरों के माध्यम से सजीव किया। इसके साथ-साथ छात्रों ने गांधीवादी विचारधारा के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की, जैसे कि गांधी और सामाजिक न्याय, डांडी मार्च, कांग्रेस में गांधी की भूमिका आदि। “मैं पर्यावरण-विद् नहीं, पर्यावरण-योद्धा हूं” जैसे नारे के साथ छात्रों ने गांधी के प्रकृति-संबंधी विचारों को तस्वीरों में उतारा। राजनीति शास्त्र विभाग की सीनियर शिक्षिका, डा. जसजीत कौर ने इन प्रतियोगिताओं में बतौर जज शिरकत की और छात्रों का प्रोत्साहन बढ़ाया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन कालेज के माता साहिब कौर सभागार में वार्षिक गोष्ठी का अयोजन किया गया जिसमें दो प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों ने गांधी दर्शन से जुड़े एक अहम और दिलचस्प मुद्दे- “पर्यावरण-संबंधी चुनौतियां और गांधी के विचार”- पर अपनी बात रखी। पहले वक्ता थे, गांधी भवन, दिल्ली के निदेशक, माननीय प्रो. रमेश भारद्वाज, साथ में दूसरे वक्ता के रूप में थे माननीय प्रो. आनंद कुमार, जिन्होंने एक भरी सभा के समक्ष गांधी के प्रकृति-संबंधी विचारों को बताया। गोष्ठी की शुरुआत माता सुंदरी जी के सामने दीप जलाकर की गयी, और उसके उपरांत प्रधानाचार्या ने सभा को संबोधित कर वक्ताओं का अभिनंदन किया। दोनों वक्ताओं ने एक स्वर में इस बात पर जोर दिया कि गांधी ने पर्यावरण और उससे संबंधित चुनौतियों पर भले ही प्रत्यक्ष रूप से न लिखा हो, पर भोगवादी मानसिकता और असीमित संचयन पर रची-बसी आधुनिकता की घुन में पिसता मानव, और वैकल्पिक आधुनिकता पर गांधी का विमर्श, पर्यावरण जैसे अहम मुद्दे से अछूती नहीं है। भारद्वाज ने कालेज द्वारा स्थापित किये गये गांधी स्टडी सर्किल को समाज की तात्कालिक चुनौतियों के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो छात्रों के जीवन को एक पुख्ता आधार और दिशा देने में मदद करेगा। साथ ही साथ, उन्होंने यह वादा किया कि गांधी स्टडी सर्किल की आगामी गतिविधियों में गांधी भवन संस्थान का पूरा सहयोग रहेगा।सभा के अंत में मुख्य संयोजक, डा. रूबुल शर्मा ने धन्यवाद – ज्ञापन किया
गांधी स्टडी सर्कल की स्थापना स्वागत योग्य !गांधी के दर्शन पर विचार और युवा वर्ग को उससे प्रेरी करना प्रशंसनीय । मैं भी राजनीति शास्त्र की हूँ और ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होना सौभाग्य होगा ।
जी आपका शुक्रिया । यदि आप दिल्ली में हैं तो ऐसे कार्यक्रमों मों शामिल हो सकती हैं । देर से जवाब देने के लिए क्षमा चाहूंगा ।