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Month: September 2020

ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर हाल में चल रही लोकप्रिय फिल्में और वेब सीरीज़

ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर कुछ फ़िल्में और वेब सीरीज लोकप्रिय हो हो रही हैं, एरोस नाउ पर सचिन खेड़कर और बरुण सोब्ती की फ़िल्म हलाहल ,वूट स्पेशल पर सकीब सलीम और इकबाल खान की वेब सीरीज क्रैकडाउन जारी है. अमेजन प्राइम वीडियो पर 25 को आ रही है यूटोपिया और नेटफ्लिक्स पर 2 अक्टूबर को आ…

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अमित शाह के बीमार होने की कामना से हर किसी को सावधान क्यों रहना चाहिए

अजाज़ अशरफ किसी शख़्स के बीमार होने या उसकी मौत का जश्न मनाना हिंदुत्व के ट्रोल के निर्णायक लक्षणों में से एक है। सितंबर, 2017 में जब पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी, तो निखिल दधीचि ने हिंदी में ट्वीट किया था, “एक कुतिया कुत्ते की मौत मर गयी।” उसने…

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शाहीन बाग की दादी बिलकिस ‘टाइम’ के 100 प्रभावशाली लोगों में

शाहीन बाग की दादी के नाम से मशहूर बिलकिस को अमेरिकी टाइम पत्रिका ने 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यक्तियों में माना है। गौरतलब है कि सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए जिस शाहीन बाग प्रदर्शन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयोग नहीं, प्रयोग कहा था और यह भी कहा था कि आतंकवादियों को उनके…

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प्रेम के मामले में इस जनजाति जितना परिपक्व होने में हमें एक सदी और लग सकती है

पुलकित भारद्वाज 39 वर्षीय लक्ष्मी देवी गरासिया की. वे राजस्थान के सिरोही ज़िले के आबू रोड ब्लॉक में पड़ने वाले घणका गांव में रहती हैं. उनके साथ रहते हैं उन्हीं के हमउम्र गोविंद गरासिया. देसी अंदाज में कहें तो लक्ष्मी देवी और गोविंद गरासिया ने बीस दिवाली के दीए साथ में जलाए हैं, बीस बार…

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हिन्दू कॉलेज दिल्ली में ‘फिल्मों में गीत लेखन : अवसर एवं चुनौतियां’ पर वेबिनार

दिल्ली।  ‘जिनकी जिंदगी संघर्षों से लदी हुई है। वे वॉचमैन जो चौबीस घंटे कठिन ड्यूटी करते हैं दो जून रोटी के लिए अपना घर-अपना देस छोड़कर महानगरों में बदहाल  स्थितियों में रहने के लिए विवश हैं। ऐसे ही लोग ‘बंबई में का बा’ जैसे गीत के प्रेरणास्रोतों में से एक हैं। सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ सागर…

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संपादक से सभापति के बीच ठाकुर हरिवंश नारायण सिंह के करतब

जितेन्द्र कुमार हरिवंश कितने नैतिक हैं इसका अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि वर्ष 2014 में वह राज्यसभा में मनोनीत होते हैं, लेकिन आने वाले तीन वर्षों तक प्रभात खबर से 60 लाख रुपये से अधिक की राशि लगातार ले रहे हैं, जिसका जिक्र वह अपने आयकर रिटर्न में करते हैं। कायदे से…

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किसान बनाम पूँजीवाद: जातिगत राजनीति के नवउदारवादी हत्यारे

प्रबुद्ध सिंह जब किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिलता है तो क्या उसी अनुपात में यह भूमिहीन किसानों (एक बार फिर से इसमें अधिकतर दलित और आदिवासी आबादी शामिल है) की आय पर प्रतिकूल असर डालने वाला साबित नहीं होता है? जब एक बार खेतीबाड़ी के “संपूर्ण पतन” के चलते ग्रामीण आय पूरी…

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फर्जी खबरों का कारोबार और भारतीय मीडिया पर उठते सवाल

संजय राय पच्चीस साल यानी एक चौथाई सदी पूरी हो गयी! 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली कि गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं। देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई। न्यूज़ चैनलों पर अटल बिहारी वाजपेयी समेत कई नेता गणेश जी को दूध पिलाते दिख रहे थे। इसके बाद…

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जन सरोकार से जुड़ी खबरें मुख्यधारा से क्यों गायब हैं ?

नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुआ डॉक्यूड्रामा “सोशल डायलेमा” इन दिनों काफी चर्चा में है.यह हमें बताती है कि लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए सोशल वेबसाइट्स द्वारा जो अल्गोरिदम सेट किए जा रहे हैं वह ऑब्जेक्टिव नहीं हैं. वह “किसी कामयाबी की परिभाषा” के तहत गढ़े जा रहे हैं. इसी डाक्यूड्रामा से…

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क्या सरकार अब सोशल मीडिया और न्यूज पोर्टलों का मुँह बंद करना चाहती है ? – जीवेश चौबे

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ चैनल की मंशा व नीयत पर सवाल उठाते हुए पर ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के प्रसारण पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है, ‘आप एक धर्म विशेष को टारगेट नहीं कर सकते किसी एक विशेष तरीक़े से।’ सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के चलते…

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