अजय कुमार पंजाब के बड़े-छोटे, मझोले, भूमि विहीन किसान साथ मिलकर सरकार को चुनौती दे रहे हैं। आखिरकार इनके बीच मौजूद दरार किस तरह से पाट दी गई। इसलिए खासकर पंजाब की खेती-किसानी और यहां के आंदोलन को समझना थोड़ा वाजिब हो जाता है। तो चलिए पंजाब की खेती किसानी को समझने के सफर पर […]
Read Moreदेशबंधु अख़बार के प्रधान संपादक ललित सुरजन का निधन पत्रकारिता के इस पतनकाल में पत्रकारीय मूल्यों के संरक्षक का जाना है। भारतीय पत्रकारिता की मिशनरी परंपरा के वे आखिरी संपादकों में थे। उनके निधन से प्रतिबद्ध पत्रकारिता के एक युग का अंत सा हो गया है। यह लेख सुप्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका तद्भव के पत्रकारिता अंक […]
Read Moreपतंजलि, डाबर जैसी कंपनियों के जिस शहद को शुद्ध कहकर बेचा जा रहा है उसपर गंभीर सवाल उठे हैं। सेंटर फ़ोर साइंस एनवायरमेंट यानी सीएसई ने कहा है कि प्रमुख ब्रांडों के शहद में शुगर सिरप मिलाया हुआ पाया गया है। शुगर सिरप को इस तरह बनाया जाता है कि मौजूदा भारतीय जाँच के तरीक़े […]
Read Moreअंबर श्रीवास्तव करीब आठ दशक पहले अंजाम दिया जा चुका है- साबू दस्तगीर द्वारा. साबू दस्तगीर वह शख्स था जो पैदा तो मैसूर के एक महावत परिवार में हुआ लेकिन, पहले इंग्लैंड और फिर हॉलीवुड पहुंचकर उसने सफलता के ऐसे झंडे गाड़े कि किसी भारतीय कलाकार का हॉलीवुड में इस कदर छाना हाल-फिलहाल संभव नहीं […]
Read Moreप्रज्ञा सिंह सिंघू बॉर्डर पर डेरा डाले इन किसानों की सोच पर जो बात सबसे ज़्यादा हावी है, वह है उनके खेतों में मंडराने वाले कॉर्पोरेटों का डर। वे पारित किये गये इन तीन नये क़ानूनों में से उस एक क़ानून में अनुबंध खेती से सम्बन्धित प्रावधानों को ग्रामीण भारत पर कॉर्पोरेट के प्रभाव को […]
Read Moreअजय कुमार बहुत पहले से कृषि मंडियों के बाहर प्राइवेट बाजार में कृषि उपज की खरीद बिक्री हो रही है लेकिन फिर भी अभी तक सही तरीके से प्राइवेट बाजार संचालित नहीं होता है और न ही इन बाजारों में सरकारी एमएसपी से अधिक क़ीमत पर अनाज खरीदा जाता है। पंजाब के किसान नेताओं ने […]
Read Moreनिशा कर्दम लव जिहाद के बारे में यह अवधारणा बनाई गई है कि ‘लव जिहाद के ज़रिये मुस्लिम पुरुष हिंदू समुदाय की महिलाओं से प्रेम का स्वांग रचाकर उनका धर्म परिवर्तन करवाते हैं। यह हिंदू समाज की जनसंख्या को कम करने के लिए शुरू किया गया एक जिहाद है।’ लव जिहाद की अवधारणा पहली बार […]
Read More1 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच बातचीत हुई। जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। अब अगले दौर की बातचीत 3 दिसंबर को होगी। किसान इस बात पर अड़े हैं कि सरकार तीनों क़ानूनों को वापस ले। मुझे भय है कि आंदोलनकारी किसानों की ओर से हठी होना केवल हिंसा को ही जन्म देगा, इसलिये मेरा मानना […]
Read Moreकृष्णा सोबती (18 फ़रवरी 1925-25 जनवरी 2019) अपनी साफ-सुधरी रचनात्मकता और अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती हैं। उन्हें १९८० में साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९९६ में साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति तथा २०१७ में ५३वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैं; कहानी संग्रह: बादलों के घेरे; लम्बी कहानी (आख्यायिका/उपन्यासिका): डार से बिछुड़ी, […]
Read Moreविप्लव अवस्थी कथित लव जिहाद को लेकर क़ानून लाने की तैयारी कर रही कर्नाटक सरकार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने क़ानून लाने से पहले ही झटका दे दिया है। मुसलिम लड़के से शादी करने को लेकर एक लड़की के मामले में दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने साफ़ कहा कि, ‘किसी भी वयस्क व्यक्ति के […]
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