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Month: June 2020

‘जंग तो खुद ही एक मसला है, जंग क्या मसअलों का हल देगी’-लाल्टू

हर मुल्क में सभ्य समाज का नारा दे रहे कुछ लोग जंग के विरोध में खड़े हए हैं, वे चीन-पाकिस्तान-हिंदुस्तान हर जगह हैं. भारत और चीन के बीच सीमा-विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. भारत के 20 सिपाहियों की मौत हुई है. चीन और पाकिस्तान हमारे दुश्मन देश हैं- बचपन से हम सब यह…

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रानी लक्ष्मीबाई शहादत दिवस पर : रानी झांसी की तलवार जिसके अंग्रेज भी उतने ही मुरीद थे जितने हम हैं

पुलकित भारद्वाज एक अंग्रेज अफ़सर ने लक्ष्मीबाई के बारे में लिखा था, ‘वो बहुत ही अद्भुत और बहादुर महिला थी. यह हमारी खुशकिस्मती थी कि उसके पास उसी के जैसे आदमी नहीं थे’ 15 मार्च 1854. गोधूलि बेला में झांसी का सफेद शाही हाथी घुड़सवार दस्तों के साथ राजमहल की तरफ बढ़ रहा था. आमतौर…

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हिटलर जैसे हैं चीन के इरादे- जस्टिस मार्कंडेय काटजू

यह सोचते रहना कि भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हो सकता है, यह एक भ्रम है। इस ख़तरे को नज़रअंदाज़ करना एक शुतुरमुर्ग की भाँति बर्ताव करने जैसा होगा, जैसे कि नेविल चेम्बरलेन ने किया था, जो सोचते रहे कि हिटलर से कोई ख़तरा नहीं है पर जब उन्हें यह एहसास हुआ…

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छोड़ जाएंगे ये जहां तन्हा-नथमल शर्मा

दो दिन से बड़े परदे की चमक के पीछे का अंधेरा टीवी और हमारे स्मार्ट फोन की स्क्रीन पर चमक रहा है । एक चमकते सितारे सुशांत सिंह राजपूत ने खुद को अचानक ही गहरे अंधेरे में गुम कर दिया । संभावनाओं से भरे इस शख़्स ने सुनहरे ख़्वाब भी सजा रखे थे । चांद…

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सुशांत की मौत के बाद बॉलीवुड में बवालः निर्देशक अभिनव कश्यप के सलमान परिवार पर आरोप और अरबाज़ के जवाब

सुपर हिट फिल्म दबंग के निर्देशक अभिनव  कश्यप ने फेसबुक पर एक स्टेटमेंट लिखकर बॉलीवुड इंडस्ट्री को चौंका दिया है। अभिनव सिंह कश्यप ने फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है। इसमें उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की जांच की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड में काम करने वाली एजेंसियों को भी…

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हे विदूषक तुम मेरे प्रियः प्रभाकर चौबे 10 वीं कड़ी – नाक रगड़ने पर बौध्दिक चर्चा

सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें…

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लॉकडाउन का इस्तेमाल असहमति को दबाने के लिए किया गया: ह्यूमन राइट्स वॉच

मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, “भारत सरकार ने राष्ट्रव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने, असहमति को दबाने और भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया है। पुलिस उत्पीड़न के पिछले मामलों को संबोधित करने के बजाय, मालूम पड़ता है…

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शहरयार : जिन्होंने फ़िल्मों में सफल होने के बावजूद फ़िल्मों के लिए नहीं लिखा

अनुराग भारद्वाज बीसवीं सदी में शायरी के दो ख़ास मुक़ाम आये. एक तरक्की पसंद और दूसरा जदीद. पहली तरह की शायरी वह थी जो सर्वहारा की जुबां है. दूसरी, वह जो इंसानी जड़ों को तलाशती है, आसमान से लेकर ज़मीन तक वे तमाम सवालात करती है जिन्होंने आम इंसान को परेशान कर रखा है. वह…

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बॉलीवुड में पैसे की किल्लत से जूझते के नए व संघर्षरत कलाकार

कोरोना के चलते मुंबई में फिल्मों की शूटिंग बंद है जिससे  लाइटमैन, कैमरा, मेकअप आर्टिस्ट जैसे तमाम डेली वेजर्स की मदद के लिए हाथ उठे. लेकिन उनका क्या जो नए नए यहां हीरो-हीरोइन बनने आए थे?ये कलाकार ना तो डेली वेजर्स में गिने जाते हैं और ना ही फिलहाल किसी यूनिट के सदस्य हैं. इसलिए…

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फिल्म बंद हुई तो बहुत रोया था सुशांत : शेखर कपूर

मशहूर निर्माता निर्देशक शेखर कपूर ने कहा कि सुशांत में एक अजीब सी रेस्टलेसनेस थी उसमें. वो मेरे साथ प्रोडक्शन डिजाइन की मीटिंग में होता था फिर वीएफएक्स की मीटिंग में होता था, वर्कशॉप में भी होता था. उसमें सीखने की जबरदस्त ललक थी और उसके अंदर चीजों को लेकर ऐसी उत्सुकता थी जो आपको बच्चों…

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