गैर राजनीतिक और सामाजिक-धार्मिक संगठन तबलीगी जमात कोरोना संकट के दौरान अनायास चर्चाओं में आ गया, क्योंकि कई जमाती कोरोना संक्रमण से पीड़ित पाए गए। नई दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित जमात का मुख्यालय (मरकज) भी पिछले एक महीने से विवादों में फंसा है। तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद आमतौर पर सार्वजनिक रूप से…
(एजाज अशरफ ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोवेल कोरोना वायरस के सांप्रदायिकरण के ख़िलाफ़ देश को दी जाने वाली चेतावनी की एक मुमकिन वजह पिछले कुछ दिनों में मध्य-पूर्व से आने वाले हिंदुत्व विरोधी ट्वीट्स की आंधी भी हो सकती है। इन ट्वीटों में नोवल कोरोनावायरस की वजह से होने वाली बीमारी Covid-19 को फ़ैलने…
शशि शेखर हाल ही में लैंसेंट साइकियाट्री जर्नल में मानसिक स्वास्थ्य को ले कर एक रिपोर्ट छपी है. यूनिवर्सिटी के साइकियाट्री डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर इड बुलमोर और उनकी टीम ने इंग्लैंड में कोविड-19 संक्रमण के बीच आयोजित एक सर्वे के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया है। बुलमोर कहते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण…
एक लेख में कहा गया है कि यदि केरल में कोविड-19 पर शीघ्र विजय प्राप्त की तो इसका श्रेय सुपरहीरोज को नहीं जाता है। वहां के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री जो किया वह काबिलेतारीफ है परंतु इसका वास्तविक श्रेय वहां की मजबूत स्वास्थ्य अधोसंरचना और नागरिकों की चेतना को जाता है, वहां मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य संस्थाओं…
सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र…
स्वयं प्रकाश हिन्दी साहित्य का चिरचरिचित नाम है । समाज को जड़ता से बाहर निकाल उसे प्रगतिशील मूल्यों की तरफ चलने को प्रेरित करती सामाजिकता के सरोकार से भरी उनकी कहानियाँ पढने में जितनी सरलता का बोध कराती है उतनी ही ज्यादा वे भीतर से झकझोरती हैं । स्वयं प्रकाश की कहानियाँ पूरे भारतीय समाज…
21 अप्रैल, 1923 को जन्मे साहित्यकार नंद चतुर्वेदी को लोग प्यार से नंद बाबू कहते थे । ब्रजभाषा से कविताई आरंभ करने वाले नंद बाबू एक कवि के साथ ही बहुत अच्छे गद्यकार भी थे। एक कवि के रूप में नंदबाबू की दृष्टि प्रगतिगामीऔर वैश्विक थी । निबंध संग्रह‘शब्द संसार की यायावरी’ और कविता संग्रह-यह समय मामूली नहीं जैसी…
समाज के कमज़ोर वर्गों के मानवाधिकारों के उल्लंघन और उनके खिलाफ हिंसा के पीछे अक्सर बेबुनियाद धारणाएं होतीं हैं. भारत में सन 1980 के दशक के बाद हुई कई घटनाओं से मुसलमानों के बारे में गलत धारणाएं बनीं और उनके प्रति नफरत का भाव पैदा हुआ. वैसे तो स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान उभरी सांप्रदायिक राजनीति…
छत्तीसगढ़ सरकार ने कोटा में फंसे छत्तीसगढ़ के छात्रों को वापस लाने पहल की है । निश्चित रूप से इन छात्रों की घर वापसी का इंतजाम होना ही चाहिए । छत्तीसगढ़ सरकार का ये कदम प्रशंसनीय है ।अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान के कोटा में कोचिंग केंद्रों में पढ़ने वाले छात्र लॉक डॉउन…
पुणे: (रिपोर्ट शिरीष खरे ) देश में कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप झेल रहे महाराष्ट्र में लातूर जिले की महिलाओं ने इस संकट के दौरान एक नई पहल शुरू की है.इसके तहत जिले के महिला स्व-सहायता समूह लाखों की संख्या में मास्क तैयार कर रहे हैं. यह निर्णय उन्होंने राज्य में मास्क की बढ़ती मांग को…
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