प्रीति सिंह सांसदों ने सीमा पर चीन की घुसपैठ और उसकी नीयत को लेकर बार-बार सवाल उठाए हैं. मुश्किल ये है कि संसद में हुई बहसों को गंभीरता से लेने का चलन खत्म हो चुका है. ये लापरवाही सिर्फ सरकार की ही नहीं मीडिया की भी है, क्योंकि ऐसी बहस और सवाल कभी उभरकर सामने…
प्रभाकर चौबे—( 1 अक्टूबर 1935- 21 जून 2018) : आज सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार व संपादक रहे प्रभाकर चौबे की दूसरी बरसी है……वे अंतिम समय तक लगातार बौद्धिक रूप से सजग व सक्रिय रहे । मृत्यु के ठीक 3 दिन पूर्व 18 जून 2018 को उनका अंतिम नियमित आलेख प्रकाशित हुआ था। यह आलेख आज भी…
भारत अनेक धर्मों वाला बहुवादी देश है. हिन्दू धर्म के मानने वालों का यहाँ बहुमत है परन्तु इस्लाम और ईसाई धर्म में आस्था रखने वालों की संख्या भी कम नहीं है. हमारे स्वाधीनता संग्राम के नेता सभी धर्मों को बराबरी का दर्जा देते थे परन्तु सांप्रदायिक ताकतें, ईसाईयत और इस्लाम को विदेशी मानती थीं. पिछले कुछ…
सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें…
प्रधानमंत्री द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि “वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है। उन्होंने कहा कि ‘हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथास्थिति हर…
मोदी सरकार की नीतियों के कारण क्या होगा गाँव और शहर की अर्थव्यवस्था का हाल। इस वीडियो में बता कहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ऑनिंद्यो चक्रवर्ती – नीचे दी गई लिंकपर जाकर सुन सकते हैं – https://www.youtube.com/watch?v=OZrVoMKmSDA&feature=youtu.be (सौज न्यूज़क्लिक)
नेटफ्लिक्स पर ‘अखोनी’ फिल्म देखी। उत्तर-पूर्व के जो लोग देश की राजधानी में आकर बसे हैं, उनके साथ काफी भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है। संविधान में वर्णित नागरिकों के मूल अधिकार उनके जैसे और लोगों की पहुँच से दूर हैं। दिखने, बोलने, चलने में अलग दिखने वाले लोग किसतरह अन्य लोगों के मज़ाक या नफरत…
चित्तौड़गढ़ । साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’संभावना’ ने अपने संरक्षक और सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के नाम पर दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। ।उल्लेखनीय है कि वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष…
सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें…
असद रिज़वी लॉकडाउन में ढील होते ही पुलिस सक्रिय हो गई है और प्रदर्शनकरियों को नोटिस देकर थाने पर तलब कर रही है। लखनऊ पुलिस द्वारा उन सभी महिलाओं को लगभग नोटिस दी गई है जो मुखरता से सीएए के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हुईं थी। दिल्ली के बाद लखनऊ में भी नागरिकता संशोधन…
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