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Year: 2020

स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

चित्तौड़गढ़ । साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’संभावना’ ने अपने संरक्षक और सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के नाम पर दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। ।उल्लेखनीय है कि वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष…

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हे विदूषक तुम मेरे प्रियः प्रभाकर चौबे 11 वीं कड़ी – गंदगी भगाने विदूषक का सुझाव

सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें…

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दिल्ली के बाद अब लखनऊ में भी सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर शिकंजा

असद रिज़वी लॉकडाउन में ढील होते ही पुलिस सक्रिय हो गई है और प्रदर्शनकरियों को नोटिस देकर थाने पर तलब कर रही है। लखनऊ पुलिस द्वारा उन सभी महिलाओं को लगभग नोटिस दी गई है जो मुखरता से सीएए के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हुईं थी। दिल्ली के बाद लखनऊ में भी नागरिकता संशोधन…

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‘जंग तो खुद ही एक मसला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी’-लाल्टू

हर मुल्क में सभ्य समाज का नारा दे रहे कुछ लोग जंग के विरोध में खड़े हए हैं, वे चीन-पाकिस्तान-हिंदुस्तान हर जगह हैं. भारत और चीन के बीच सीमा-विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. भारत के 20 सिपाहियों की मौत हुई है. चीन और पाकिस्तान हमारे दुश्मन देश हैं- बचपन से हम सब यह…

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रानी लक्ष्मीबाई शहादत दिवस पर : रानी झांसी की तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं

पुलकित भारद्वाज एक अंग्रेज अफ़सर ने लक्ष्मीबाई के बारे में लिखा था, ‘वो बहुत ही अद्भुत और बहादुर महिला थी. यह हमारी खुशकिस्मती थी कि उसके पास उसी के जैसे आदमी नहीं थे’ 15 मार्च 1854. गोधूलि बेला में झांसी का सफेद शाही हाथी घुड़सवार दस्तों के साथ राजमहल की तरफ बढ़ रहा था. आमतौर…

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हिटलर जैसे हैं चीन के इरादे- जस्टिस मार्कंडेय काटजू

यह सोचते रहना कि भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हो सकता है, यह एक भ्रम है। इस ख़तरे को नज़रअंदाज़ करना एक शुतुरमुर्ग की भाँति बर्ताव करने जैसा होगा, जैसे कि नेविल चेम्बरलेन ने किया था, जो सोचते रहे कि हिटलर से कोई ख़तरा नहीं है पर जब उन्हें यह एहसास हुआ…

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छोड़ जाएंगे ये जहां तन्हा-नथमल शर्मा

दो दिन से बड़े परदे की चमक के पीछे का अंधेरा टीवी और हमारे स्मार्ट फोन की स्क्रीन पर चमक रहा है । एक चमकते सितारे सुशांत सिंह राजपूत ने खुद को अचानक ही गहरे अंधेरे में गुम कर दिया । संभावनाओं से भरे इस शख़्स ने सुनहरे ख़्वाब भी सजा रखे थे । चांद…

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सुशांत की मौत के बाद बॉलीवुड में बवालः निर्देशक अभिनव कश्यप के सलमान परिवार पर आरोप और अरबाज़ के जवाब

सुपर हिट फिल्म दबंग के निर्देशक अभिनव  कश्यप ने फेसबुक पर एक स्टेटमेंट लिखकर बॉलीवुड इंडस्ट्री को चौंका दिया है। अभिनव सिंह कश्यप ने फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है। इसमें उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की जांच की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड में काम करने वाली एजेंसियों को भी…

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हे विदूषक तुम मेरे प्रियः प्रभाकर चौबे 10 वीं कड़ी – नाक रगड़ने पर बौध्दिक चर्चा

सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें…

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लॉकडाउन का इस्तेमाल असहमति को दबाने के लिए किया गया: ह्यूमन राइट्स वॉच

मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, “भारत सरकार ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने, असहमति को दबाने और भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया है। पुलिस उत्पीड़न के पिछले मामलों को संबोधित करने के बजाय, मालूम पड़ता है…

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