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Year: 2020

आखिरी पत्ता-ओ हैनरी

मशहूर कहानीकार ओ. हेनरी की विश्वविख्यात कृति ‘ दी लास्ट लीफ ‘ का हिंदी रूपांतरण।यह कहानी एक शराबी, बूढ़े असफल चित्रकार की है जो अपनी अंतिम मास्टरपीस कलाकृति- आखिरी पत्ते को पेंट करके, एक मासूम लड़की की जान बचाता है।  वाशिंगटन चौक में गलियां पागलों की तरह इधर-उधर दौड़ती हुई जमीन को छोटे-छोटे पट्टों में…

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Is the National Lockdown in India Constitutionally Valid?

It’s always safer to begin with a caveat. I have two. First, this is a sequel. Last week, I wrote about the constitutional scheme to address an epidemic like the one at hand.  Second, there is no reason for alarm. Even if you were to conclude that all that is being done to protect you may not…

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हे विदूषक तुम मेरे प्रिय 2- प्रभाकर चौबे

सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र…

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लोग हैं कि मानते ही नहीं , उमड़ पड़ती है भीड़- जीवेश चौबे

प्रशासन परेशान है कि अचानक बाज़ारों में भीड़ उमड़ आती है और शारिरिक हो या सामाजिक किसी भी दूरी का पालन नहीं हो पाता । लोग हैं कि मानते ही नहीं । एक तो वैसे ही लोग कुछ न कुछ बहाने से लॉक डॉउन का उल्लंघन कर सड़कों पर घूमते रहते हैं ऊपर से अगर…

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हे विदूषक तुम मेरे प्रिय- प्रभाकर चौबे

    सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके…

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Lockdown and the Unmaking of Workers

The eminent Marxist historian, E. P. Thompson, in the preface to his celebrated book, The Making of the English Working Class (1963), stated: “By class I understand an historical phenomenon unifying a number of disparate and seemingly unconnected events, both in the raw material of experience and in consciousness. I emphasize that it is an…

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पब्लिक सेक्टर बैंकों के मर्जर या कंसोलिडेशन का औचित्य-अश्विनी राणा

अप्रैल 2020 से 6 बैंक सिंडीकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, कारपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इन बैंकों को 4 बैंकों में मर्जर कर दिया गया है। जो 4 बैंक होंगे. उनमे  केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक और यूनियन बैंक ऑफ…

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कोविड-19 : हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर ज्यादा भरोसा करना क्या सही है

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने कोविड -19 के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग पर सवाल उठाया है दुनिया भर के करीब 20 लाख लोग कोरोनावायरस की महामारी कोविड-19 से जूझ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सा जगत में भी हलचल मची हुई है। वैज्ञानिक जल्द से जल्द इस बीमारी का इलाज ढूंढ़ने में लगे हुए हैं। जिससे…

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दिन-रात भूख के मोर्चे पर डटे 6 राज्यों के ‘भोजन योद्धाओं’ की कहानी

ऐसे उदात्तम विचार आज हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मानवता की पहचान बन चुके हैं। एक तरफ कोरोना महामारी से दुनिया लड़ रही है लेकिन उसी लड़ाई में दुनिया के समक्ष एक और मोर्चा है, वह मोर्चा ‘भूख’ से लड़ने का है। दुनिया के अमीरतम देश आज भुखमरी के कगार पर खड़े हैं।…

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I have a dream today- martin Luther King

A famous speech of Martin Luther King Jr. In his iconic speech at the Lincoln Memorial for the 1963 March on Washington for Jobs and Freedom, King urged America to “make real the promises of democracy.” King synthesized portions of his earlier speeches to capture both the necessity for change and the potential for hope…

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